Find the Latest Status about जिंदगी है लेकिन पराई from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, जिंदगी है लेकिन पराई.
Keshav
बंदिषे कोई नहीं है अभी फिर भी जिंदगी पराई सी क्यों लग रही है क्या पा रहा हुं और क्या खो रहा हुं पता नहीं कितना, मै जी रहा हूं ! जख्म किसी और को दर्द मै खुद ले रहा हु, समज न पाये कोई मुझे, न मै किसीको समझ रहा हु, क्या पा रहा हुं और क्या खो रहा हुं पता नहीं कितना, मै जी रहा हूं | तकलीफों को संभालते संभलते, न जाने मै क्यूं हस रहा हूं छाव तो अभी भी दूर है, पर सुकून को मैं पी रहा हु, बंजर हुआ है ये कलेजा, अब आंसू नही बरसते, जख्म कही और लगे है मगर मै रो रहा हुं| क्या पा रहा हुं और क्या खो रहा हुं पता नहीं कितना, मै जी रहा हूं ! ©केशव पराई जिंदगी
पराई जिंदगी #Shayari
read moreIrshad Shibu
बेटे के लिए ही क्यों होती रोज़ लड़ाई है क्यू खुश नही कोई की बेटी घर आई है माँ हम भी तो तेरे ही कोख़ से पैदा हुए फिर लोग क्यूं कहते हैं की बेटी पराई है ✍शिबु सिद्दीकी_इरसाद आलम बेटी पराई है
बेटी पराई है #शायरी
read moreIrshad Shibu
बेटे के लिए ही क्यों होती रोज़ लड़ाई है क्यू खुश नही कोई की बेटी घर आई है माँ हम भी तो तेरे ही कोख़ से पैदा हुए फिर लोग क्यूं कहते हैं की बेटी पराई है ✍शिबु सिद्दीकी_इरसाद आलम बेटी पराई है
बेटी पराई है #शायरी
read moreIrshad Shibu
बेटे के लिए ही क्यों होती रोज़ लड़ाई है क्यू खुश नही कोई की बेटी घर आई है माँ हम भी तो तेरे ही कोख़ से पैदा हुए फिर क्यू लोग कहते हैं की बेटी पराई है ✍शिबु सिद्दीकी_इरसाद आलम बेटी पराई है
बेटी पराई है
read moreIrshad Shibu
बेटे के लिए ही क्यों होती रोज़ लड़ाई है क्यू खुश नही कोई की बेटी घर आई है माँ हम भी तो तेरे ही कोख़ से पैदा हुए फिर लोग क्यूं कहते हैं की बेटी पराई है ✍शिबु सिद्दीकी_इरसाद आलम बेटी पराई है
बेटी पराई है #शायरी
read moreAnuj Ray
White रात पराई थोड़ी है" अपनी है "रात पराई थोड़ी है", ये सांसों की परछाईं की जोड़ी है। रिश्ते में सगी लगती अपनी, जीवन भर के सुख सपनों की डोरी है। दुख दर्द थकन करती छूमंतर, आंचल में भरी इसके ममता की लोरी है। ©Anuj Ray # रात पराई थोड़ी है"
# रात पराई थोड़ी है" #कविता
read moreLata Sharma सखी
बेटी क्यों है समाज में अब तलक बोझ ये बेटी, क्यों है पराई और बिना घर वाली ये बेटी। ससुराल भेजकर क्यों मुह मोड़ लेते हैं सभी, शादी के बाद घर में मेहमान क्यों है ये बेटी। जिसने जन्म दिया वही माँ क्यों अदू हो जाती है, क्यों बेटे की ख़ला न भर पाती है ये बेटी। अपनी ही माँ का साथ इसे मिलता नहीं है, क्यों माँ के लिए जन्म देना बोझ है ये बेटी। मायके और ससुराल रखती है ये बेटी, क्यों बचपन के बाद ये घर खो देती है बेटी। सोच सोच दर्द से चीख उठता है ये मन, जब देखती हूँ आस पास पराए होती ये बेटी। ©सखी #बेटी #पराई #क्यों #है
Sumit Bari
कल मेने एक बच्ची की ख्वाइश को कुचलते देखा जब गाड़ी के नीचे एक गुड़िया को टूटते देखा फुदकती,उछलती,खेलती जिस आँगन में थी उसी आँगन से फिर उससे रुखसत होते देख उसके किरदार का अंदाजा लगाना भी था मुश्किल कभी माँ, कभी बहन, कभी भाभी तो कभी दादी बनते देखा कैसे रहेगी बेटियां मेहफूश इस शहर में मेने तो लोगो को कोरे कागज भी बिगाड़ते देखा अब तो खुद से भी नजरे नही मिलती आईने में "बरी" जब एक बेटी को बाप की हवश बनते देखा.. सुमित बरी.31/05/2019 बेटियां क्यों पराई है
बेटियां क्यों पराई है
read more