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Anant Nag Chandan
रुक सी जाती है धड़कने जब वो अपना हाथ मेरे हाथों में रखती है। अनंत ©Anant Nag Chandan रुक सी जाती है धड़कने जब वो अपना हाथ मेरे हाथों में रखती है। अनंत
रुक सी जाती है धड़कने जब वो अपना हाथ मेरे हाथों में रखती है। अनंत
read moreसंजय जालिम " आज़मगढी"
White अफ़साना दिल का कहूँ कैसे दीवाना दिल को रखू कैसे माना मैं मुफ़्लिस् ,काफिर हु ज़माने का उनके सिवा "जालिम" उल्फ़त में जियु कैसे ©संजय जालिम " आज़मगढी" # जीयु कैसे#
# जीयु कैसे#
read moreSrinivas
जो खुशी देता है, उसकी कमी बेचैनी का कारण बन जाती है। ©Srinivas जो खुशी देता है, उसकी कमी बेचैनी का कारण बन जाती है।
जो खुशी देता है, उसकी कमी बेचैनी का कारण बन जाती है।
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White धुआं बया करता है दर्द राख निशानियां छोड़ जाती है, किसी की गुफ़्तगू में भी दम नही होता, किसी की ख़ामोशी फ़साने छोड़ जाती हैं. ©हिमांशु Kulshreshtha छोड़ जाती है
छोड़ जाती है
read moreदक्ष आर्यन
White कुछ बात ज़ख्म दे जाती है, घाव दे जाती गहरा पर रैत के जैसे बिखर रही है, सांस वक़्त के सहरा पर ©दक्ष आर्यन #Sad_Status कुछ बात ज़ख्म दे जाती है, घाव दे जाती गहरा पर रैत के जैसे बिखर रही है, सांस वक़्त के सहरा पर
#Sad_Status कुछ बात ज़ख्म दे जाती है, घाव दे जाती गहरा पर रैत के जैसे बिखर रही है, सांस वक़्त के सहरा पर
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी प्रकृति ने भरा है धरा अम्बर को हर संसाधनों से पंछी जानवरो तक का ख्याल रखा है होती सुबह रोज,रात भी होती है उम्मीद की किरणें हर चौखट तक होती है मगर लालचों ने खाई अमीरी गरीबी की खींची है अभावो में जो पलते,उनके पल भर कैसे कटते है चौबीस घण्टे भी पहाड़ जैसे लगते है सत्ताओ के समीकरण भी लाभ हानि पर टिके है पेशेवरों के लिये सहायक बिजनिस में गरीबो के खून चूसने पर लगे है एक तरफ मेहनतों की कीमत कम दूसरी तरफ टेक्स बराबर किये हुये है हको की लड़ाई पर कानूनों के जाल में आम लोग फंसे हुये है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #GoodMorning अभावो में जो पड़े हुये है,उनके पलभर भी कैसे कटते है
#GoodMorning अभावो में जो पड़े हुये है,उनके पलभर भी कैसे कटते है
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी बढ़ता अपराध और अपराधीकरण व्यवस्था सब चरमराती है शोषण की मार चहुँ और पड़ती अराजकता समाजो में घुसपैठ कर जाती है भूख भय और भ्र्ष्टाचार से जनता तड़पती माफियाओ की तूती बोलती रहती टेरर टेक्स वसूला जाता है सफेदपोश हिमायती बनते इनके सरकारी खजाने तक राजस्व पहुँच नही पाते है चोरी का दोष जनता को दे कर सरकारे मनमानी टेक्सो को बढाने में दिखाती है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #justice अराजकता समाज मे घुसपैठ करी जाती है
#justice अराजकता समाज मे घुसपैठ करी जाती है
read moreAnjali Singhal
White "हवा खिलाफ है हमारे। उड़ा ले जाती है खुशियांँ दूसरे किनारे।।" ©Anjali Singhal #Sad_Status "हवा खिलाफ है हमारे। उड़ा ले जाती है खुशियांँ दूसरे किनारे।।" #AnjaliSinghal #shayari #nojoto
#Sad_Status "हवा खिलाफ है हमारे। उड़ा ले जाती है खुशियांँ दूसरे किनारे।।" #AnjaliSinghal shayari nojoto
read moreParasram Arora
White ये बात कित्नी अजीब है कि सांसे मेरी धीमी और मंद होती जा रहीं जबकि मेरी नब्ज़ ने फड़कना बन्द कर दिया है अब ये कैसे तय हो कि मै कितनी देर या कितने दिन और जीता रहूगा ? और मानलो मरना ही पढ़ा तो मेरा अंतिम क्षण कौनसा होगा ©Parasram Arora कैसे तय हो?
कैसे तय हो?
read moreParasram Arora
Unsplash कैसे पता लगे कि कौनसी बात न्याय संगत है और कौनसी बात व्यर्थ कागज़ी फूलों पर तुमने कभी किसी भवरे को बैठते हुए देखा है क्या? ©Parasram Arora कैसे पता लगे?
कैसे पता लगे?
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