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gaTTubaba
White दो समंदर भला पानी से पानी दुश्मनी क्यों रखता होगा ? देखना चाहता हूँ घर के सामने का समंदर आँखों का बीचमें क्यों आता होगा ? ©gaTTubaba #Thinking दो समंदर भला पानी से पानी दुश्मनी क्यों रखता होगा ? देखना चाहता हूँ घर के सामने का समंदर आँखों का बीच में क्यों आता होगा ?
#Thinking दो समंदर भला पानी से पानी दुश्मनी क्यों रखता होगा ? देखना चाहता हूँ घर के सामने का समंदर आँखों का बीच में क्यों आता होगा ?
read moreSheera Singh
White हस्ता खेलता बिल्कुल मासूम सा बच्चा होगा अब झूठ बोलने वाला इन्सान सोचो कभी कितना सच्चा होगा मेरी ( माँ ) ने भी मुझसे ये झूठ बोला था ( शीरा ) तु किसी का अच्छा कर तेरे साथ भी अच्छा होगा ©Sheera Singh #Sad_Status अच्छा होगा
#Sad_Status अच्छा होगा
read moretheABHAYSINGH_BIPIN
मन का दुश्मन बनना होगा मन का दुश्मन बनना होगा, खुद से भी तो लड़ना होगा। यह छल न जाए जीवन को, सदैव ध्यान रखना होगा। बुझ न जाए प्रगति की मशाल, खुद आग बनकर जलना होगा। बनो सारथी खुद के रथ का, अर्जुन भी तुम्हें बनाना होगा। जीवन की रणभूमि से, सदैव चौकस रहना होगा। कोई हित-मित्र नहीं है पीछे, अकेले ही आगे बढ़ना होगा। निराशा की घटाएँ घेरें, तब खुद में जोश भरना होगा। इम्तिहान लेगी रणभूमि जब, समशिरों पर चलना होगा। प्रहरी हो तुम जीवन के, पूरी रात तुम्हें जागना होगा। इम्तिहान नहीं, युद्ध समझो इसे, प्रत्येक व्यूह से तुम्हें लड़ना होगा। काबू में रखना अवचेतन को, संघर्ष में दृढ़ रहना होगा। ठान सको जब ख़ुद से ही रण, ख़ुद पर प्रथम विजयी पाना होगा। विचलित ना होना इस रण में, भावों का नाश करना होगा। भेद गए जब व्यूह को तुम, अंतिम क्षण तक तुम्हें लड़ना होगा। संकल्प लो, उद्घोष करो, निर्भीक बाणों की वर्षा करना होगा। तोड़ सको तुम द्वार सभी, अभिमन्यु तुमको बनना होगा। ©theABHAYSINGH_BIPIN #सदैवचलनाहोगा Rakesh Srivastava happydil Internet Jockey Anupriya Author Shivam kumar Mishra (Shivanjal) मन का दुश्मन बनना होगा
#सदैवचलनाहोगा Rakesh Srivastava happydil Internet Jockey Anupriya Author Shivam kumar Mishra (Shivanjal) मन का दुश्मन बनना होगा
read morejaiveer singh
White कौन आया है यहां कोई ना आया होगा। मेरा दरवाजा बस हवाओं ने हिलाया होगा।। और धूप में चलकर मेरे साथ जो आया होगा। वह कोई गैर नहीं मेरा ही साया होगा।।... और जाम भरता है उठाता है पटक देता है। गम का मारा है प्यार में धोखा खाया होगा।। और जो दीवार पर कुछ नक्श हैं.. धुंधले धुंधले।.. उसने मेरा नाम जयवीर लिख लिख कर मिटाया होगा।।.... ©Jaiveer Singh #love_shayari कोई न आया होगा
#love_shayari कोई न आया होगा
read moreAnuj Ray
White अनुप्रास अलंकार कविता खिली है रुत बसंत की, कली कली ने डाल डाल पर, मधुमास के मौसम में , मद भरी ख़ुशबू का रंग बिखेरा है। बहक के बावरे हुए हैं भंवरे, प्रीत ने प्रेम से योगियों को घेरा है, किरण किरण ख़ुशी से खिल उठी है,नई सुबह ने डाला डेरा है। ©Anuj Ray अनुप्रास अलंकार कविता"
अनुप्रास अलंकार कविता"
read moreF M POETRY
Unsplash यहाँ नहीं है वहाँ नहीं है.. तुम्हारी यादें कहाँ नहीं हैं.. कोई तो ऐसा मक़ाम होगा.. जहाँ पे दिल को सुकूँ मिलेगा.. यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY #कोई तो ऐसा मक़ाम होगा...
#कोई तो ऐसा मक़ाम होगा...
read moreSumitGaurav2005
White मेरा मन मस्तिष्क मदहोश करती मतवाली अदा, सनम तू मेरे लिए है हर पल ही ज़माने से जुदा। क्यों रहती गुपचुप गुमसुम गुम हो किन ख़्यालों में, तुम ही बसी हो सनम मेरे हर इक सवालों में। बड़ी बेचैनी बड़ी बेताबी खोया है बड़ा करार, जब से तुमसे सनम हो गया है मुझको प्यार। पहले प्यार की पहचान होनी बड़ी है जरूरी, फिर हमारे बीच सनम क्यों है इतनी ज्य़ादा दूरी। चाह मेरी चाहना तुम्हें चाहत फिर भी है अधूरी, सनम अपना लो मुझे हर कमी हो जाए पूरी। कर रहे कब से इंतज़ार इनकार या इकरार करो, प्यार का इज़हार करने से किसी से भी ना डरो। या तो अपना लो मुझे या फिर साफ मना करो, ऐसी भी क्या मज़बूरी थोड़ा तो इंसाफ करो। ✍🏻सुमित मानधना 'गौरव'😎 ©SumitGaurav2005 अनुप्रास अलंकार वाली कविता। अलंकार का अर्थ है काव्य या भाषा को शोभा देने वाला मनोरंजक तरीका। जब किसी काव्य में एक या एक से अधिक वर्णों की प
अनुप्रास अलंकार वाली कविता। अलंकार का अर्थ है काव्य या भाषा को शोभा देने वाला मनोरंजक तरीका। जब किसी काव्य में एक या एक से अधिक वर्णों की प
read moreधाकड़ है हरियाणा
नवनीत ठाकुर
आओ मिलकर कुछ इतिहास लिखें, इस अन्याय के जहान को खत्म करें। ये वक्त है, जब डर मिटा कर बोलना होगा, हर जुर्म की दीवारों को अब ढहाना होगा। इंसाफ का सूरज अब उगाना होगा, नई क्रांति का परचम लहराना होगा। हर साजिश का पर्दाफाश करना होगा, हर अन्याय को जड़ से उखाड़ना होगा। आओ उम्मीदों की मशाल जलाएं, इस सियाह दौर को रौशन बनाएं। ©नवनीत ठाकुर #आओ मिलकर कुछ इतिहास लिखें, इस अन्याय के जहान को खत्म करें। ये वक्त है, जब डर मिटा कर बोलना होगा, हर जुर्म की दीवारों को अब ढहाना होगा। इंस
#आओ मिलकर कुछ इतिहास लिखें, इस अन्याय के जहान को खत्म करें। ये वक्त है, जब डर मिटा कर बोलना होगा, हर जुर्म की दीवारों को अब ढहाना होगा। इंस
read moreधाकड़ है हरियाणा