Find the Latest Status about दीपावली क्यों मनाई जाती है from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, दीपावली क्यों मनाई जाती है.
@nil J@in R@J
होली क्यों मनाई जाती है आखिर होली का त्यौहार क्यों मनाया जाता है? होली के इस त्यौहार से अनेको पौराणिक कहानियां जुडी हुई हैं जिनमे से सबसे प्रचलित कहानी है प्रह्लाद और उनकी भक्ति की. माना जाता है की प्राचीन काल में हिरण्यकश्यप नाम का एक बलशाली अशुर हुआ करता था जिसे ब्रह्म देव द्वारा ये वरदान मिला था की उसे कोई इंसान या कोई जानवार नहीं मार सकता, ना ही किसी अस्त्र या शस्त्र से, ना घर के बाहर ना अन्दर, ना ही दिन में और ना ही रात में, ना ही धरती में ना ही आकाश में. के पास इस असीम शक्ति होने की वजह से वो घमंडी हो गया था और भगवन के बजाये खुद को ही भगवन समझता था. अपने राज्य के सभी लोगों के साथ अत्याचार करता था और सभी को भगवन विष्णु की पूजा करने से मना करता था और अपनी पूजा करने का निर्देश देता था क्यूंकि वह अपने छोटे भाई की मौत का बदला लेना चाहता था जिसे भगवन विष्णु ने मारा था. हिरण्यकश्यप का एक पुत्र था जिसका नाम प्रह्लाद था. एक अशुर का पुत्र होने के बावजूद वो अपने पिता की बात ना सुन कर वो भगवन विष्णु की पूजा करते थे. हिरण्यकश्यप के खौफ से सभी लोग उसे भगवन मानने के लिए मजबूर हो गए थे सिवाय उसके पुत्र प्रह्लाद के. हिरण्यकश्यप को ये बात मंजूर नहीं थी उसने काफी प्रयास किया की उसका पुत्र भगवन विष्णु की भक्ति छोड़ दे मगर वो हर बार अपने प्रयास में असफल होता रहा. इसी क्रोध में उसने अपने ही पुत्र की मृत्यु करने का फैसला लिया. इस घिनौने चाल में उसने अपने बेहेन होलिका से सहायत मांगी. होलिका को भी भगवान शिव द्वारा एक वरदान प्राप्त था जिसमे उसे एक वस्त्र मिला था. जब तक होलिका के तन पर वो वस्त्र रहेगा तब तक होलिका को कोई भी जला नहीं सकता. हिरण्यकश्यप ने एक षड़यंत्र रचा और होलिका को ये आदेश दिया की वो प्रहलाद को अपने गोद में लेकर आग में बैठ जाए. आग में होलिका जल नहीं सकती क्यूंकि उसे वरदान मिला है लेकिन उसका पुत्र उस आग में जाल कर भस्म हो जायेगा जिससे सबको ये सबक मिलेगा की अगर उसकी बात किसी ने मानने से इनकार किया तो उसका भी अंजाम उसके पुत्र जैसा होगा. होलिका प्रह्लाद को लेकर आग में बैठी तब वो भगवन विष्णु का जाप कर रहे थे. अपने भक्तो की रक्षा करना भगवन का सबसे बड़ा कर्तव्य होता है इसलिए उन्होंने भी एक षड़यंत्र रचा और ऐसा तूफ़ान आया जिससे की होलिका के शरीर से लिपटा वश्त्र उड़ गया और आग से ना जलने का वरदान पाने वाली होलिका भस्म हो गयी और वहीँ दूसरी और भक्त प्रह्लाद को अग्नि देव ने छुआ तक नहीं. तब से लेकर अब तक हिन्दू धर्म के लोग इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में देखते हैं और उस दिन से होली उत्सव की शुरुआत की गयी और इस दिन को मानाने के लिए लोग रंगों से खेलते थे. होली से ठीक एक दिन पहले होलिका दहन होता है जिसमे लकड़ी, घास और गाय का गोबर से बने ढेर में इंसान अपने आप की बुराई भी इसके चारो और घूमकर आग में जलाता है और अगले दिन से नयी शुरुआत करने का वचन लेते हैं. #NojotoQuote होली क्यों मनाई जाती है
The Viral Bhandaar
Ajay Jatav
राष्ट्रीय हिंदी दिवस प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को मनाया जाता है सोसायटी के अध्यक्ष राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर श्री प्रकाश बरनवाल का कहना है कि 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने यह निर्णय लिया कि हिंदी संघ सरकार की अधिकारिक भाषा होगी क्योंकि भारत में अधिकतर क्षेत्रों में ज्यादातर हिंदी भाषा बोली जाती थी इसलिए हिंदी को राजभाषा बनाने का निर्णय लिया गया इसी निर्णय के महत्व को प्रतिपादित करने तथा हिंदी को प्रत्येक क्षेत्र में प्रसारित करने के लिए वर्ष 1953 से पूरे भारत में 14 सितंबर को प्रतिवर्ष राष्ट्रीय हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद हिंदी को अधिकारिक भाषा के रूप में स्थापित किया गया काका कालेलकर और हजारी प्रसाद द्विवेदी और सेठ गोविंद दास आदि साहित्यकारों को साथ लेकर व्यवहार राजेंद्र सिंह ने अथक प्रयास किए इतिहास के क्षेत्र में कार्यक्रम के क्षेत्र में उत्पादन के क्षेत्र में उद्देश्य के क्षेत्र में हिंदी सप्ताह के क्षेत्र में पुरस्कार आलोचना इन्हें भी देखें हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा और राजभाषा दोनों है ©Ajay Jatav राष्ट्रीय हिंदी दिवस 14 सितंबर 1949 को मनाई जाती है संपूर्ण देश में मनाई जाती है और जब भारत और राज्य भाषा भी है
Saurav Das
हसता चेहरा क्यों सबको दिखाई जाती है! खुशी की बात क्यों सबको बताई जाती है! क्या कसूर है दूसरे पहलु का,ज़माना बता इस गम को क्यों छिपाई जाती है!! ©Saurav Das #गम #क्यों #छिपाई #जाती #है #adventure
DR. LAVKESH GANDHI
क्या जमाना आ गया है चलते-चलते रुक रही हैं सांसें फिर से कोरोना अपना कहर बरसा रहा है बिना ऑक्सीजन के लोगों की साँसें से निकल रही हैं जिंदगी पर कोरोना वायरस पड़ रहा है फिर से भारी अब फिर से सतर्कता रखना है बहुत ही जरूरी नहीं तो फिर से कोरोना पड़ेगा जिंदगी पर बहुत ही भारी ©DR. LAVKESH GANDHI #साँस # # अचानक क्यों रुक जाती है सांसे #
Govind Kumar Mishra
Govind Mishra ©Govind Kumar Mishra रविवार की छुट्टी क्यों दी जाती है