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Amrendra Kumar Thakur
White आज है हिंदी दिवस महान, सबको करना है इसका सम्मान। साल में एक दिन याद दिलाएं, हिंदी बोलें, वरना पछताएं। बड़े-बड़े मंचों पर भाषण देंगे, अंग्रेजी में हिंदी का गुणगान करेंगे। मंच पर बैठे नेताजी मुस्काएं, पीछे जाकर अंग्रेजी में बतियाएं। अखबारों में विज्ञापन छपवाएंगे, "हिंदी को बढ़ावा दें" चिल्लाएंगे। पर काम हो सरकारी दस्तावेज का, फिर अंग्रेजी ही याद आएंगे। हिंदी फिल्मों में अंग्रेजी गीत, बच्चों की किताबों में विदेशी ट्वीट। हिंदी तो बस त्यौहार बन गई, एक दिन की रौनक और फिर हार गई। आओ मिलकर ये वादा करें, साल में एक दिन हिंदी याद करें। बाकी दिन 'हिंग्लिश' चलाएं, हिंदी दिवस पर फिर मुस्कराएं। ©Amrendra Kumar Thakur #hindi_diwas #कविता कविताएं कविता कोश हिंदी कविता हिंदी कविता हिंदी दिवस पर कविता
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read moremr.ojha
मर्म उर में तृष्णा का संताप बढ़ रहा है मौन हैं ये चश्म किंतु वेदना का श्राप अनायास बह रहा है ✍🏻Rajnikant ojha ©mr.ojha #alone हिंदी कविता हिंदी कविता
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read morevineet kumar sharma
#HeartfeltMessage प्रेरणादायी कविता हिंदी हिंदी कविता हिंदी कविता कविता कोश कविता
read moreNC
White हर इम्तेहान में रहे वो अव्वल जिंदगी का रुख देख टूटा मनोबल किताबी बातें काम न आईं फलसफा नहीं है ये जिंदगी असल यहां ईमानदारी की नही कीमत कोई सच्चाई एक अकेले कोने में रोई यहां किताबों का न होता अमल यहां कर्मों का उल्टा मिलता फल ।। ©NC #Sad_shayri #कविता हिंदी कविता कविता हिंदी कविता
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read moreकाव्य महारथी
White शीर्षक ------ वृद्ध विधवा स्टेशन किनारे एक ढाबे में वृद्ध हाथो से खाना सजाती, चहरे पर गहरी चिंता लिए, झूठी थालियां नीरस उठाती ll मुग्ध थी गौर से चेहरे पढ़ने, दरिद्रता पीड़ा अतिभारी लड़ने, फटी सी साड़ी में पुस्तैनी चलाने, अकेली ही खड़ी किस्मत ढुलाने ll विग्रह बड़ा कुंठित अनमोल सा है, तन को ढकता, बिन लिहाजा है, पीछे पड़ा खुदा कुछ पुरजोर सा है, उस वृद्ध विधवा का क्या दोष सा है ?? ©Dilip Swami #Sad_Status हिंदी कविता कविताएं कविताएं हिंदी कविता प्रेरणादायी कविता हिंदी
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read moreVikram Kumar Anujaya
White किसी से दो पल का आत्मीय संवाद, हृदय के बोझ को कितना कम कर देता है।" मैं सोचता हूँ, नदियाँ समंदर की ओर क्यों भागती है, हवाएँ क्यों बेचैन और गतिमान है, ये धरती, ग्रह, नक्षत्र, सबके-सब घूमते क्यों हैं? चंद्रमा अनंत काल से यात्रा पर क्यों है, और ये समंदर उद्वेलित और दग्ध क्यों रहता है? क्या ये भी हमारी तरह आत्मीय संवाद के लिए किसी की तलाश में है? ©Vikram Kumar Anujaya #moon_day कविता कोश हिंदी कविता कविता प्रेम कविता हिंदी कविता
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read moreशर्मा निखिल
#पापा उंगली पकड़कर चलना सिखाया, कंधे पर बैठा कर शहर है घुमाया, आप को पाकर लगता है ऐसा, आपके रूप में प्रभु को है पाया| आप ही तो मेरी जिंदगी हो, ओ मेरे पापा, पापा पापा मेरे पापा, Mere Papa. Papa mere papa.. धूप में मेरी छाया बने हो, मुसीबत में बने मेरा सहारा, आपका जो मिला मुझे साथ, निखिल फिर कभी नहीं हारा आप ही तो मेरी जिंदगी हो, ओ मेरे पापा, पापा पापा मेरे पापा, Mere Papa. Papa mere papa.. हर सपनों को मेरे पूरा है किया, जो चाहिए था बिन मांगे हैं दिया, आई जो मुझ पर कभी कोई आंच, उसको आप ने अपने सर है लिया| आप ही तो मेरी जिंदगी हो, ओ मेरे पापा, पापा पापा मेरे पापा, Mere Papa. Papa mere papa.. ©शर्मा निखिल #foryoupapa हिंदी कविता हिंदी कविता प्रेरणादायी कविता हिंदी कविता कविता कोश
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read moreDeepika
White “मनुष्यों की मुक्ति की तरह कविता की भी मुक्ति होती है।” मनुष्यों की मुक्ति कर्म के बंधन से छुटकारा पाना है और कविता की मुक्ति छन्दों के शासन से अलग हो जाना है। जिस तरह मुक्त मनुष्य कभी किसी तरह दूसरों के प्रतिकूल आचरण नहीं करता, उसके तमाम कार्य औरों को प्रसन्न करने के लिए होते हैं फिर भी स्वतंत्र। इसी तरह कविता का भी हाल है। ~निराला~ ©Deepika #love_shayari कविता हिंदी कविता हिंदी कविता कविताएं कविता कोश
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read moreहिंदी कहानियां
हरी-भरी ये धरती प्यारी, फूलों से सजी बगिया न्यारी। नीला अम्बर, सूरज की किरण, पंछियों की मीठी छवि न्यारी।नदी की बहती निर्मल धारा, पर्वत की ऊँची चोटी प्यारा। सांझ का सुंदर सजीव दृश्य, चाँदनी रात की शीतल छाया।वृक्षों की छाया, हवा की सरगम, बारिश की बूँदें, झरनों का संगम। प्रकृति का हर एक रूप निराला, इसमें बसी है सृष्टि की माया।धरती माँ का ये अनुपम उपहार, हम सबको इसे सहेजना है प्यार। प्रकृति के रंग में रंग जाना, इसका सौंदर्य हमें बचाना। ©Gobind Kumar हिंदी कविता... हिंदी कविता
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