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तुम्हारी पुन्नू
प्रार्थना पत्र Jan 3, 2022 मेरी सभी कविताएं कविता नहीं प्रार्थना पत्र हैं तुम तक न पाने की असमर्थता बताने हेतु तुम्हें कहने का जरिया सुनो, तुम तक नहीं आ सकूंगा मैं तुम मुझे माफ कर दोगी क्या?? ©Poonam Rawat प्रार्थना पत्र #Winter #प्रार्थना
नागेंद्र किशोर सिंह ( मोतिहारी, बिहार।)
हे जगजननी, हे जगतारिणी, पत्र तुम्हें मैं लिखता हूं। आ जाओ मां मेरी कुटी में, यही विनय मैं करता हूं। भला ,बुरा जैसा भी हूं मैं, आखिर हूं तो तुम्हारा ही।आंचल में रख लो मुझको भी, हूं तो अंश तुम्हारा ही। पत्र नहीं अर्जी है मेरी, चरणों में मैं रखता हूं। हे....। तुम्हें छोड़ अब तू ही बता ,कहां और अब जाऊं मैं। तुमसे बढ़कर कौन है अपना, जिसे जाके अपनाऊं मैं। तेरी मर्जी अब तू जाने, सब तेरे हवाले ,करता हूं। हे.. । जिन राहों से तुम गुजरोगी, वहीं मुझे तुम पाओगी। मां बेटे का रिश्ता है ये, कैसे तुम ठुकराओगी। भूल न जाना अम्बे मेरी, चरणों में शीश नवाता हूं। हे ...। आप ही का .....नागेंद्र। ©नागेंद्र किशोर सिंह # प्रार्थना पत्र
newpmpommy2019
भगवान आपको हिन्दुस्तान में फिर आना पड़ेगा क्योंकि हम हिन्दुस्तानियो की सोच इतनी ज्यादा खराब हो रही है की हम लोग 8 साल की बच्चियों के साथ बलात्कार कर रहे है भगवान आप कैसे देख रहे हो ।। मेरा निमन्त्रण स्वीकार कीजिये ।। भगवान को बलात्कार बंद हेतु निमंत्रण पत्र
parineeta
पता नहीं कहाँ हो...... कैसे ढूँढू तुम्हे...... रास्ता है मुश्किल, कैसे बताऊँ तुम्हे...... तुम पास होकर भी सामने नहीं आते..... साथ होकर भी हम राज़ नहीं पाते.... मुश्किल है, पर आधारित है..... टिका हुआ है, तुमपर.....। जब भी तुम आओगे पुनः ......।। #पुनः
Geeta Sharma pranay
"गृह-प्रवेश " =========== गृह प्रवेश था आज उसके घर में मेरा | मेरी ही नजर में थे अनजान स्वागत था ,सत्कार था | पर !बहू के रूप में नहीं , मेहमान के रूप में या सच्चा ग्रह प्रवेश तो वह था, जो वह मेरा हाथ थाम कर मुझे अपने प्यार की दुनिया में ले गया था | पर तभी तो वह अनजान न होकर मेरी आंखों का अरमान बन गया | शायद वह ऐसा अरमान था जो मेरी जिंदगी को सँवार देता जो कहीं जाकर भी हमारा 'प्रणय' तो हो जाता,,,,,,| गीता शर्मा 'प्रणय' गृह प्रवेश
praveshKumar
हर जवाब पत्थर के दिल मेआग होती है जब तक ना छेड़ो वो सर के पर्दे पर होती है। ©praveshKumar प्रवेश कुमार