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Praveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी आत्मनिर्भय कैसे बनते झूठ का यहाँ कारोबार है आपदाओं को अवसर बनाने की होड़ सियासतों के रोज लगते दाँव है आत्मसम्मान सब का खो रहा किस्मत आजमाने का नही मार्ग है फरेबों और झूठो ने गठ जोड़ बना लिया समस्याओं का खड़ा पहाड़ है सच्चाई की फजीहत हो गयी गुमराह सारा जहान है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #motivate आत्म निर्भर कैसे बनते
#motivate आत्म निर्भर कैसे बनते
read moreनवनीत ठाकुर
हर चेहरा नया है, मगर दर्द वही है, दिल के किसी कोने में, दबी आवाज़ वही है। किरदार बदलते गए, पर कहानी वही है, साँसें बदल रहीं हैं, पर धड़कन की राग वही है। हर रास्ता अलग है, फिर भी सफर वही है, जो खुशी थी कभी, आज उसकी कसक वही है। आसमान बदलता है, मगर रंग वही हैं, सितारे टूटते हैं, पर अरमान वही हैं। रिश्ते नए बनते हैं, पर एहसास वही है, हर चेहरे पर मुस्कान, पर दिल उदास वही है। ख्वाब जितने भी बदलें, हकीकत वही है, जिंदगी का ये नाटक, बस परछाईं वही है। दिल की ज़ुबां पर सवालों का शोर वही है, ज़िंदगी के हर मोड़ पर, सन्नाटा घना वही है। वक्त ने हर चीज़ को बदला, पर जख्म पुराने वही हैं, वो बातें जो छूट गईं थीं, अफसाने वही हैं। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर रिश्ते नए बनते हैं, पर एहसास वही है, हर चेहरे पर मुस्कान, पर दिल उदास वही है। ख्वाब जितने भी बदलें, हकीकत वही है, जिंदगी का ये
#नवनीतठाकुर रिश्ते नए बनते हैं, पर एहसास वही है, हर चेहरे पर मुस्कान, पर दिल उदास वही है। ख्वाब जितने भी बदलें, हकीकत वही है, जिंदगी का ये
read moreAnjali Jain
आज प्रजातंत्र,भीड़तंत्र में बदल चुका है भीड़, पहले नेतृत्व को विवश करती है अपनी सुख सुविधाओं के लिए.... फिर स्वयं विवश होती है अपने दुःख और दुविधाओं से...!! ©Anjali Jain आज का विचार 08.12.24 आज का विचार
आज का विचार 08.12.24 आज का विचार
read moreनवनीत ठाकुर
"हम पंखों से नहीं, हौसलों से उड़ान भरते हैं, मंजिलें मुश्किल हो, उन्हीं तक हम पहुंचते हैं। राहों की धुंध में भी, हम उजाले बनते हैं, हम वो हैं, जो तूफानों में भी, राह अपनी खुद बनते हैं।" ©नवनीत ठाकुर हम पंखों से नहीं, हौसलों से उड़ान भरते हैं, मंजिलें मुश्किल हो, उन्हीं तक हम पहुंचते हैं। राहों की धुंध में भी, हम उजाले बनते हैं, हम वो हैं
हम पंखों से नहीं, हौसलों से उड़ान भरते हैं, मंजिलें मुश्किल हो, उन्हीं तक हम पहुंचते हैं। राहों की धुंध में भी, हम उजाले बनते हैं, हम वो हैं
read moreneelu
White यह तो नहीं पता... दशहरे पर कितने रावण जले थे पर देखते हैं.... दिवाली पर कितने राम बनते हैं ©neelu #sunset_time यह तो #नहीं पता... #दशहरे पर #कितने #रावण जले थे पर #देखते हैं.... #दिवाली पर #कितने #राम #बनते हैं