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Ravendra
Ruchi Shrivastava
गायत्री मंत्र ओम भूर भुवा स्वाहा तत्सवितुर्वरेंयं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न प्रचोदयात् ©Ruchi Shrivastava #feelingsad गायत्री मंत्र
Ravendra
Bhakti Kathayen
N S Yadav GoldMine
ब्रह्मा जी मंदिर पुष्कर नगरी में स्थित पूरे दुनिया में प्रसिद्ध है, आइये विस्तार से जानिए !! 🔆🔆{Bolo Ji Radhey Radhey} ब्रह्मा जी मंदिर पुष्कर :- 🌊 ब्रह्मा जी मंदिर पुष्कर नगरी में स्थित पूरे दुनिया में प्रसिद्ध है, जहां हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं। यहां पर साल में दो बार मेले का भी आयोजन होता है, जिसमें देश विदेश के बहुत सारे तीर्थयात्री और पर्यटक भाग लेते हैं। वर्तमान समय में पुष्कर को राजस्थान के सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों की सूची में शामिल किया गया है, जिसका मुख्य कारण ब्रह्मा जी का मंदिर है। दुनिया का एकमात्र ब्रह्मा जी का मंदिर कहां स्थित है ? 🌊 पुष्कर में स्थित ब्रह्मा जी का मंदिर दुनिया का एकमात्र मंदिर है, जो राजस्थान के अजमेर जिले में स्थित है। पुष्कर में स्थित ब्रह्मा जी मंदिर का इतिहास :- 🌊 बात उस समय की है जब व्रजनाश नामक एक राक्षस पृथ्वी पर अत्याचार कर रहा था, जो काफी असहनीय था। एक दिन ब्रह्मा जी ने क्रोधित होकर उस राक्षस का वध कर दिया। व्रजनाश का वध करते समय ब्रह्मा जी के हाथ से पुष्कर के तीन क्षेत्रों में कमल के पुष्प गिर गए और इन तीनों स्थानों पर झील का निर्माण हो गया। जिन स्थानों पर पुष्प गिरे थे, उन स्थानों को ज्येष्ठ, मध्य और कनिष्क कहा जाता है। 🌊 ज्येष्ठ पुष्कर ब्रह्मा जी को, मध्य पुष्कर विष्णु जी को और कनिष्क पुष्कर भोलेनाथ को समर्पित है। इन तीनों स्थानों के देवता ब्रह्मा, विष्णु और महेश को माना जाता है। सभी देवी-देवताओं के कहने पर ब्रह्मा जी ने व्रजनाश का वध करने के बाद पुष्कर में एक यज्ञ का आयोजन किया, जिसमें उनकी पत्नी सावित्री का ब्रह्मा जी के साथ बैठना जरूरी था। 🌊 जब यज्ञ की सभी तैयारी हो गई तो वहां पर ब्रह्मा जी की पत्नी सावित्री उपस्थित नहीं थी। बहुत देर तक उनकी प्रतीक्षा करने के बाद भी वह यज्ञ में उपस्थित ना हो सकी, इसलिए काफी समय तक इंतजार करने के बाद ब्रह्मा जी ने शुभ मुहूर्त में यज्ञ को संपूर्ण कराने के लिए गायत्री नामक एक कन्या से शादी कर ली और वे दोनों यज्ञ में बैठ गए। 🌊 यज्ञ पूर्ण होने रूप से खत्म भी नहीं हुआ था कि ब्रह्मा जी की पहली पत्नी सावित्री यहां आ पहुंची। यज्ञ में ब्रह्मा जी के साथ बैठी दूसरी पत्नी को देखकर देवी सावित्री ने क्रोधित होकर ब्रह्मा जी को श्राप दिया कि उनकी पूजा कभी भी नहीं होगी। बगल में ब्रह्मा जी की सहायता करने वाले विष्णु जी को भी देवी सावित्री ने श्राप दिया था कि उनको मानव जीवन में पत्नी विरह का दुख भोगना पड़ेगा। 🌊 यही कारण है कि दशरथ पुत्र श्री राम, जो भगवान विष्णु के अवतार थे, को मानव रूप में 14 वर्षों के वनवास के दौरान सीता हरण के समय और वापस अयोध्या लौटने के कुछ दिन बाद उन्हें अपनी पत्नी से अलग रहना पड़ता है। 🌊 देवी सावित्री का क्रोध शांत होने पर सभी देवताओं ने विनती की कि ब्रह्मा जी को दिए गए श्राप से मुक्त कर दें, लेकिन देवी सावित्री ने ब्रह्मा जी को श्राप मुक्त करने से साफ-साफ इनकार कर दिया, लेकिन ब्रह्मा जी को दिए गए श्राप को कम करने के लिए देवी सावित्री ने कहा कि पूरे पृथ्वी पर सिर्फ पुष्कर में ही ब्रह्मा जी की पूजा होगी। यही कारण है कि पूरे पृथ्वी पर ब्रह्मा जी का एक मात्र मंदिर सिर्फ पुष्कर में ही है, जो राजस्थान के अजमेर जिले में स्थित है। पुष्कर में स्थित ब्रह्मा जी के मंदिर में जाने का सबसे अच्छा समय :- 🌊 पुष्कर जाने का सबसे अच्छा समय मानसून के बाद सितंबर से मार्च तक का होता है। दोस्तों आपको पता ही होगा कि राजस्थान में गर्मी बहुत ज्यादा होती है, इसलिए राजस्थान को गर्मी के मौसम में विजिट करने पर राजस्थान के तापमान को लेकर आपको थोड़ी बहुत तकलीफ हो सकती है। ब्रह्मा जी के मंदिर में मेले का आयोजन :- 🌊 पुष्कर में हर साल दो पर्वों में विशाल मेले का आयोजन होता है, जिसमें से एक होली और दूसरा कार्तिक पूर्णिमा है। अगर आप पुष्कर में आना चाहते हैं, तो आप इन दोनों इन पर्वों के अलावा कभी भी आ सकते हैं, जब आप खासकर अपने फैमिली के साथ पुष्कर जाने का प्लान कर रहे हों, क्योंकि इन दोनों पर्वों में पुष्कर शहर में इतनी भीड़ होती है कि पैर रखने की जगह भी नहीं मिलती है। ब्रह्मा जी के मंदिर के खुलने और बंद होने का समय :- 🌊 पुष्कर में स्थित ब्रह्मा जी का मंदिर सप्ताह के सातों दिनों तक खुला रहता है, जो प्रतिदिन सुबह 06:00 बजे खुलता है और शाम 08:00 बजे बंद हो जाता है। पुष्कर में स्थित ब्रह्मा जी मंदिर कैसे पहुंचे :- 🌊 पुष्कर में स्थित ब्रह्मा जी का मंदिर सड़क और रेल दोनों मार्गों से जुड़ा हुआ है। साथ ही फ्लाइट से भी ब्रह्मा मंदिर जाने वाले लोगों को कोई दिक्कत नहीं होती है। आप आइए विस्तार से पुष्कर जाने के बारे में जान लेते हैं। हवाई जहाज से ब्रह्मा जी मंदिर कैसे पहुंचे ? 🌊 निकटतम हवाई अड्डा है, जो मंदिर से करीब 50 किमी. की दूरी पर स्थित है। एयरपोर्ट से पुष्कर में स्थित ब्रह्मा जी मंदिर जाने के लिए बस और टैक्सी की सुविधा मिल जाएगी। ट्रेन से ब्रह्मा जी मंदिर कैसे पहुंचे ? 🌊 निकटतम रेलवे स्टेशन पुष्कर में ही है, लेकिन देश के प्रमुख शहरों से पुष्कर आने के लिए आपको सबसे पहले आपको अजमेर रेलवे स्टेशन आना पड़ेगा, जो पुष्कर रेलवे स्टेशन से मात्र 16 किमी. की दूरी पर स्थित है। अजमेर रेलवे स्टेशन से पुष्कर आने के लिए ट्रेन, बस और टैक्सी तीनों की सुविधा उपलब्ध है। बस से ब्रह्मा जी मंदिर कैसे पहुंचे ? 🌊 नजदीकी बस स्टैंड अजमेर ही है, जहां पर देश के प्रमुख शहरों से सीधा बस चलती है। अजमेर से पुष्कर आने के लिए मैने ऊपर में बता दिया है। ©N S Yadav GoldMine #DarkCity ब्रह्मा जी मंदिर पुष्कर नगरी में स्थित पूरे दुनिया में प्रसिद्ध है, आइये विस्तार से जानिए !! 🔆🔆{Bolo Ji Radhey Radhey} ब्रह्मा जी