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Nilesh D jadhav Cuteneel n.j
bahut sari hasi 😁 bahut sari khushi😍 thodasa gum 😥 aur wo aur hum👫 bachpan Jitendra Ghosh writer
bachpan Jitendra Ghosh writer #कला
read moreRss Shakya
चांद हमारे आंगन में उतरे ये गंवरा ना था हम चांद से कुछ कहते भी कैसे ,जब चांद ही हमारा ना था #ThinkingMoon Gautam Kumar Kalpana Kumari Pintu Ghosh Ranjeet Kuldeep Kumar
#ThinkingMoon Gautam Kumar Kalpana Kumari Pintu Ghosh Ranjeet Kuldeep Kumar #शायरी
read moreSad Writer Sangam
ए रब मेरी दुआओ में असर इतना रहे , मेरी बहन का दामन खुशियो से भरा रहे ।। ©Sad Writer Sangam Sangam Gautam Sidhi , sad Writer sangam Gautam Sangam Gautam
Sangam Gautam Sidhi , sad Writer sangam Gautam Sangam Gautam
read moreRama Ghosh (রমা)
#tumharesaath Writer - Swapnil Chakraborty Voice - Me..Rama Ghosh.. #Poetry
read moreRss Shakya
बचपन और जिम्मेदारी हमने अपने हर ग़म को सब से छुपाया, कई बार तो खाना भी नहीं खाया / समझ गया था बचपन में ही खाने की कीमत, इसलिए हर रोज थोड़ा थोड़ा कमाया / #bachpan Bina Babi Gautam Kumar Rajesh Kumar Mahto Pintu Ghosh Kuldeep Kumar
WORDS OF VIVEK KUMAR SHUKLA
चलो एक बार फिर से सफर पर चलते हैं, चलो एक बार फिर से सफर पर चलते हैं, मंजिलों से है अनजान जो, उसी डगर पर चलते हैं, मंजिलों से है अनजान जो, उसी डगर पर चलते हैं, चलो एक बार फिर से सफर पर चलते हैं..... बिछड़ कर जिस मोड़ पर हम तुम ज़ुदा हुए, चलो एक बार फिर से उसी मोड़ मिलते हैं, चलो एक बार फिर से सफर पर चलते हैं, मंजिलों से है अनजान जो, उसी डगर पर चलते हैं, चलो एक बार फिर से सफर पर चलते हैं..... "*है मालूम की नहीं मिलता कभी भी चांद चकोर से, मिलती नहीं है धरती कहीं भी अम्बर के छोर से, पर जिस दिन मिल जाए चांद चकोर से - आ हम उस दिन तक चलते हैं..., मिल जाए धरती जाकर अम्बर से जिस छोर पे, चल हम दोनों उस छोर तक चलते हैं...., *" चलो एक बार फिर से सफर पर चलते हैं, मंजिलों से है अनजान जो, उसी डगर पर चलते हैं, " * है ख़बर शलभ को मिलते ही दिये से जल जाएगा, फ़िर भी जा दिये से मिलता है, है पता दिये को मिल शलभ ना उठ पाएगा, फ़िर भी उसके उठने तक जलते रहता है, है ख़बर हमें भी मिलन ना मुमकिन है, फ़िर भी चल हम भी शलभ सा कहानी गढ़ते है... *" चलो एक बार फिर से सफर पर चलते हैं, मंजिलों से है अनजान जो, उसी डगर पर चलते हैं, चलो एक बार फिर से सफर पर चलते हैं, चलो एक बार फिर से सफर पर चलते हैं, मंजिलों से है अनजान जो, उसी डगर पर चलते हैं, मंजिलों से है अनजान जो, उसी डगर पर चलते हैं, चलो एक बार फिर से सफर पर चलते हैं..... ✍️विवेक कुमार शुक्ला ✍️ ©Vivek Kumar Shukla #IntimateLove Subrat Ghosh Writer kaur abhinistha kriss.writes Anu Khadka
#IntimateLove Subrat Ghosh Writer kaur abhinistha kriss.writes Anu Khadka #कविता
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