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Mahesh Koli
तुम्हे मेरी यादों के सीवा ओर कुछ ना मिलेगा ख़्वाब मे भी आएगे तेरे पर ना कदमों का निशा मिलेगा ----mahesh koli---- निशा कदम के निशा
Kabir Befikra
क्यों आयें हम तेरे घर की तर्फ, पाऔं के निशा बता रहें हैं के तेरे दिल में, भिड़ बहुत हैं, @KAbirBefhikra पाऔं के निशा
Pooja Udeshi
Corona के कदमो के निशा नहीं मिट रहे कउ की कई लोग ये बात नहीं समझ रहे की बाहर निकलना, corona को दावत देना है अपनी नासमझी से ओरो की जान जोखिम मे डाल रहे,अपने कदमो के निशा भी मिटाने को आतुर हो रहे, जह्नुम मे जाकर क्या करोगे यही रह कर ये बात कउ नहीं समझ रहे मरना तो एक दिन है ही, कउ पहले मरने की जिद कर रहे, लगता है corona से गले मिलने को बहुत तरस रहे, मौत के बादल इंसान को निगलने के लिए घूम रहे, घर पर रहो ये बात कउ नहीं तुम लोग समझ रहे! Corona के निशा
Pooja Udeshi
पैरों के निशा मिट जाते है रेत मे वो धस्स जाते है, कुछ नहीं बचता सिर्फ नाम जहाँ मे कर जाते है, याद कर उन्हे आंसू बहाते है,जो लौट के कभी नहीं आते है पैरो के निशा
Ek villain
यह शर्मनाक है कि पूर्व राष्ट्रपति अहमद अंसारी ने एक बार फिर बेतुकी बात करने ना केवल अपनी श्रद्धा मानसिकता का परिचय दिया है बल्कि देश को बदनाम करने का भी काम किया है पहले कई बार अपने पद पर गरिमा के प्रतिकूल व्याख्या दे चुके अहमद अंसारी ने इस बार अमेरिका में आयोजित एक कार्यक्रम में यह कह दिया कि भारत में धार्मिक बहुमत वाली आबादी को राजनीति में एक अधिकार दे दिया गया है उन्होंने यह भी कहा डाला कि देश में मजहब के आधार पर सूटता को बढ़ावा दिया जा रहा है गंभीर बात यह है कि उन्होंने यह सब गणतंत्र दिवस के पावन अवसर पर किया और वह भी एक ऐसे मंच से जिसका आयोजक में इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल नामक संस्था भी शामिल है जिस पर भारत में दंगे करने के साथ-साथ पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआईएस के इशारे पर काम करने पर आरोप है अहमद अंसारी उपराष्ट्रपति के साथ कई देशों में भारत के राजदूत भी रह चुके हैं यह कल्पना करना ठीक नहीं है कि उन्होंने अपनी इस सोच के साथ अपने दायित्वों का निर्वाह किया होगा वह लगातार प्रदर्शन भी करते रहे भारतीय विभाजन के सबसे बड़े खलनायक जिन्ना की अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में तस्वीर का उन्होंने यह कहकर बचाव किया था कि यदि कोलकाता में विक्टोरिया मिल एरिया हो सकता है तो फिर एम यू में जिन्ना की तस्वीर क्यों नहीं लगा सकती इस तरह के कोविड-19 मारी के रूप में धार्मिक कट्टरता और आक्रमक राष्ट्रवाद का उल्लेख कर चुके हैं यह भी याद रहेगी अहमद अंसारी ऐसा भी विश्वास करते हैं कि देश का मुस्लिम समुदाय स्वास्थ्य को असुरक्षित महसूस कर रहा ©Ek villain #अहमद अंसारी के विचार #Memories