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Himanshu Prajapati
green-leaves हर काम हो जाएं आम, खुशियां हो जीवन में तमाम, आप जो चाहे पालो, आपका हो जग में नाम..! 🎉Happy New year🎉 ©Himanshu Prajapati #GreenLeaves हर काम हो जाएं आम, खुशियां हो जीवन में तमाम, आप जो चाहे पालो, आपका हो जग में नाम..! 🎉Happy New year🎉
#GreenLeaves हर काम हो जाएं आम, खुशियां हो जीवन में तमाम, आप जो चाहे पालो, आपका हो जग में नाम..! 🎉Happy New year🎉
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White वयां करती है कभी इश्क़, कभी रंज, मेरे दर्द से आँखें चार नहीं करती। नज़रें मिले तो मुड़ जाए कहीं, वो अब मेरे साथ नहीं चलती। स्टेटस से बयाँ करती है अपना दर्द, वो मुझसे अब प्यार नहीं करती। जो कहती थी, "सात खून माफ़ तेरे", गलती पर अब आँखें चार नहीं करती। कसती है अपने शब्दों से मुझपे तंज, सीधे-सीधे अब मुझसे कुछ नहीं कहती। बयाँ करती है मुझसे अपने रंज सभी, वो आँखों से कत्ल-ए-आम नहीं करती। ©theABHAYSINGH_BIPIN #Thinking वयां करती है कभी इश्क़, कभी रंज, मेरे दर्द से आँखें चार नहीं करती। नज़रें मिले तो मुड़ जाए कहीं, वो अब मेरे साथ नहीं चलती। स्टेट
#Thinking वयां करती है कभी इश्क़, कभी रंज, मेरे दर्द से आँखें चार नहीं करती। नज़रें मिले तो मुड़ जाए कहीं, वो अब मेरे साथ नहीं चलती। स्टेट
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White टूटी खिड़कियाँ, वो कच्चा मकान, जहां रहता था कभी सच्चा इंसान। मॉडर्न के बेहकावे में हम आकर, कैसे शरीफ दिखाता झूठा इंसान। रीति वो पुरानी कितनी प्यारी थी, जहां हफ्तों रुकता था हर मेहमान। भाईचारे की भावना एक हस्ती थी, अब भाई को नहीं मिलता सम्मान। अब किराए का शहर छोड़कर, उसी गांव में फिर से बस रहा इंसान। खो दिया है सबका अपमान कर, अब गैरों में ढूंढता है सम्मान। ये कैसा दौर चला है कलयुग का, देखकर भी कुछ न सीखता है इंसान। मुकर जाता है एक मदद के नाम से, अभय से ना रखता है जान-पहचान। ©theABHAYSINGH_BIPIN #sad_qoute टूटी खिड़कियाँ, वो कच्चा मकान, जहां रहता था कभी सच्चा इंसान। मॉडर्न के बेहकावे में हम आकर, कैसे शरीफ दिखाता झूठा इंसान। रीति वो
#sad_qoute टूटी खिड़कियाँ, वो कच्चा मकान, जहां रहता था कभी सच्चा इंसान। मॉडर्न के बेहकावे में हम आकर, कैसे शरीफ दिखाता झूठा इंसान। रीति वो
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White किसी के जाने का थोड़ा दुख तो होता है, अपनों के बदलने में थोड़ा दुख तो होता है। क्यों सोचते हो बार-बार, क्या गलती की हमने, इश्क़ में जान जाने का थोड़ा दुख तो होता है। क्यों बेवजह खुद को समझाते हो, सब ठीक है, एक शख़्स के लिए आंखें भरना तो होता है। सिर्फ मिलते नहीं रहबर से खुशियों के गुलदस्ते, इश्क़ की राहों में दिल का टूटना आम तो होता है। बीती हसरतें, बातें, एहसास और यादों को, सोच-सोचकर तबीयत खराब तो होता है। सोचकर गमगीन होना तो चलता ही है, किसी के जाने का थोड़ा दुख तो होता है। ©theABHAYSINGH_BIPIN #love_shayari किसी के जाने का थोड़ा दुख तो होता है, अपनों के बदलने में थोड़ा दुख तो होता है। क्यों सोचते हो बार-बार, क्या गलती की हमने, इश
#love_shayari किसी के जाने का थोड़ा दुख तो होता है, अपनों के बदलने में थोड़ा दुख तो होता है। क्यों सोचते हो बार-बार, क्या गलती की हमने, इश
read moreAdv AK Valmiki
#वह_मिला_किसी_और_को, शायद_वो_मेरे_नसीब_में_नहीं_था। उसका नाम लेकर, उसे बदनाम करूं। यार वह इतना, बुरा भी नहीं था।। _______________________
read moreनवनीत ठाकुर
White षड्यंत्रों की छाया हर दिल पर भारी, भ्रष्टाचार की चादर ने लूट ली जिम्मेदारी। शोषण के जख्म चीखते हैं बेआवाज़, जुर्म के मंजर बन गए रोज़ का आगाज़। अपहरण के धंधे अब आम हो गए, अपराधी खुलेआम इनाम हो गए। छेड़छाड़ के ज़ख्म लहू-लुहान हैं, इंसाफ के मंदिर खुद बदगुमान हैं। यह कैसी सभ्यता, यह कैसी रवायत? जहां जुर्म को मिलती है हर इक सहायत। ©नवनीत ठाकुर #षड्यंत्रों की छाया हर दिल पर भारी, भ्रष्टाचार की चादर ने लूट ली जिम्मेदारी। शोषण के जख्म चीखते हैं बेआवाज़, जुर्म के मंजर बन गए रोज़ का आगा
#षड्यंत्रों की छाया हर दिल पर भारी, भ्रष्टाचार की चादर ने लूट ली जिम्मेदारी। शोषण के जख्म चीखते हैं बेआवाज़, जुर्म के मंजर बन गए रोज़ का आगा
read moremanju Ahirwar
मैंने छुपाया है उसे खुद से भी ज्यादा अगर बता दिया जाता तो ख़ास से आम हो जाता ।। फिर मैंने भी भी उसे ख़ास बनाकर ही रखना तय किया ।। ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~`````~~~~~~~~~~~~~~ ~~~~~~~~~~~~~~~~``~~~~|~~~~~~~~~~~~ ©manju Ahirwar #sad_quotes #ख़ास #love #आम
#sad_quotes #ख़ास love #आम
read moreबेजुबान शायर shivkumar
// छठ पर्व // कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में, आता पर्व महान, सब हैं करते तेरा ध्यान, मैया तूँ है दयानिधान. चार दिवस का पर्व अनोखा, युगों से चलती आई, सीता मैया, कर्ण और पांडव, साथ में कुंती माई. भक्ति भाव उमड़ पड़ता है, करते सब गुणगान, सब हैं करते तेरा ध्यान, मैया तूँ है दयानिधान. प्यारी बहना दिनकर की हैं, षष्ठी तिथि है प्यारी, कृपा सिंधु हैं आप हे मैया, जग देता बलिहारी. डाला सूप सजाये कहते, आ जाओ दिनमान, सब हैं करते तेरा ध्यान, मैया तूँ है दयानिधान. आम की लकड़ी, नारियल, संतरा, मूली, ठेकुआ, केला, घाट सजे हैं सुंदर -सुंदर, कितना मोहक बेला. अमरुद, पान, सुपारी, गन्ना, विविध बने पकवान, सब हैं करते तेरा ध्यान, मैया तूँ है दयानिधान. जल में व्रती हाथ हैं जोड़े, सुख-समृद्धि मांगे, अंतस का तम दूर करो माँ, और न हम कुछ चाहें. कोढ़िया, दुखिया, बाँझ, गरीबी, सबका करते त्राण, सब हैं करते तेरा ध्यान, मैया तूँ है दयानिधान. ©बेजुबान शायर shivkumar 👏जय छठी माँ 👏 कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में, आता पर्व महान, सब हैं करते तेरा ध्यान, मैया तूँ है दयानिधान. चार दिवस का पर्व अनोखा, युगों से
👏जय छठी माँ 👏 कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में, आता पर्व महान, सब हैं करते तेरा ध्यान, मैया तूँ है दयानिधान. चार दिवस का पर्व अनोखा, युगों से
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