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Sethi Ji
White 🌸🌸🌸🌸🌸🌸 🌸 ईद मुबारक 🌸 🌸🌸🌸🌸🌸🌸 ऐ मेरे ख़ुदा चाहें मेरे चेहरे की हसीं ले लो यहाँ पर सबकी ज़िन्दगी में खुशियां भर दो ईद का मुबारक त्यौहार आया हैं सबको गले लगाने का त्यौहार आया हैं कितने प्यारे हैं सब यहाँ पर कितने हमारे हैं सब यहाँ पर बस इतनी गुज़ारिश करता हूँ आपसे आज दुनिया के सब इंसानों को एक कर दो 💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞 💫💫💫💫💫💫💫💫💫💫💫💫💫💫💫 ©Sethi Ji ♥️🌟 ईद मुबारक 🌟♥️ गले लगाओ ईद का त्यौहार आया हैं हर तरफ खुशियों का माहौल छाया हैं ।। पहले कितना बेचैन रहता था मैं अपनी ज़िन्दगी में
Rakesh Kumar Sah
Mahadev Son
तेरी शान निराली है माँ मन का अँधिआरा दूर कर रोशन करो माँ छुड़ा के सब मोह माया के बंधन, चरणों के पास अपने बुलाओ माँ खाली झोली बनके सवाली आया माँ कष्ट हरती सबके फिर बारी देरी क्यों पूत कपूत तो सुने माता न होती कुमाता बस सिवा न तेरे कोई न इस जहाँ में माँ श्रद्धा के फूल लाया चरणों से लगाओ माँ विगड़ी बनादो पत रखियो सदा मेरी माँ ©Mahadev Son तेरी शान निराली है माँ मन का अँधिआरा दूर कर रोशन करो माँ छुड़ा के सब मोह माया के बंधन, चरणों के पास अपने बुलाओ माँ खाली झोली बनके सवाली
Anurag Vishwakarma
Don't color me. मुझे रंग मत लगाना। I like playing holi. मुझे होली खेलना पसंद है । He is running. वो भाग रहा है। Don't color it. उसे रंग मत लगाओ। she got painted in colors. वो रंगों में रंग गई। Follow for more... ♥️✍️ ©Anurag Vishwakarma #Holi #learn_English #Love Don't color me. मुझे रंग मत लगाना। I like playing holi. मुझे होली खेलना पसंद है ।
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
ग़ज़ल :- यहाँ कोई भी मतदानी नहीं है । बिके हैं सब बेईमानी नहीं है ।।१ गिरा जो आँख से पानी नहीं है । बयां करना भी आसानी नहीं है ।।२ लगाओ खूब नारे हिंद के अब । यहाँ कोई भी यूनानी नहीं है ।। ३ जरा सा हौसला करके तो देखो । कोई भी दरिया तूफ़ानी नहीं है ।।४ तुम्हीं से पूछने आये चले हम । हमीं पे क्यूँ मेहरबानी नहीं है ।।५ चुनावी खेल चालू हो गये तो । दिखा कोई भी अभिमानी नहीं है ।।६ लगे आरोप झूठे सैनिकों पे । हमारा देश बलदानी नहीं है ।।७ अदब से सर झुकाते हैं उन्हें बस । प्रखर की वह महारानी नहीं है ।।८ १२/०३ २०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- यहाँ कोई भी मतदानी नहीं है । बिके हैं सब बेईमानी नहीं है ।।१ गिरा जो आँख से पानी नहीं है । बयां करना भी आसानी नहीं है ।।२
Shubham Shah
`। ©Shubham Shah हसदेव बचाओ, सरकार जंगल लगाओ #hasdeo #jungle #treanding #viarl #short
Shashi Bhushan Mishra
ज़िन्दगी के पड़ाव पर, मरहम लगाओ घाव पर, शहर की आबोहवा से दूर चल अब गांव पर, जानता था कष्ट देगी, बस न था लगाव पर, धूप में तलवे जलाकर, नज़र रक्खी छाँव पर, तेरी फ़ितरत का पता था, लगी इज्ज़त दांव पर, आसमाँ में उड़ा लेकिन, कदम रक्खे ठाँव पर, ज़ुस्तज़ू कुछ भी न गुंजन, सफ़र में हूँ नाव पर, -शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #मरहम लगाओ घाव पर#