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divya sha
सांवली सूरत होंठों का रंग लाल।। सिर पर जिनके मोरपंख साजे ब्रज में सब की मटकी फोड़ माखन हैं चुराते ।। इसलिए माखन चोर कहलाते ।। इनकी बांसुरी की मधुर धुन से सब मोहित हो जाते ।। Happy janmashtmi ©divya sha सांवली सूरत होंठों का रंग लाल।। #yqdada #yqdidi #happyjanmashtami #krishnajanmashtami #divyarajput._.24
Dr Jayanti Pandey
रंग रूप पर जो मरता हो, ऐसा तो मैं संगदिल नहीं सीरत इतनी निश्छल तेरी, शायद मैं ही काबिल नहीं। जो तू मुझसे बात करे तो कुछ अपने जी की कह पाऊं तेरी गहरी आंखों से डरता हूं, कहीं डूबूं और न उतराऊं! 🌝प्रतियोगिता-35 🌝 🌷"सांवली सूरत"🌹 #क़लम_ए_हयात #सांवली_सूरत #yqdidi #yqbaba #yqpoetry #yqhindi #jayakikalamse #YourQuoteAndMine Collaborat
विरांश सिंह
लोरी तैयार ही रहता था मैं तो जब रात ढलने को आती थी, सैर मैं करता था जन्नत की मेरी माँ जब लोरी सुनाती थी। सूरज, चाँद, तारों के देश में जाता था मैं अक्सर नींद में मुस्कुराता था जो कभी नहीं हो सकता था मैं ऐसे ख्वाब सजाता था, मिलती थीं वहाँ परियां जो बड़े सुन्दर गीत वो गाती थीं सैर मैं करता था जन्नत की मेरी माँ जब लोरी सुनाती थी। किसी राजकुमार से मैं कम न था उस उम्र में मुझे कोई गम न था मुझको कोई डरा सके इतना किसी में दम न था, बस थकान होती थी खेलकूद की उसकी गोद में वो उतर जाती थी सैर मैं करता था जन्नत की मेरी माँ जब लोरी सुनाती थी। बातों-बातों में सपनों की दुनिया में मैं खो जाता था सर रख माँ की गोद में मैं चुपचाप यूँ ही सो जाता था, प्यार से सिर पर मेरे वो हाथों से सहलाती थी सैर मैं करता था जन्नत की मेरी माँ जब लोरी सुनाती थी। यूँ लगता है बीते ज़माने कई न किस्से रहे न वो कहानियां रहीं लापता सी हो गयी हैं अब बचपन की वो नादानियाँ न रहीं, इस भाग दौड़ में भूल गए हम माँ बातें जो हमें बताती थी सैर मैं करता था जन्नत की मेरी माँ जब लोरी सुनाती थी। निंदिया आना री आना…चुप्पके से…हो चुप्पके से…. सपने सुहाने तू ले के आना…चुप्पके से…हो चुप्पके से… निंदिया आना री आना… चुप्पके से…हो चुप्पके स
Parul Sharma
krishna vani मोरा जियरा बिसरा रे यमुना घाट के किनारे कान्हा आजा तू बंसी बजारे। मोरा जियरा बिसरा रे सपनों में देखूँ,नैनन में देखूँ तोरी सांवली सूरत दरपन में देखूँ। जग सांवला हुआ रे। यमुना घाट के किनारे कान्हा आजा तू बंसी बजारे। तेरी बंसी की धुन गूँज रही पत्तन में, रज रज में पूरे गोकुल की सुधबुध गयी जबसे यादें छोड़ गया तू गोकुल में अब आ भी जारे यमुना घाट के किनारे कान्हा आजा तू बंसी बजारे। पारुल शर्मा #NojotoQuote मोरा जियरा बिसरा रे यमुना घाट के किनारे कान्हा आजा तू बंसी बजारे। मोरा जियरा बिसरा रे सपनों में देखूँ,नैनन में देखूँ तोरी सांवल
Parul Sharma
मोरा जियरा बिसरा रे यमुना घाट के किनारे कान्हा आजा तू बंसी बजारे। मोरा जियरा बिसरा रे सपनों में देखूँ,नैनन में देखूँ तोरी सांवली सूरत दरपन में देखूँ। जग सांवला हुआ रे। यमुना घाट के किनारे कान्हा आजा तू बंसी बजारे। तेरी बंसी की धुन गूँज रही पत्तन में, रज रज में पूरे गोकुल की सुधबुध गयी जबसे यादें छोड़ गया तू गोकुल में अब आ भी जारे यमुना घाट के किनारे कान्हा आजा तू बंसी बजारे। पारुल शर्मा #Krishna गीत मोरा जियरा बिसरा रे यमुना घाट के किनारे कान्हा आजा तू बंसी बजारे। मोरा जियरा बिसरा रे सपनों में देखूँ,नैनन में देखूँ
Chanchala Singh
yogesh atmaram ambawale
सांवली सूरत उसकी, अदा भी काफी मनमोहक लगे| सच्चे मन से प्रेमरंग में रंगी वो, चमकीली आँखों से और खूबसूरत लगे| ☺️ • Like • Comment • Share • ☺️ _______________________________ सहभागिता सबके लिए खुली है |#आपकी_सहेली शीर्षक : #तेरीज़ुल्फ़ें
Dr Upama Singh
ये सच है कि किसी की आँखें खूबसूरत हैं तो किसी की मुस्कुराहट सुंदर लगती है। खुबसूरती या सुंदरता का कोई पैमाना नहीं है, हो सकता मेरी नज़र को ज
Neha Pathak
वो रूप रंग की रानी है अनजानी सी है मग़र जानी मानी है, वो सांवली सूरत उसकी अक्सर मुझे रिझाती है वो मासूम मुस्कान हर बार मेरी नींद चुराती है!! 🌝प्रतियोगिता-35 🌝 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌷"सांवली सूरत"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या केवल मर्याद