Find the Latest Status about भगवान और किसान from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, भगवान और किसान.
NC
गर भगवान देते हैं अन्न तो किसान ही भगवान है गर भगवान करते हैं रक्षा तो जवान ही भगवान है गर भगवान देते हैं सुख सुविधा तो विज्ञान ही भगवान है जय जवान जय किसान जय विज्ञान #भगवान#abvajpayee #lbshastri#किसान#जवान#विज्ञान
Pritam Singh
(किसान और किस्मत) चिलचिलाती धूप थी, चारों तरफ़ सब सुनसान था। कोई नंगे पैरो चला आ रहा, देखा तो वो किसान था। आंखों में उसके आंसू ओर कंधे पर थी भारी गठरी। देख कर उसकी आंखों में आंसू मुझसे भी रहा गया नहीं। कर के थोड़ी सी हिम्मत पूछा, हे अन्नदाता हुआ है क्या बतलाते हो क्यों नहीं। बोला आज भी मंडी में फसल का भाव कोई मिला नहीं।। लागत से कम बेचने से अच्छा पशुओँ को खिलाऊंगा, मेरा क्या है एक और दिन भूखा ही सो जाऊँगा।। 2रु में था जो बेचा आज 100रु में बिक रहा । फिर क्या है फायदा उगाने का जब मुझे कुछ मिला नहीं। बिना कुछ किये वो साहूकार सब कमा रहा। इतना कहते कहते दर्द की सिसकियाँ अपने अंदर ही अंदर वो समा रहा।। सरकारें सिर्फ करती है दावा करने को कुछ रहा नही। किसानों के घरों में आज तक किसीने कुछ भरा नही। आज भी अगर नही जागी सरकारें, तो ऊपर वाला प्रलय लायेगा। ऐसा ना हो किसान के जैसे हर कोई भूखा रह जाएगा।। (प्रीतम सिंह) #किसान #Struggle #किस्मत किसान और क़िस्मत
Anurag Pritam
{किसान और बादल} ओ पालनहार हमारे तुम्हीं से है प्राण हमारे तेरी ही बूंदों से हैं पुलकित ख़्वाब हमारे एक तुम्हीं हो इस जग में पालनहार हमारे । क्या हम बिन तेरे क्या उम्मीद हमारी बिन तेरे प्रफुल्लित हैं हम बस तेरे सहारे एक तेरी छांव में जीवन शुखम्य हैं शिवा तेरे कहां आशियाने हमारे। तेरी आशा पर टिके बड़े बाहरी कर्ज हमारे तुम बरसों तो आए बदन पर कपड़ा हमारे तेरी हर बूंद में बसे सांस हमारे तेरा पानी ही धो पाएगा आंखों के आंसू हमारे। ©Omprakash Bajad किसान और बादल
एक शख्स
वो रूठा अगर तो मना नही पाओगे, औकात नही है उगा नही पाओगे। वो बड़ी मेहनत से खिला रहा है, रोटी से खेलोगे तो खा नही पाओगे। तुम्हारी कीमत तो कुर्सी है महज़, पर उसकी कीमत चुका नही पाओगे। माटी पे चलेगा नही हल अगर तो, माटी से तो भूख मिटा नही पाओगे। उधर हल तो इधर बल नही चलेगा, खाली पेट तो देश चला नही पाओगे। ©Shivendra Patel रोटी और किसान
Jitendra Kumar Som
परमात्मा और किसान एक बार एक किसान परमात्मा से बड़ा नाराज हो गया ! कभी बाढ़ आ जाये, कभी सूखा पड़ जाए, कभी धूप बहुत तेज हो जाए तो कभी ओले पड़ जाये! हर बार कुछ ना कुछ कारण से उसकी फसल थोड़ी ख़राब हो जाये! एक दिन बड़ा तंग आ कर उसने परमात्मा से कहा ,देखिये प्रभु,आप परमात्मा हैं , लेकिन लगता है आपको खेती बाड़ी की ज्यादा जानकारी नहीं है ,एक प्रार्थना है कि एक साल मुझे मौका दीजिये , जैसा मै चाहू वैसा मौसम हो,फिर आप देखना मै कैसे अन्न के भण्डार भर दूंगा! परमात्मा मुस्कुराये और कहा ठीक है, जैसा तुम कहोगे वैसा ही मौसम दूंगा, मै दखल नहीं करूँगा! किसान ने गेहूं की फ़सल बोई ,जब धूप चाही ,तब धूप मिली, जब पानी तब पानी ! तेज धूप, ओले,बाढ़ ,आंधी तो उसने आने ही नहीं दी, समय के साथ फसल बढ़ी और किसान की ख़ुशी भी,क्योंकि ऐसी फसल तो आज तक नहीं हुई थी ! किसान ने मन ही मन सोचा अब पता चलेगा परमात्मा को, की फ़सल कैसे करते हैं ,बेकार ही इतने बरस हम किसानो को परेशान करते रहे. फ़सल काटने का समय भी आया ,किसान बड़े गर्व से फ़सल काटने गया, लेकिन जैसे ही फसल काटने लगा ,एकदम से छाती पर हाथ रख कर बैठ गया! गेहूं की एक भी बाली के अन्दर गेहूं नहीं था ,सारी बालियाँ अन्दर से खाली थी, बड़ा दुखी होकर उसने परमात्मा से कहा ,प्रभु ये क्या हुआ ? तब परमात्मा बोले,” ये तो होना ही था ,तुमने पौधों को संघर्ष का ज़रा सा भी मौका नहीं दिया . ना तेज धूप में उनको तपने दिया , ना आंधी ओलों से जूझने दिया ,उनको किसी प्रकार की चुनौती का अहसास जरा भी नहीं होने दिया , इसीलिए सब पौधे खोखले रह गए, जब आंधी आती है, तेज बारिश होती है ओले गिरते हैं तब पोधा अपने बल से ही खड़ा रहता है, वो अपना अस्तित्व बचाने का संघर्ष करता है और इस संघर्ष से जो बल पैदा होता है वोही उसे शक्ति देता है ,उर्जा देता है, उसकी जीवटता को उभारता है.सोने को भी कुंदन बनने के लिए आग में तपने , हथौड़ी से पिटने,गलने जैसी चुनोतियो से गुजरना पड़ता है तभी उसकी स्वर्णिम आभा उभरती है,उसे अनमोल बनाती है !” उसी तरह जिंदगी में भी अगर संघर्ष ना हो ,चुनौती ना हो तो आदमी खोखला ही रह जाता है, उसके अन्दर कोई गुण नहीं आ पाता ! ये चुनोतियाँ ही हैं जो आदमी रूपी तलवार को धार देती हैं ,उसे सशक्त और प्रखर बनाती हैं, अगर प्रतिभाशाली बनना है तो चुनोतियाँ तो स्वीकार करनी ही पड़ेंगी, अन्यथा हम खोखले ही रह जायेंगे. अगर जिंदगी में प्रखर बनना है,प्रतिभाशाली बनना है ,तो संघर्ष और चुनोतियो का सामना तो करना ही पड़ेगा ! ©Jitendra Kumar Som # परमात्मा और किसान
यशवंत राय 'श्रेष्ठ'
किसानों का दर्द, कवि के शब्दों का उपसर्ग दोनों एक से है! न कभी साथ नहीं छोड़ते है, और न ही कभी हार मानते हैं? ©यशवंत राय 'श्रेष्ठ' किसान और कवि
prince yadav
#KisanDiwas किसान का कोई हमदर्द नहीं साहब किसान तो किस्मत का मारा है गर मो अपना हक मांगता है तो बाबूजी कहते आवारा है 📝प्रिंस यादव #किसान और #किस्मत