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अदनासा-
White पेट खाली हो और भूख बड़ा सवाली हो, तो सुखी रोटी भी शहद सा मीठा लगता है। लेकिन पेट भरा हो और जीभ मवाली हो, तो फ़ना मुर्गे में स्वाद थोड़ा नमक मांगता है। ©अदनासा- चित्र सौजन्य एवं हार्दिक आभार💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳https://clubparadis.prezly.com/koen-vanmechelen-lands-in-knokke-heist-with-the-major-exhibition-cosmopo
Shivkumar
मां का सप्तम रूप है मां कालरात्रि का, क्षण में करती नाश दुष्ट,दैत्य, दानव का। स्मरणमात्र से भाग जाते भूत, प्रेत, निशाचर, उज्जैन से दूर हो जाते हैं पल में ग्रह-बाधा हर। उपवासकों को नहीं भय अग्नि, जल, जंतु का, नहीं होता है भय कभी भी रात्रि या शत्रु का। नाम की तरह रुप भी है अंधकार-सा काला, त्रिनेत्रधारी है माताजी सवारी है गर्दभ का। दाहिना हाथ ऊपर उठा रहता है वरमुद्रा में, बाया हाथ नीचे की ओर है अभय मुद्रा में। तीसरे हाथ में मां के है खड्ग, चौथे में लौहशस्त्र, विशेष पूजा रात्रि में मां की करते हैं तंत्र साधक। शुभकारी है दूसरा नाम मां कालरात्रि का, शुभ करने वाली है मां, है सबकी मान्यता। गुड़हल का पुष्प है प्रिय, गुड़ का भोग लगाते हैं, कपूर या दीपक जलाकर मां की आरती करते हैं। ©Shivkumar #navratri #navaratri2024 #navratri2025 #navratri2026 #navaratri #नवरात्रि मां का सप्तम रूप है मां #कालरात्रि का, क्षण में करती #नाश दु
healthdoj
Mahadev Son
ॐ नमो महाकाली रूपम, शक्ति तु ज्योति स्वरूपम शुम्भ निशुम्भ को मारा, रक्तबीज को संहारा दुष्टों को संहारने वाली, भक्तों के दुःख हरने वाली, सन्त गुणी जन सब पूजते, पूजा की तिथि विधि ना जानू, मंत्र तंत्र को मैं ना जानू, मैया बस पढ़ुं चालीसा जीवन में माँ करना उजाला, बीच भंवर में फंसी है नैया, आकर लाज बचाना, सद्-बुद्धि का दान ही देना, ॐ नमो माँ काली शक्ति स्वरूपम मैया प्यारी, दया करो महाकाली ©Mahadev Son ॐ नमो महाकाली रूपम, शक्ति तु ज्योति स्वरूपम शुम्भ निशुम्भ को मारा, रक्तबीज को संहारा दुष्टों को संहारने वाली, भक्तों के दुःख हरने वाली, सन्
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
चित्र-चिंतन :- कुण्डलिया ताला मुँह पर मैं लगा , बैठा अब तक यार । सोचा था अनमोल है , प्रेम जगत व्यहवार ।। प्रेम जगत व्यहवार , इसी में जीवन फलता । लेकिन पग-पग आज , हमारा जीवन जलता ।। त्याग छोड़ व्यहवार , समय कहता है लाला । बुजदिल समझें लोग , देखकर मुँह पर ताला ।। १२/०४/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR चित्र-चिंतन :- कुण्डलिया ताला मुँह पर मैं लगा , बैठा अब तक यार । सोचा था अनमोल है , प्रेम जगत व्यहवार ।। प्रेम जगत व्यहवार , इसी में जीव
Shailendra Anand
Men walking on dark street रचना दिनांक 6,,,4,,,2024,, वार शनिवार समयकाल,,,,सात बजे ्््््््शीर्षक ््छाया चित्र में भावचित्र खिंचती चली गई तस्वीर है,, सुर्य की प्रचण्ड अग्नि तत्व तेज रश्मि प्रभा से झुलसते हुए जनजीवन पर खासा असर पड़ता है ्््््् ्््््निजविचार है ्््् सिन्दूरी रक्त लालिमा से अच्छादित है प्राकृतिक सौंदर्यता बिखेरती नजर आ रही है,, प्रेम से ही इस रचना में मनोभाव और स्थापत्य कला संस्कृति साहित्य दर्शनीय है।। प्रेम गगन नारंग मण्डल में एक दर्शनीय स्थल सा कोणार्क सूर्य मंदिर कोणार्क मंदिर वास्तुकला और चरित्र चित्रण किया गया ईश्वर ने इतना सुंदर और चमकदार आकर्षक है ,, और यह सुखद अहसास हो प्यारा सा जीवन सैलानीयो से यह दर्शनीय स्थल रेस्त्रां और व्यवसाय में नगर और आसपास के लघु उद्योग हस्तकला खानपान पर ध्यान केंद्रित कर पर्यटन विभाग द्वारा संचालित मिशन नेशन विचार कामयाब हो सकते है ।। प्रदेश सरकार द्वारा और केन्द्रीय पर्यटन विभाग द्वारा जारी दिशा निर्देश से निर्मित निरन्तर प्रयास ही अच्छे परिणाम प्राप्त होते है ,, श्रद्धा में भावना से मन प्रसन्न हो ऐसे चले जाते है।। असंख्य यात्रियों का काफिला अपने सपने बुनते हुए,, जीवन के सपने लेकर चलते रहो जमाने में क्या रखा है।। नदी किनारे से हरियाली से आच्छादित वन जंगल परिक्षेत्र और रमणीय दृश्य दृषयावलोकन सौंदर्यता बिखेरती नजर आ रहे है,, वन्य जीव अभयारण्य में प्रवासी दुनिया के आनंद मौज मस्ती में एक अलग ही सुन्दर छबि मनोमय मनोरम दृश्य में अपनी दिशा लेकर चलते रहें ।। जस्बात पर जिंदगी के उतार चढ़ाव में ,, सच बोल का संवाद संदेश पर आपबीती चर्चा कर मन को शांति मिलती है।। यही सही समय पर जिंदगी की फिलासफी प्रेम शब्द की शिक्षा दीक्षा संस्कार परिवार से जुड़े हुए रहते है,, मन को शांति प्रदान करे मनोरंजन त्वमं नमामि देवेभ्यौ नमः आपका छायाचित्र ही सुन्दर छबि मनोमय प्यारी छायाचित्र कृति है।। और यह सुखद अहसास हो प्यारा सा जीवन में एक जीवंत कलाकृति होती है,, यही भाव से जन्मा विचार की मां शब्द से जन्मा मातृभूमि भारत में सबसे विश्वसनीय कर्मस्थली मापदण्ड सब धर्मों में समरुपता है।। ्््््््् ्््््कवि शैलेंद्र आनंद ््््् 6,,, अप्रैल,,,,2024,, ©Shailendra Anand #Emotional छाया चित्र में भावचित्र खिंचती मुखपृष्ठ स्क्रीन पर जिंदगी में यात्रियों का और पर्यटन स्थल आयना नजरिया आनंद ही आनंद है यही सुखद अह
दीपा साहू "प्रकृति"
तुम्हारे प्रेम को अश्कों में भिगोना नहीं चाहती तुम्हें पा लेने की लालसा में, तुम्हें खोना नहीं चाहती। तुम तो प्रीत हो हृदय में समाहित। लाल रक्त कणिकाओं संग तुम भी हृदय से मस्तिष्क तक विचरते रहते हो! कभी होंठो पे मुस्कुराहट बनकर, ओस की बूंदों सा कभी ढलकर! कभी बहती नदियों सा कल-कल, हृदय की दीवारों पर चित्र उभरकर इन चित्रों को धोना नहीं चाहती तुम्हें पा लेने की लालसा में, तुम्हें खोना नहीं चाहती। मिलो-न-मिलो प्रीत तुमसे रहेगी, जीवन अंतिम क्षणों तक, तुम्हें रोना नहीं चाहती! तुम्हारे प्रेम को अश्कों में भिगोना नहीं चाहती तुम्हें पा लेने की लालसा में, तुम्हें खोना नहीं चाहती। ©दीपा साहू "प्रकृति" #Hope #Prakriti_ #deepliner #tum #love #intejar #Yaad #Nozoto तुम्हारे प्रेम को अश्कों में भिगोना नहीं चाहती तुम्हें पा लेने की लालसा में
N S Yadav GoldMine
{Bolo Ji Radhey Radhey} हमें भगवान श्री कृष्ण जी को, चित्र में नही, चिंतन में लाना चाहिए, हमें अपनी वाणी, अपना चरित्र, अपना यह अनमोल उपहार, जो भगवान की कृपा से मिला यह जीवन, संसार में रहते हुए, भगवान का किसी भी छन्न, विस्मरण न हो, हमारा जीवन मंगलमय ही है, तथा अन्य और कुछ भी करने के लिए शेष नही रहता।। जय श्री राधे कृष्ण जी।। ©N S Yadav GoldMine #lakeview {Bolo Ji Radhey Radhey} हमें भगवान श्री कृष्ण जी को, चित्र में नही, चिंतन में लाना चाहिए, हमें अपनी वाणी, अपना चरित्र, अपना यह अनम
N S Yadav GoldMine
{Bolo Ji Radhey Radhey} 🎆 पूजा का किसी भी धार्मिक व्यक्ति के जीवन में बहुत अधिक महत्व होता है। कोई भी व्यक्ति अपने किसी ईष्ट को, अपने किसी देवता को, किसी गुरु को मानता है, तो वह उनकी कृपा भी चाहता है। वह चाहता है कि उसके ईष्ट, देवता हमेशा उसके साथ रहें, गुरु का उसे मार्गदर्शन मिलता रहे। इसी कृपा प्राप्ति के लिए जो भी साधन या कर्मकांड अथवा क्रियांए की जाती हैं, उन्हें पूजा विधि कहते हैं। धर्मक्षेत्र के अलावा कर्मक्षेत्र में भी पूजा का बहुत महत्व है इसलिये काम को भी लोग पूजा मानते हैं। 🎆 जिस प्रकार हर काम के करने की एक विधि होती है, एक तरीका होता है, उसी प्रकार पूजा की भी विधियां होती हैं, क्योंकि पूजा का क्षेत्र भी धर्म के क्षेत्र जितना ही व्यापक है। हर धर्म, हर क्षेत्र की संस्कृति के अनुसार ही वहां की पूजा विधियां भी होती हैं। मसलन मुस्लिम नमाज अदा करते हैं, तो हिंदू भजन कीर्तन, मंत्रोच्चारण हवन आदि, सिख गुरु ग्रंथ साहब के सामने माथा टेकते हैं, तो ईसाई प्रार्थनाएं करते हैं। इस तरह हर देवी-देवता, तीज-त्यौहार आदि को मनाने के लिए, अपने ईष्ट - देवता को मनाने की, खुश करने की अलग-अलग पद्धतियां हैं, इन्हें ही पूजा-पद्धतियां कहा जाता है। 🎆 जिस प्रकार गलत तरीके से किया गया कोई भी कार्य फलदायी नहीं होता, उसी प्रकार गलत विधि से की गई पूजा भी निष्फल होती है। जिस प्रकार वैज्ञानिक प्रयोगों में रसायनों का उचित मात्रा अथवा उचित मेल न किया जाये, तो वह दुर्घटना का कारण भी बन जाते हैं, उसी प्रकार गलत मंत्रोच्चारण अथवा गलत पूजा-पद्धति के प्रयोग से विपरीत प्रभाव भी पड़ते हैं, विशेषकर तंत्र विद्या में तो गलती की माफी नहीं ही मिलती। ये कर्म काण्ड है, और भगवान श्री कृष्ण की मन से की गई भक्ति सर्वोत्तम और सर्वोपरि तथा सर्वसश्रेष्ठ हैं।। ©N S Yadav GoldMine #bachpan {Bolo Ji Radhey Radhey} 🎆 पूजा का किसी भी धार्मिक व्यक्ति के जीवन में बहुत अधिक महत्व होता है। कोई भी व्यक्ति अपने किसी ईष्ट को, अप
अदनासा-
सबकुछ खास होता है जब आप आस-पास होते है कुछ भी मंजूर नही है जब आप बहुत दूर होते है ©अदनासा- चित्र सौजन्य एवं हार्दिक आभार🌹💐🙏😊🇮🇳🇮🇳https://pin.it/6n8jhSSem #हिंदी #आप #आसपास #खास #दूर #मंजूर #मुहब्बत #Instagram #Pinterest #अदनासा