Find the Best Prakriti_ Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about prakriti poem in hindi, prakriti ka sandesh, prakriti in hindi, prakriti in hindi meaning, prakriti in hindi essay,
दीपा साहू "प्रकृति"
White बताने की तुमको ख्वाहिश अधूरी ज़िन्दगी तुमपे ठहर गई है। दूर बहुत हम आ निकले हैं तुम तक साँसे ठहर गई है। ये हर्फ़ मेरे पढ़ा करोगे,इश्क़ हमारा हुआ है तुमसे सुनाएंगे तुमको ग़ज़ल हमारी,लिखी कभी जो ठहर गई है। बताने की तुमको ख्वाहिश अधूरी ज़िन्दगी तुमपे ठहर गई है ©दीपा साहू "प्रकृति" #mountain #बताने की तुमको ख्वाहिश अधूरी ज़िन्दगी तुमपे ठहर गई है। दूर बहुत हम आ निकले हैं तुम तक साँसे ठहर गई है। ये हर्फ़ मेरे पढ़ा करोगे,इश्क़ हमारा हुआ है तुमसे सुनाएंगे तुमको ग़ज़ल हमारी,लिखी कभी जो ठहर गई है। बताने की तुमको ख्वाहिश अधूरी ज़िन्दगी तुमपे ठहर गई है। दीपा साहू प्रकृति #Prakriti_ #deepliner
दीपा साहू "प्रकृति"
White कभी कोई किस्मत का तारा चमक उठेगा! कभी हम भी पहचाने जाएंगे। इस भीड़ में खो गए हैं। ©दीपा साहू "प्रकृति" #SAD #Prakriti_ #deepliner
दीपा साहू "प्रकृति"
'मौत की ख़बर' ये कौन सा शहर आ गया ये कौन सी गलियाँ आ गई। अजनबी सी क्यों लग रही , ये धुंध कैसी छा गई। रास्ते अपरिचित है नज़र गली तुम्हारी वो कहाँ गई बरस बीत गए आँखों में नमी, है सिकन की एक रेखा आ गई। है खंडहर सी पड़ी ये दीवारें, संग रंग सारे बिखरा गई। तुम नहीं मिले कहीं,वो घर तुम्हारा एक ताला देख मन भरमा गई। किसी उम्मीद में कि तुम मौजूद होंगे, नामौजूदगी तुम्हारी वहाँ समा गई। कि उल्टे कदम लौट आने लगे, तभी मौत की तुम्हारी खबर आ गई। ©दीपा साहू "प्रकृति" #Prakriti_ #deepliner #poetry #love #SAD #you hj 'मौत की ख़बर' ये कौन सा शहर आ गया ये कौन सी गलियाँ आ गई। अजनबी सी क्यों लग रही , ये धुंध कैसी छा गई। रास्ते अपरिचित है नज़र गली तुम्हारी वो कहाँ गई
दीपा साहू "प्रकृति"
Men walking on dark street कई शहर रास ही नहीं आते, पर वहाँ ठहरना मज़बूरी बन जाती है। ज़िन्दगी बहुत आज़माती है। लोग कई मिलते हैं, अच्छे भी सच्चे भी मिलते हैं, अच्छाई और सच्चाई भी भरमाती है। ज़िन्दगी बहुत आज़माती है। पुरानी दुनिया के हम लोग, संस्कार पुराने,नए जमाने, लोगो के नज़रों में ही गिराती है। ज़िन्दगी बहुत आज़माती है। ©दीपा साहू "प्रकृति" #Emotional #Prakriti_ #deepliner #love कई शहर रास ही नहीं आते, पर वहाँ ठहरना मज़बूरी बन जाती है। ज़िन्दगी बहुत आज़माती है। लोग कई मिलते हैं, अच्छे भी सच्चे भी मिलते हैं, अच्छाई और सच्चाई भी भरमाती है।
दीपा साहू "प्रकृति"
ज़िन्दगी से शिकायत कैसी भावनाओं का कत्ल कर उन्हें कब्र में दफ्न करना उतना कठिन भी नहीं ! हाँ कभी-कभी ज़िंदा भी हो जाती है। अरे तो क्या हुआ ! फिर से दफ्न हो ही जाती है ! ओफ्फो.. कौन सी ज़िन्दगी लम्बी है छोटी सी तो बाकी है नम आँखें छुपाकर मुस्कुराहट लबों पे काफ़ी है। ख़ामोशी भी तो है न अच्छी दोस्त, होठो पे खूबसूरत साथी है। कुछ न कहो चुप ही रहो, धड़कने इस बात पे राज़ी है। फिर ज़िन्दगी से शिकायत कैसी? छोड़ो न बस गुज़र ही जाती है। ©दीपा साहू "प्रकृति" #truecolors #Prakriti_ #deepliner #zindagi #love #SAD #poem #poetry ज़िन्दगी से शिकायत कैसी भावनाओं का कत्ल कर उन्हें कब्र में दफ्न करना उतना कठिन भी नहीं ! हाँ कभी-कभी
दीपा साहू "प्रकृति"
एक पूर्णविराम होगा एक अर्धविराम होगा ज़िन्दगी की कहानी इतनी है बस पर चाहतो ,सपनो पर सदैव to be contineue ...........….. का साइन लगा होता है.... ©दीपा साहू "प्रकृति" #trafficcongestion #Prakriti_ #deepliner
दीपा साहू "प्रकृति"
दरकते प्रेम की पीड़ा, निःसंदेह, हृदय से निकलती है। लाल रक्त धमनियों से होता हुआ, पीड़ा को समाहित कर, मस्तिष्क के उस भाग पर पहुँचता है, जहाँ, उस प्रेम की तस्वीर बनी है। हाँ रंगीन है ,सुहानी है, आकर्षक है, पर प्रेमाघात की पीड़ा से, ज्यों ही रगें फटती हैं, सारा दर्द बिखर कर, उस तस्वीर पर छिटक जाता है, और वो तस्वीर, दर्द से भीग जाती है, उसको छूते ही,दरक जाती है, भीगे कागज की तरह, हम उसे गर्म साँसों से सुखाने , की कोशिश करते हैं, सूख तो जाती है, पर सिकुड़ जाती है....... हमेशा के लिए......…. दुबारा वो पहले जैसी नहीं होती। ©दीपा साहू "प्रकृति" #sugarcandy #Prakriti_ #deepliner#poem #Photography #love #SAD #Nozoto दरकते प्रेम की पीड़ा, निःसंदेह, हृदय से निकलती है। लाल रक्त धमनियों से होता हुआ, पीड़ा को समाहित कर, मस्तिष्क के उस भाग पर पहुँचता है, जहाँ, उस प्रेम की तस्वीर बनी है।
दीपा साहू "प्रकृति"
जितना दूर मैं तुमसे जाती हूँ, मन के पास तुम्हे उतना ही पाती हूँ। ©दीपा साहू "प्रकृति" #skylining #Prakriti_ #deepliner #Nozoto #tum #love #poem #Poetry