Find the Latest Status about बदायुनी इतिहासकार from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, बदायुनी इतिहासकार.
Anil Ray
किसी भी राष्ट्र की प्रगति को राष्ट्र में वर्तमान महिलाओं की प्रगति से मापन किया जाना चाहिए। ✍🏻...डॉ. भीमराव अम्बेडकर ©Anil Ray बादशाह-ए-कलम..........✍🏻🙏🏻 दुनिया की प्रत्येक विचारधारा ने लाखों-करोड़ो मानवों का रक्त बहाकर एक रक्तरंजित बाढ में स्वयं के वज़ूद को स्थापित
Ranjeet Suman
Ranjeet suman ©Ranjeet Suman जब तक शेरों के अपने इतिहासकार नहीं होंगे, शिकार की कथाएं हमेशा शिकारियों को शूरवीर कहेंगी।
Mehfil-e-Mohabbat
ग़रीब शख़्स को मिलता नहीं किसी भी तरह ये इश्क़ हो गया सरकारी नौकरी की तरह ©Mehfil-e-Mohabbat ✍️♥️ हिलाल बदायुनी♥️✍️
N S Yadav GoldMine
यह हिन्दू धर्म के सबसे प्रमुख और प्राचीनतम धार्मिक स्थलों में से एक है इस मंदिर के बारे में जानिए !! 🔯🔯 {Bolo Ji Radhey Radhey} लिंगराज मंदिर :- लिंगराज मंदिर, जहां भगवान शिव और विष्णु दोनों की एक साथ होती है पूजा :- 🎪 लिंगराज मंदिर उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर में स्थित है। यह हिन्दू धर्म के सबसे प्रमुख और प्राचीनतम धार्मिक स्थलों में से एक है। इस मंदिर से लाखों भक्तों आस्था जुड़ी हुई है। इस मंदिर से तमाम मान्यताएं और पौराणिक कथाएं जुड़ी हुई हैं। लिंगराज मंदिर की प्रसिद्धि और महत्व की वजह से हर साल लाखों श्रद्धालु यहां भगवान शंकर और विष्णु के हरिहर स्वरुप के दर्शन कर अभिभूत होते हैं। यह मंदिर न सिर्फ अपने धार्मिक महत्व की वजह से, बल्कि अपनी अद्भुत बनावट की वजह से भी काफी प्रसिद्ध है। यह उड़ीसा राज्य के प्रमुख आर्कषणों में से एक है। भगवान शिव के हरिहर स्वरुप को समर्पित लिंगराज मंदिर को सोमवंशी सम्राज्य के राजा जाजति केशती द्धारा बनवाया गया था।इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इस मंदिर में सिर्फ हिन्दू धर्म के लोग ही दर्शन कर सकते हैं, अन्य धर्म के लोगों को इस मंदिर में आने की अनुमति नहीं है। लिंगराज मंदिर का निर्माण एवं इसका इतिहास :- 🎪 भारत के सबसे प्राचीनतम मंदिरो में से एक इस लिंगराज मंदिर के वर्तमान स्वरुप को करीब 11 शताब्दी (1090 से 1104 ईसवी के बीच) में बनवाया गया था। हालांकि, कुछ इतिहासकारों एवं विद्दानों की माने तो यह मंदिर 6 वीं शताब्दी के बाद से ही आस्तित्व में आ गया था, क्योंकि 7वीं सदी के संस्कृत लेखों में इस मंदिर का जिक्र किया गया है। वहीं महान इतिहासकार फग्युर्सन का मानना था कि, इस मंदिर का निर्माण काम ललाट इंदु केशरी ने 615 से 657 ईसवी के बीच करवाया था। इसके बाद जगमोहन (प्रार्थना कक्ष) एवं मुख्य मंदिर और मंदिर के टावर का निर्माण 11वीं सदी में किया गया था, जबकि लिंगराज मंदिर के भोग-मंडप का निर्माण 12वीं सदी में किया गया है। इतिहासकारों के मुताबिक सोमवंशी सम्राज्य के शासक जाजति प्रथम ने, जब अपनी राजधानी राजस्थान के जयपुर से उड़ीसा प्रांत के भुवनेश्वर में स्थानांतरित की थी, तब उन्होंने करीब 11 सदीं में इस मंदिर का निर्माण करवाया था। यह भारत का ऐसा इकलौता मंदिर है, जहां भगवान शंकर और भगवान विष्णु दोनों के ही रुप इस मंदिर में बसते हैं। लिंगराज मंदिर से जुड़ी लोकप्रिय पौराणिक कथा :- 🎪 अपने धार्मिक महत्व एवं बेहतरीन कारीगिरी के लिए पूरे देश में विख्यात लिंगराज मंदिर से कई मान्यताएं एवं पौराणिक कथाएं जुड़ी हुईं हैं। एक प्रसिद्ध पौराणिक कथा के मुताबिक, भगवान शिव की अर्धांगिनी देवी माता पार्वती ने लिट्टी और वसा नाम के दो महापापी राक्षसों का वध भुवनेश्वर के इसी स्थान पर किया था। और इस युद्ध के बाद जब देवी पार्वती को प्यास लगी, तब भगवान शिव यहां अवतरित हुए और सभी नदियों के योगदान से बिंदू सरस झील का निर्माण किया जो कि बिन्दुसागर सरोवर के नाम से जाना जाता है, इस सरोवर के पास ही लिंगराज का यह अद्भभुत एवं विशालकाय मंदिर स्थित है। लिंगराज मंदिर की अद्भुत संरचना एवं अनूठी वास्तुकला :- 🎪 भारत के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक लिंगराज मंदिर अपने अनूठी वास्तुकला और अद्भुत बनावट के लिए भी जाना जाता है। भगवान शंकर को समर्पित यह मंदिर कलिंग वास्तुशैली और उड़ीसा शैली का उत्कृष्ट उदाहरण है। अपनी अनुपम स्थापत्य कला के लिए मशहूर लिंगराज मंदिर को गहरे शेड बलुआ पत्थरों का इस्तेमाल कर बनाया गया है। करीब 2,50,000 वर्ग फुट के विशाल क्षेत्र में बना यह अद्भुत मंदिर का मुख्य द्धार पूर्व की तरफ है, जबकि अन्य छोटे उत्तर और दक्षिण दिशा की तरफ मौजूद हैं। 🎪 भव्य बिंदू सागर झील के पास बना यह मंदिर किले की दीवारों से घिरा हुआ है, इसकी दीवारें सुंदर मूर्तियों से सुशोभित हैं तथा इस पर अति सुंदर नक्काशी की गई है। भारत के शानदार मंदिरों में से एक लिंगराज के मंदिर की ऊंचाई 55 मीटर है। मुख्य मंदिर के विमान से गौरी, गणेश और कार्तिकेय के तीन छोटे मंदिर भी जुड़े हुए हैं। इसके अलावा यह मंदिर हिन्दू देवी-देवताओं के करीब डेढ़ सौ छोटे-छोटे मंदिरों से घिरा हुआ है। मंदिर के चार प्रमुख हिस्से हैं- जिनमें से गर्भ गृह, यज्ञ शैलम, भोग मंडप और नाट्यशाला शामिल हैं। लिंगराज मंदिर में शिवरात्रि का विशेष उत्सव :- 🎪 भारत के इस प्रसिद्द मंदिर में हिन्दुओं के कई पवित्र त्योहारों को धूमधाम से मनाया जाता है। त्योहोरों के दौरान भक्तों की जमकर भीड़ उमड़ती है। इस मंदिर से निकलने वाली रथ यात्रा, चंदन यात्रा और महाशिवरात्रि का पर्व बेहद हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस मौके पर लिंगराज मंदिर की रौनक देखते ही बनती है। भगवान हरिहर को समर्पित इस मंदिर में फाल्गुन महीने में महाशिवरात्रि का त्योहार बनाया जाता है। इस दिन इस मंदिर में प्रतिष्ठित शिव प्रतिमा को विशेष तौर पर सजाया जाता है। 🎪 महाशिवरात्री के दिन लिंगराज को धतूरा, बेलपत्र, भांग भी चढ़ाया जाता है। इस दिन भक्तजन पूरे दिन उपवास करते हैं और भगवान शंकर का रुद्राभिषेक करते हैं। इस दिन सभी भक्त भगवान शिव की साधाना में डूबे नजर आते हैं। शिवरात्रि का मुख्य उत्सव रात के दौरान होता है, जब भक्तजन लिंगराज मंदिर के शिखर पर महादीप को प्रज्जवलित करने के बाद अपना व्रत खोलते हैं। महाशिवरात्रि के अलावा भगवान शंकर के इस प्रसिद्ध मंदिर में चंदन समारोह एवं चंदन यात्रा का उत्सव भी बेहद धूमधाम से किया जाता है। चंदन समारोह इस मंदिर में करीब 22 दिन तक चलने वाला महापर्व है। 🎪 इस पावन अवसर पर मंदिर के देवताओं,सेवादारों को भीषण गर्मी से बचाने के लिए चंदन का लेप लगाया जाता है। इसके अलावा चंदन समारोह के दौरान नृत्य आदि भी आयोजन किया जाता है, जिसमें महिलाएं प्रसन्न होकर शिव भक्ति के गानों पर पारंपरिक नृत्य करती हैं। अपनी अद्भुत कारीगिरी के लिए पूरे भारत में प्रसिद्ध इस लिंगराज मंदिर में अष्टमी के दिन निकलने वाली रथयात्रा भी यहां की काफी मशहूर है। इस रथयात्रा के दौरान यहां मंदिर के सभी देवी- देवताओं को खूबसूरत रथ में बिठाकर रामेश्वर के देवला मंदिर ले जाया जाता है। इन मौकों पर लिंगराज मंदिर का आर्कषण दो गुना बढ़ जाता है। लिंगराज मंदिर के दर्शन और बिन्दु सरोवर में स्नान करने का महत्व:- 🎪 लिंगराज मंदिर में जो भी भक्त आकर भगवान शिव का रुद्राभिषेक करना चाहते हैं, इसके लिए उन्हें यहां आकर पूजा करने के लिए टिकट खरीदना पड़ता है। इस मंदिर में प्रतिष्ठित लिंगराज के दर्शन के साथ यहां बिन्दु सरोवर में स्नान करने को लेकर भी काफी मान्यताएं जुड़ी हुई हैं। ऐसी मान्यता है कि इस सरोवर में स्नान करने से भक्तों की सभी शारीरिक और मानसिक बीमारियां दूर होती हैं लिंगराज मंदिर में दर्शन के लिए कैसे पहुंचे :- 🎪 लिंगराज मंदिर में दर्शन के लिए देश के कोने-कोने से लोग आते हैं। यहां वायु, रेल और सड़क तीनों मार्गों द्धारा आसानी से पहुंचा जा सकता है। आपको बता दें कि लिंगराज मंदिर के पास सबसे नजदीक एयरपोर्ट भुवनेश्वर एयरपोर्ट है, जिसकी मंदिर से दूरी करीब 4 किलोमीटर है। भुवनेश्वर भारत के सभी राज्यों एवं प्रमुख शहरों से ट्रेन और बस सुविधा से भी अच्छी तरह जुड़ा हुआ है, यहां के लिए सभी प्रमुख शहरों से अच्छी बसें चलती हैं। ©N S Yadav GoldMine #JallianwalaBagh यह हिन्दू धर्म के सबसे प्रमुख और प्राचीनतम धार्मिक स्थलों में से एक है इस मंदिर के बारे में जानिए !! 🔯🔯 {Bolo Ji Radhey Ra
Anil Ray
I want our India... जब तक जातिविहीन, समतामूलक समाज की स्थापना नही हो जाती 15 अगस्त को प्राप्त स्वतंत्रता का कोई महत्व नही है। ©Anil Ray बादशाह-ए-कलम...✍🏻 दुनिया की प्रत्येक विचारधारा ने लाखों-करोड़ो मानवों का रक्त बहाकर एक रक्तरंजित बाढ में स्वयं के वज़ूद को स्थापित किया। सत्
Vedantika
इंफ़िआल बहाने के अलावा तुमने किया क्या है? बच्चे पूछते है कि ज़िंदगी मे हमे तुमसे मिला क्या है? ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ आज का शब्द है "इंफ़िआल" "infi.aal" जिसका हिन्दी में अर्थ होता है पसीना, पसीना आना एवं अंग्रेजी मे
Vedantika
बेदाद करते आए हैं वे और हम तग़ाफ़ुल कर गए, इश्क़ के नाम पर बुझ गए चराग़ हमारी ज़िंदगी के। ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ आज का शब्द है "बेदाद" "bedaad" जिसका हिन्दी में अर्थ होता है अन्याय, ज़ुल्म एवं अंग्रेजी में अर्थ
Vedantika
उठाया है जिसने ख़्वाहिशों का भार, मैं भी हूँ। कि तेरे दीदार का तलबगार अबकी बार, मैं भी हूँ। *मुझे भी वहशत-ए-सहरा पुकार मैं भी हूँ / 'असअद' बदायुनी Greetings from Kautukii.. join your original couplet with the couplet of Shayar_ Poet
Vedantika
अब तो मोहब्बत में भी हीला नज़र आता हैं, जब से खुद से ही इतना फ़रेब किया हैं हमनें। ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ आज का शब्द है "हीला" "hiila" जिसका हिन्दी में अर्थ होता है छल, कपट एवं अंग्रेजी में अर्थ होता है
Vedantika
हर ख़्वाब मुसल्लम हो जरूरी तो नहीं है क्या पता इसी वजह से आँसुओं में कमी है ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ आज का शब्द है "मुसल्लम" "musallam" जिसका हिन्दी में अर्थ होता है पूरा, सारा, संपूर्ण एवं अंग्रेज