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काव्यांकुर तो_मयुर सं. लवटे

#Sad_Status मराठी कविता संग्रह मराठी कविता प्रेम मराठी कविता मराठी कविता प्रेमाच्या

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White *एक वॅलेनटाईन असा...*

तिचा तो गुलाब नको मला
तिचा होकार सुद्धा नको मला,
एकटाच सुखी आहे आयुष्यात.
तिच्या खोट्या प्रेमाची भीक नको मला...

तिचा चॉकलेट - रुपी मोह नको मला
तिच्या स्वार्थी प्रशंसा सुद्धा नको मला,
स्वतःच विकत घेऊ शकतो सगळंच.
तिचे बिनकामाचे ते बाहुले नको मला...

तिचे आणा - भाका देणे नको मला
तिचे साथ देणे सुद्धा नको मला,
मी मलाच साथ देईन सदैव.
तिच्या ओठांचा स्पर्श नको मला...

तिच्या सोबतीची मिठी नको मला
तिच्या संगतीचा सहवास सुद्धा नको मला,
स्वतःच स्वतःच्या कुशीत झोप घेईन.
तिची प्रेम स्वप्ने नको मला...

तिची आठवण परत नको मला
तिची मनात साठवण सुद्धा नको मला,
एकटाच माझं आयुष्य पणाला नेईन.
तिचा अर्ध्यावरचा साथ नको मला...

काव्यांकुर तो _मयुर सं. लवटे
आर्वी वर्धा, महाराष्ट्र
मो. नं.:- 7028426669

©मयुर लवटे #Sad_Status  मराठी कविता संग्रह मराठी कविता प्रेम मराठी कविता मराठी कविता प्रेमाच्या

Prakash writer05

मोटिवेशनल कविता इन हिंदी प्रेरणादायक मोटिवेशनल कोट्स मोटिवेशनल कोट्स समस्याओं पर

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White मेरी बहन सब की बहन है 
मगर
सामने वाले की बहन क्या माल है यार
यार तेरी यह सोच भी क्या कमाल है यार?
पीछे वाली गली में रहने वाली लड़की के देखो घुंघराले बाल हैं यार
लेकिन शायद  तू यह नहीं जानता
कि उसके लिए भी तेरी बहन के मस्त गुलाबी गाल हैं यार
चल यार चल रहे नुक्कड़ वाली दुकान पर
वहां ठेले पर तो एक से बढ़कर एक आइटम आते हैं
मगर हम भूल जाते हैं कि
हमारी बहन भी उसी ठेले वाले के यहां
किसी के लिए मस्त आइटम बन जाती है
यही हकीकत है आज की
यही सच्चाई है समाज की
तेरी बहन को किसी ने माल कहा तो
हो जाएगा बवाल यार
लेकिन
 नुक्कड़ वाली माल है
 यह तो मचाया तुमने ही धमाल है यार
तेरी यह सोच क्या है??
यह सोच ही तो कमाल है यार
तेरी बहन को जब यह पता लगेगा
तब तुमने सोचा है कि तू उसकी नजरों में क्या रह जाएगा
झूठ फरेबी कितनी चालें चलता है
ना जाने किस किस की बहनों को तू छलता है
मगर अफसोस है
कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो 
एक दिन तेरी खुद की बहन भी छली जाएगी
उसके दर्द की दास्तान भी तेरे खुद के सिर पर ही मढ़ी जाएगी
खुद की बहन को बचाना है तो सोच में परिवर्तन लाना है
अगर सामने वाले की बहन तेरी बहन होगी
तभी 
गली नुक्कड़ में तेरी बहन किसी की बहन होगी
खुद को बदलो सोच को बदलो
नजर को बदलो नजरिए को बदलो
नजारा तो खुद ही बदल जाएगा 
फिर कोई किसी की बहन को माल नहीं कह पाएगा
किसी की बहन तेरे लिए क्या माल है यार?
 वाह तेरी यह सोच भी क्या कमाल है यार!

©Prakash writer05  मोटिवेशनल कविता इन हिंदी  प्रेरणादायक मोटिवेशनल कोट्स मोटिवेशनल कोट्स समस्याओं पर

# दहलीज़ पर कविता"

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White  दहलीज़ पर कविता"

बहुत पछताए ,घर की 
लांघ के "दहलीज़"हम लड़कपन में,

बड़ा भरोसा था जिनके वादे पे,
मौसम की तरह रंग बदल गए कुछ दिन में।

अनुजकुमार हेयय क्षत्रिय

© # दहलीज़ पर कविता"

Narendra Vyawhare

महिला दिन मराठी कविता मराठी कविता प्रेम मराठी कविता प्रेरणादायी कविता मराठी

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लहानपणी शाळेत जायचो तेव्हा विद्धेची देवता म्हणून  'देवी सरस्वती' ची ओळख झाली,
पण जेव्हा पुस्तकं वाचली तेव्हा कळालं की हिच पुस्तक वाचता यावी म्हणून स्त्री समाजाला स्वतंत्र जगता यावं आणि गोरगरिबांची लेकर सुशिक्षित व्हावी यासाठी सावित्री ज्योतीनी पुढाकार घेऊन आम्हला स्वतःच्या पायावर उभ केल.ना की कुण्या देवी -देवतांनी.

©Narendra Vyawhare  महिला दिन मराठी कविता मराठी कविता प्रेम मराठी कविता प्रेरणादायी कविता मराठी

Anisha Kiratkarve

#Couple छोटी कविता मराठी मराठी कविता प्रेम मराठी कविता मराठी कविता मैत्री

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White आज पुन्हा एकदा वाटते कुठेतरी चुकतेय,
चांदण्या शोधता शोधता चंद्रा पासून मुकतेय......

आज पुन्हा एकदा वाटते ,तिथेच जावे नव्याने जिथे सोडून आले स्वतः ला,मन काही ऐकत नाही किती समजवाव मनाला....

आज पुन्हा एकदा वाटते कोणासाठी तरी मी खास आहे...
मन माझ ऐकत नाही ही फक्त खोटी आस आहे...

आज पुन्हा एकदा वाटते,विसरून जावे स्वतः ला,
ठेच लागली जिथं ,देव मानावं त्या दगडाला....

©Anisha Kiratkarve #Couple  छोटी कविता मराठी मराठी कविता प्रेम मराठी कविता मराठी कविता मैत्री

Abhilasha Pandey

#एकल व्यथा

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Unsplash दो अलग अलग आत्माओं की 
एकल‌ व्यथा को  जानकर 
समझने के प्रयास में अवलोकित 
करने पर, 
मुझे लगा 
कि संसार में अधिकतर 
दुख एक से हैं 
उन्हें सौपने वालों की अवस्था 
उन्हें सहकर पुन: किसी में 
स्थानांतरित कर देने  वालों
की अवस्था के समानुपाती है,,


_अभिलाषा "स्नेह"











..

©Abhilasha Pandey #एकल व्यथा

Anisha Kiratkarve

#SunSet मराठी कविता संग्रह मराठी कविता कविता मराठी मैत्री मराठी कविता प्रेमाच्या मराठी कविता संग्रह

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a-person-standing-on-a-beach-at-sunset आज असा कसा खेळ रंगला माझा माझ्याच मनावर्ती,
उगाच भांडते उगाच रुसते, नेमक बोलू कोणावरती...

खूप काही आहे बोलण्यासारखे ,पण बोलावेसे वाटत नाही,
कठीण होत आहे जगणे,जगता मला येतच नाही.....

आज पुन्हा वाटते तीच भीती पुन्हा आवडतोय एकांत
प्रेम कसे हे वाढत जाते काय कळेना दोघांत....

©Anisha Kiratkarve #SunSet  मराठी कविता संग्रह मराठी कविता कविता मराठी मैत्री मराठी कविता प्रेमाच्या मराठी कविता संग्रह

funny jokes

#Manmohan_Singh_Dies मोटिवेशनल कोट्स समस्याओं पर मोटिवेशनल कविता इन हिंदी Entrance examination

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Google एक ही जिंदगी मिली है 
ढ़ंग से बर्बाद करो !!😄😂😂

©funny jokes #Manmohan_Singh_Dies  मोटिवेशनल कोट्स समस्याओं पर मोटिवेशनल कविता इन हिंदी Entrance examination

Writer Mamta Ambedkar

#Romantic मोटिवेशनल कविता इन हिंदी मोटिवेशनल कोट्स समस्याओं पर

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White इंसान दो जगह हमेशा  हार जाता है

इंसान दो जगह हमेशा हार जाता है,
जहाँ दिल का रिश्ता गहरा हो जाता है।

एक वो जगह, जहाँ प्यार बसा होता है,
दूसरी, जहाँ परिवार का साया होता है।

प्यार में हार, मगर जीत सी लगती है,
आँखों में आँसू, पर खुशी छलकती है।

दिल देता है सब कुछ बिना हिसाब के,
चाहत की ये डोर, कभी न टूटने वाले ख्वाब के।

परिवार में हार, समर्पण कहलाता है,
हर त्याग में स्नेह छिपा नज़र आता है।

अपनों की खुशी में अपनी खुशी पाता है,
हर मुश्किल में साथ, बस वही साथ निभाता है।

दोनों हारें हैं, पर दिल से स्वीकार हैं,
प्यार और परिवार, जीवन के आधार हैं।

इन्हीं में बसी है जीवन की मिठास,
इन्हीं के बिना अधूरी है हर सांस।

इसलिए इंसान यहाँ हारने से डरता नहीं,
क्योंकि ये हार ही असली जीत कही जाती है।

©Writer Mamta Ambedkar #Romantic  मोटिवेशनल कविता इन हिंदी मोटिवेशनल कोट्स समस्याओं पर

शुभम मिश्र बेलौरा

#good_night परिवार

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White बचा लो अपना अब परिवार -2
घरवालों में खत्म हो रहा अपनापन और प्यार।
बचा लो अपना अब परिवार -2
जहां बुजुर्गों की इज्जत थी निगरानी करते थे, 
डांट ठहाके देते और बातें मर्दानी करते थे। 
जिंदा रहना बची जिंदगी उनकी इसी जमाने में, 
सारी अहमियत तौल दी गई थाली भर के खाने में। 
दादी दादा से सजा हुआ अब दिखता नहीं घर द्वार, 
घर वालों में खत्म हो रहा अपनापन और प्यार। 
बचा लो अपना अब परिवार -2
जहां एक भाई भाई के खातिर राज्य था छोड़ा,
सदियों में मां बेटे का रिश्ता न किसी ने तोड़ा।
वहीं एक कमरे की लड़ाई गोली तक चलवाती है, 
अपनी स्वतंत्रता के खातिर मां बेटे को खा जाती है। 
कर्तव्यों को छोड़ सभी को दिखता बस अधिकार, 
घर वालों में खत्म हो रहा अपनापन और प्यार। 
बचा लो अपना अब परिवार -2
भारत की सभ्यता संस्कृति इसमें रही समाई,
इसे मिटाने की साज़िश है दुनिया की सच्चाई। 
प्रेम जगाने वाला दीपक फिर से यहां जलाओ,
बच्चों को शिक्षा के संग संग संस्कार सिखलाओ। 
इसी का करते दुनिया वाले सबसे पहले शिकार, 
घर वालों में खत्म हो रहा अपनापन और प्यार। 
बचा लो अपना अब परिवार -2

©शुभम मिश्र बेलौरा #good_night परिवार
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