Find the Latest Status about san of satyamurthy from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, san of satyamurthy.
santosh sharma
।। ग़ज़ल।। मुफ्त में बिक रही हया, नश्ले शक्ल सरेआम हो रहा है, कौन किसे कहें शराबी, जहां पीना खूलेआम हो रहा है। यही है जश्न-ए-आजादी, मिट गया हक ज़मीर -ए-खाक, निज़ाम -ए-सल्तनत को, बदलने का इंतजाम हो रहा है। रंग गया तख्त-ए- शाही, धधकती रही सुबह- ए- शाम, फ़िक्र नही हैसीयत का,खुद से कोई बदनाम हो रहा है। नसीहत नहीं देते सबको ,सबक-ए-जिंदगी से सीख लेते, हुकुमत है अपनी -अपनी,रिस्तों का कत्लेआम हो रहा है। बह रहा 'संतोष' आंधियों मे,कहां जाए मुसाफ़िर ए मन, कल्पनाओं के सफर में, ये तहज़ीबी ब-पैगाम़ हो रहा है। फ़रेब-ए-नज़र से जो, शख़्सियत ए खास ,आम हो गया, जहां देखो इल्म का,हैवानियत से बे-क़याम हो रहा है। --------------संतोष शर्मा कुशीनगर (उत्तर प्रदेश) तिथि-14/03/2023 नूतन एवं मौलिक रचना। ©santosh sharma #san gazal