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Shreyansh Gaurav
देख इधर सभी जा रहें है कुंभ नहाने मेरी तरफ़ से मैं वहीं रहा हूँ कई साल, गली गली से वाकिफ़ हूँ..! मेरा भक्ति में मन नहीं लगता है, सम्मान करता हूँ सब अपने अपने डर से जा रहे,नहीं मैं मुनाफिक़ हूँ..! यें भक्ति,साधना,चादर,घंटा,श्रद्धा की बातें है सब सब डर से जा रहें है उधर, करतूतों से वाकिफ़ हूँ..! जाओ सब भक्ति का कोई वक़्त मुक़्करर नहीं है ईश्वर, अल्लाह सबके है, तुम डरे हो, मैं वाकिफ़ हूँ..! डर और श्रद्धा देखा हूँ, इक़ दूसरे क़े पूरक है अब भक्ति खुदगर्ज़ी से नहीं,अब करते हो तुम, वाकिफ़ हूँ..! यें संगम यें गंगा यें यमुना सब यहीं रहेगी हमेशा वक़्त बीतने पर नहीं जाओगे,तेरे डर से मुनाफिक़ हूँ..! आस्था है,भक्ति है,सब अंदर से रहतीं है,कितने हो खँगालो ख़ुद को,कि डरे नहीं हो,इससे वाकिफ़ हूँ..!! ©Shreyansh Gaurav #Kumbh #Thinking
Lovely Soni
यूं ही गंगा में इतनी भीड़ नहीं होती, सबको अपने कर्मो की जानकारी है।। ©Lovely Soni #Kumbh mela
#Kumbh mela
read moreGyan Sagar
Bhanu Nisha Singh ©Gyan Sagar motivational story in hindi
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read moreDeepa Jain
जिस कुंभ में समाज को आत्मिक चिंतन और अपने मूल को समझना चाहिए / देखना चाहिए.. उस कुंभ में लोग किसकी आंखें सबसे सुंदर ,कौन से बाबा क्या करते है देख / खोज रहे है .. आखिरकार किसे बेवकुफ बना रहे समाज को या गंगा को पाप तो हमारे मन से होते हैं देह से नहीं और गगा तो देह को धोती है मन को नहीं..! ©Deepa Jain Kumbh...
Kumbh...
read moreRohit Dubey
महाकुंभ 2025 शाही स्नान की महत्वपूर्ण तिथियां 13 जनवरी 2025-पौष पूर्णिमा 14 जनवरी 2025-मकर संक्रांति 29 जनवरी 2025-मौनी अमावस्या 3 फरवरी 2025-बसंत पंचमी 12 फरवरी 2025-माघी पूर्णिमा 26 फरवरी 2025-महाशिवरात्रि ©Rohit Dubey mha kumbh
mha kumbh
read moreAnil gupta
A short story गिलास की वजन की कहानी एक प्रोफेसर ने अपने छात्रों को एक गिलास पानी दिखाया और पूछा, "इस गिलास का वजन कितना है?" छात्रों ने जवाब दिया कि यह 200 से 500 ग्राम के बीच हो सकता है। प्रोफेसर ने जवाब दिया, "गिलास का वजन महत्वपूर्ण नहीं है। जो महत्वपूर्ण है वह यह है कि आप इसे कितना समय तक पकड़ते हैं। अगर मैं इसे एक मिनट के लिए पकड़ता हूं, तो यह हल्का लगेगा। अगर मैं इसे एक घंटे तक पकड़ता हूं, तो मेरा हाथ दुखने लगेगा। अगर मैं इसे पूरे दिन पकड़ता हूं, तो हाथ सुन्न हो जाएगा। गिलास का वजन नहीं बदलता, लेकिन जितना अधिक समय आप इसे पकड़ेंगे, उतना अधिक यह भारी महसूस होगा।" फिर उन्होंने कहा, "जिंदगी की परेशानियाँ भी इस गिलास की तरह हैं। कुछ देर के लिए इन पर विचार करें, तो कोई फर्क नहीं पड़ता। लेकिन अगर आप इन्हें और अधिक समय तक सोचते हैं, तो ये दर्द देने लगती हैं। और अगर आप इन्हें पूरे दिन सोचते हैं, तो आप बिल्कुल थक जाते हैं। इसलिए कभी भी इस गिलास को नीचे रख दें।" सीख: अपने तनाव और चिंताओं को कुछ समय के लिए छोड़ दें, ताकि वे आपके जीवन को न तोड़ सकें। ©Anil gupta(Storyteller) #story motivational story in hindi
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