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dilkibaatwithamit
White हर रात हर बात लिखेंगे हर कोई पढ़ सके इतना साफ लिखेंगे अपने जज्बात और अपने ही अरमान लिखेंगे बिन-तेरे क्या है मेरे वो सारे हालात लिखेंगे, बस नहीं लिखेंगे तो हम तेरी बात ना लिखेंगे ना तो तेरी खूबसूरती लिखेंगे ना तेरी कातिल अदाएं लिखेंगे अब जब भी मन करेगा हम दिल में मचलते अरमान लिखेंगे जो अकेले गुजारी है वो शाम लिखेंगे तन्हा तन्हा जो बीती वो रात लिखेंगे बहुत शिकायत है हमें तुझसे फिर भी जब भी लिखेंगे तेरी चाहत में डूबे अरमान लिखेंगे. ©dilkibaatwithamit हर रात हर बात लिखेंगे हर कोई पढ़ सके इतना साफ लिखेंगे अपने जज्बात और अपने ही अरमान लिखेंगे बिन-तेरे क्या है मेरे वो सारे हालात लिखेंगे,
हर रात हर बात लिखेंगे हर कोई पढ़ सके इतना साफ लिखेंगे अपने जज्बात और अपने ही अरमान लिखेंगे बिन-तेरे क्या है मेरे वो सारे हालात लिखेंगे,
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White तेरे स्मरण में कटते हैं दिन-रात अब तो, भाव में ही खोकर मिटाते हैं सुख-चैन अब तो। भूलों को मार्ग दिखाया, दुखियों को आस दिया, तेरी कृपा से ही पाया, हर जीवन का उजास लिया। तेरे चरणों में पाकर शांति का हर संदेश, संसार की हर पीड़ा से मिलता तेरा परिवेश। भक्ति में डूबे हैं, तेरा नाम जपे हैं हर पल, तेरे बिना जीवन लगता है एक अधूरा कल। ©theABHAYSINGH_BIPIN #Ganesh_chaturthi तेरे स्मरण में कटते हैं दिन-रात अब तो, भाव में ही खोकर मिटाते हैं सुख-चैन अब तो। भूलों को मार्ग दिखाया, दुखियों को आस दिय
#Ganesh_chaturthi तेरे स्मरण में कटते हैं दिन-रात अब तो, भाव में ही खोकर मिटाते हैं सुख-चैन अब तो। भूलों को मार्ग दिखाया, दुखियों को आस दिय
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White इश्क़ का सबके हिस्से में अंजाम यही आएगा, ये दर्द एक मंजिल है, नसीब सबको आएगा। हाथों पर लकीरे खींचने से मुकद्दर नहीं बदलता, नसीब में नहीं, कोई और ब्याहकर ले जाएगा। जब तक डूबे हो इश्क़ में, डूबे ही रहना, होश में आने पर सब कुछ तबाह हो जाएगा। इश्क़ करना और मुकद्दर उसे जिंदगी बना दे, अच्छा स्वप्न है, ये तो गहरी नींद में ही आएगा। ये सब लोग जो मंद-मंद मुस्कुरा रहे हैं, ये इश्क़ का बुखार है, सबको ही आएगा। ख्याल इश्क़ का अच्छा है जनाब, दरिया में उतरने का ख्याल गर्त ले जाएगा। यहाँ की हवा में इत्र, इश्क़ की बिखरी है, भंवर है, जाल है, सब कुछ डूब ही जाएगा, वो समझता है इश्क़ उसके काबू में है, खूबसूरत हादसे का शिकार खुद हो जाएगा। जाम-ए-इश्क़ के नशे में डूब रहे सभी, इश्क़ के जाल से जाने कौन बच पाएगा, मिलता कुछ ना गहरे ज़ख्मों के सिवा, इश्क़ में फना होना ही नसीब में आएगा। ©theABHAYSINGH_BIPIN #Sad_Status इश्क़ का सबके हिस्से में अंजाम यही आएगा, ये दर्द एक मंजिल है, नसीब सबको आएगा। हाथों पर लकीरे खींचने से मुकद्दर नहीं बदलता, नसीब
#Sad_Status इश्क़ का सबके हिस्से में अंजाम यही आएगा, ये दर्द एक मंजिल है, नसीब सबको आएगा। हाथों पर लकीरे खींचने से मुकद्दर नहीं बदलता, नसीब
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वक्त के साथ किरदार बदलता है, वक्त के साथ रीतिरिवाज बदलते हैं। कब तक बैठोगे रूढ़िवादी सोच पर, वक्त के साथ जज़्बात बदलते हैं। वक्त के साथ मिटती हैं दूरियाँ, वक्त के साथ अपने भी बदलते हैं। क्यों पकड़े हो कसकर पतंग की डोर, इशारे में थामो, उड़ान बदलती है। क्यों बढ़ने हैं तुम्हें सब एक दिशा से, वक्त के साथ रिश्ते भी बिखरते हैं। क्यों आवेश में पड़े चिंतित हो, वक्त पर ही सारी पहेलियाँ सुलझती हैं। हर रिश्ते में वो जज़्बात रहते हैं, हर रिश्ते में वो तड़प रहती है। क्यों हो इतना भी बेकरार तुम, वक्त पर ही नींद सुकून की आती है। जिंदगी का फ़लसफ़ा किसे पता, वक्त पर ही जिंदगी सब सिखाती है। क्यों कार्यों के बोझ तले डूबे हो, वक्त ही वक्त ख्वाहिशें जगाता है। नासूर ज़ख्मों की परवाह क्यों, वक्त पर ही दवा मिलती है। दिल अगर टूटा है तो क्या हुआ, वक्त पर ही अपने मिलते हैं। क्या हुआ जो मौसम सावन चला गया, वक्त पर ही तो सारे मौसम बदलते हैं। क्या हुआ जो रिश्ते पतझड़ बन गए, वक्त पर ही बसंत की बहार खिलती है। छोड़ दो बेफिक्री में बेफिकर उसे, वक्त पर ही दबे राज भी खुलते हैं। वक्त पर सब कुछ अच्छा मिलता है, वक्त पर ही सही, नक्षत्र मिलते हैं। ©theABHAYSINGH_BIPIN #Hope वक्त के साथ किरदार बदलता है, वक्त के साथ रीतिरिवाज बदलते हैं। कब तक बैठोगे रूढ़िवादी सोच पर, वक्त के साथ जज़्बात बदलते हैं। वक्त के
#Hope वक्त के साथ किरदार बदलता है, वक्त के साथ रीतिरिवाज बदलते हैं। कब तक बैठोगे रूढ़िवादी सोच पर, वक्त के साथ जज़्बात बदलते हैं। वक्त के
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White इश्क़ में बग़ैर डूबे पनाह चाहते हो, इश्क़ में बग़ैर डूबे जवाब चाहते हो। सुना है गुनाहगार बहुतों के हो तुम, बग़ैर ज़ख्मों वाला इश्क़ चाहते हो। सुना है इश्क़ ने बहुत दीवारें गिराई हैं, इश्क़ के सरहदों को मिटाना चाहते हो। कितने फना हुए इश्क़ के इम्तिहान में, दर्द बग़ैर इश्क़ का गुलज़ार चाहते हो। बिन आवाज़ दिए बुला रहे हो उसको, बग़ैर जज़्बात इश्क़ का जुनून चाहते हो। इश्क़ के खेल में लोग छोड़ देते हैं पसीने, बग़ैर बहाए खून इश्क़ का हार चाहते हो। ©theABHAYSINGH_BIPIN #love_shayari इश्क़ में बग़ैर डूबे पनाह चाहते हो, इश्क़ में बग़ैर डूबे जवाब चाहते हो। सुना है गुनाहगार बहुतों के हो तुम, बग़ैर ज़ख्मों वाला
#love_shayari इश्क़ में बग़ैर डूबे पनाह चाहते हो, इश्क़ में बग़ैर डूबे जवाब चाहते हो। सुना है गुनाहगार बहुतों के हो तुम, बग़ैर ज़ख्मों वाला
read moreAnjali Singhal
"ख़ामोश निगाहों को पढ़ा है हमने, यूँ ही नहीं हम डूबे हैं इनमें! आँखों में भरकर ख़्वाब तुम्हारे, मत पूछो संग इनके हम जिएँ हैं कितने!!" Anj
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