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Ajita Bansal
New Year 2025 नया साल आया है, नई उम्मीदें लेकर, सपनों की दुनिया अब नये रंगों से सजे। हर दिन हो शुभ, हर रात हो रोशन, खुशियों से भरी हो ये नयी शुरुआत। पुरानी यादों को छोड़, चलें आगे हम, नई राहों पर, नए क़दम। सपने हों पूरे, दिलों में हो विश्वास, साल 2025 हो, सफलता से भरा खास। जो बीता, वह सीख है, जो आने वाला है, वो खुशियों का खजाना, जो हमें पाना है। समय की रेत पर लकीरें न छोड़ें, साथ चलें हम, बस यही है शेरों। नववर्ष की शुभकामनाएं, सबको मिले सुख-शांति, हर दिल में हो प्रेम, और जीवन में हो ध्वनि। साल 2025 हो, हम सब के लिए मंगलमय, नई उम्मीदें, नई शुरुआत, हो सभी के लिए सफलाय। ©Ajita Bansal #Newyear2025 poem of the day
#Newyear2025 poem of the day
read morelove you zindagi
Autumn आती नहीं रात में नींद बन गए हो तुम देखता रहता हूँ रात भर ख्वाब बन गए हो तुम जो चलती रहती हैं हर पल सांस बन गए हो तुम पल पल सताता है मुझे वो अहसास बन गए तुम ।। @वकील साहब ✍️ ©love you zindagi #autumn #तुम #नींद #ख़्वाब #सांस #अहसास🙂
Schizology
The reality It's my imagination that Saves me from reality ©Schizology The reality #poem✍🧡🧡💛 #Reality
The reality poem✍🧡🧡💛 #Reality
read moreSchizology
The unknown I have a fear of the unknown But I would go with you blindfolded Anywhere at anytime ©Schizology The unknown #poem✍🧡🧡💛
The unknown poem✍🧡🧡💛
read moreSchizology
The living room Chairs and a table At each end of the sofa A longer table in front A television and radio For entertainment A place to relax and unwind Where you can converse About a good or bad day Where you can sit And listen to music Invite friends over You can mingle in this room Play a board game With the kids The sofa is an ideal spot To for a dog or cat The living room is great To take a nap or To just lean back Was always one of My favourite places On a Saturday morning To watch cartoons The living room holds Thousands of memories And millions of thoughts If the living room could talk I believe it would say alot ©Schizology The living room #Room #poem✍🧡🧡💛
The living room #Room poem✍🧡🧡💛
read moreSchizology
Reflection in the mirror When I'm looking at you I won't see anything But looking through you I will see everything All of your desires All of your hidden lies All of the secrets Beyond your eyes It's just a slice Of a bigger pie The real dessert Is to see you cry Inside of you head Is where I will go Pictures of your mind Even if you say no I'll experience your dreams I will occupy your fantasy Realize your nightmare That is where I will be ©Schizology Reflection in the mirror #poem✍🧡🧡💛
Reflection in the mirror poem✍🧡🧡💛
read moreSchizology
Autumn Autumn leaves Assorted shades of colour Red , yellow and orange Some green in the mixture Autumn weather Cold , bitter nights arrive Frost in the mornings Warm cozy coats come alive Autumn activities Halloween and Thanksgiving Turkey , stuffing and ham Pumpkin pie they'll be serving Autumn indicates Snow will be coming very soon Christmas and new years Anticipation for the next June ©Schizology Autumn #autumn #poem✍🧡🧡💛
Autumn #autumn poem✍🧡🧡💛
read moreSanjana Hada
Autumn इश्क - इश्क सी लड़की Miss Hada..🌺🌺 ************************* इस डिजिटल युग में साहित्य से प्रेम करने वाली मैं, इंस्टाग्राम के जमाने में कविताएं लिखने वालीं मैं, वेस्टर्न के जमाने में बिल्कुल सलवार सूट जैसी मैं, New गानों से कोसों दूर भागने वालीं मैं हमेशा सदाबहार गाने सुनने वाली मैं, न कोई Message न कोई Video call मुझे पसंद है Face to Face बातें करना , मुझे आता नहीं बातें बनाना मुझे तो बस अब स्वयं को है जानना , आता नहीं मुझे कोई षड्यंत्र मैं तो चाहती हूं बस अब स्वयं पर नियंत्रण, मैं हर परिस्थिति में भी पन्नों पर प्रेम बिखेरना चाहती हूं मैं अपने व्यक्तित्व को शब्दों से निखारना चाहती हूं, हां मैं स्वयं से इश्क करना चाहती हूं...🌺 ©Sanjana Hada #autumn मैं
#autumn मैं
read moreDeepa Ruwali
पत्तियां दरख़्तों से छूटने लगती हैं, पतझड़ जब आता है तो.. उनकी बर्बादी के रास्ते खुल जाते हैं।। ©Deepa Ruwali #autumn #nature #Life #SAD #Poetry
Ajita Bansal
White दर्द ने सिखाया खुद से मिलना, राहों में खो जाने से पहले, ख़ुद को जानना ज़रूरी है, तब जाकर कोई सही रास्ता लगे। हर ख्वाब का पीछा करते हुए, सपनों में खो जाते हैं हम, लेकिन जब वो टूटते हैं, तब महसूस होता है, हम कहाँ थे, कहाँ हम। अक्सर दूसरों की नज़र से ही जीते हैं हम, पर सच्ची पहचान तो अंदर से आती है। जो खुद को समझे, वही खुद को पा सकता है, बाकी सब तो बस एक छलावा होता है। अब मेरी आँखों में बस एक सवाल है, क्या मैं सचमुच खुद से प्यार करता हूँ? जब तक ये सवाल हल नहीं होगा, ख़ुद के ही हाल में, ख़ुद से जूझता रहूँगा। ©Ajita Bansal #Sad_Status poem of the day
#Sad_Status poem of the day
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