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Durgesh Bahadur Prajapati
पुष्पों की तरह खिलते रहिये और अपने सदगुणों की खुश्बू से पूरे जहाँ को महकाते रहिये। Durgesh Bahadur Prajapati पुष्पों सा बनना सीखें....
Azaad Pooran Singh Rajawat
" अली हूं मैं मधु पुष्पों का मधु सौदागर परिचय देता मैं उड़ने की मधुर आवाज सुना कर अभिनंदन करते हैं वो पल्लव बाहें खोलकर आशिकी का प्रतीक मैं उड़ता इधर-उधर मधुपुष्प भूल उड़ जाता हूं जब अन्य डगर मस्ती में मैं झूम कर सयन करता हूं मकरंद कलियों पर अली हूं मैं मधु पुष्पों का मधु सौदागर।" ©Azaad Pooran Singh Rajawat #अली मैं,मधु पुष्पों का मधु सौदागर#
Manjari Singh
#FourlinePoetry प्याले-प्यादों में नहीं पला । बचपन पुष्पों सा नहीं ढला ।। तूने सेज़ बिछाई काँटों की । मैं अंगारों से नहीं डरा ।। मंजरी सिंह...✍🏻🔥 ©♥️🌈♥️ #fourlinepoetry बचपन पुष्पों सा नहीं ढला...@मंजरी सिंह...✍🏻🔥 #fourlinepoetry
एक इबादत
कुछ अरमानों को रंगीन ना होने दिया वास्तविक और मूल पहचान के लिए..!! प्राण बसते है मेरे इन मेरे पुष्पों में....तनिक भी हवा भी चोट पहुंचाये कराह मैं उठता हूँ..🌼🌼💮🌸🌸
SK pant
धूलीषु नाग: तत्वेषु देह: बीजेषु चान्नं पुष्पेषु माला | मिथ्या ह्यलीकं ह्यसत्यं हि सर्वं एतत् जगद् मूलमसौ श्रीराम: || धूली के मूल कणों में पर्वतों को, पंचतत्व में समाहित मनुष्य देह को, बीजों में निहित अन्न को तथा पुष्पों में अन्तर्निहित माला को जो देखते हैं
Durgesh Bahadur Prajapati
पुष्पों की तरह खिलते रहिये और अपने खुश्बू से लोगों को महकाते रहिये। बस यही जीवन का सार तत्व है... - Durgesh Bahadur Parjapati पुष्पों की तरह खिलते रहिये और अपने खुश्बू से लोगों को महकाते रहिये। बस यही जीवन का सार तत्व है... - Durgesh Bahadur Parjapati
Vandana
मन से वरण करती वो सुकुमारी लाज के पाश में बंधी वो नारी,,,, यौवन की दहलीज में खड़ी माधुर्य को भर देते मृगनयन,,,, नीरव रजनी को संभाले आंचल में प्रेयसी बन इटलाती पुष्पों के आंगन में,,,, झिलमिल सौंदर्य के विरह विकल में योगिनी बन मीठे दर्द में मुस्कुराए,,,, प्रेम से आलोकित होता गौर मुख उत्साह उमंग निरंतर आलिंगन करता,,,,, मन से वरण करती वो सुकुमारी लाज के पाश में बंधी वो नारी,,,, यौवन की दहलीज में खड़ी माधुर्य को भर देते मृगनयन,,,, नीरव रजनी को संभाले आंचल म
Durgesh Bahadur Prajapati
पुष्पों की तरह खिलते रहिये और अपने खुश्बू से लोगों को महकाते रहिये। बस यही जीवन का सार तत्व है... - Durgesh Bahadur Parjapati