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Kavita jayesh Panot
एक दिन एक लड़की गई टीचर के पास, आने को है परीक्षा पास। टीचर बोली करनी है तुम सबको, डटकर पढ़ाई। छोड़ दो लड़ाई झगड़े, बन जाओ सब अच्छे बच्चे, पढ़ लिख कर सब बने ज्ञानवान। तब टीचर ने खोली अंग्रेजी की किताब, दे डाला सातवा पाठ। याद करना सब बच्चे, पूछुंगी में शनिवार को। तब हँसकर सब बच्चे बोले टीचर से, शनिवार को नही, कर लेंगे हम कल ही सब याद। टीचर बोली मुस्कुराकर- भोले बच्चों, होगा नही इतनी जल्दी तुमसे याद। बच्चों ने टीचर की एक न मानी, करी अपनी ही मनमानी। कह दिया टीचर जी ने भी, अच्छा ठीक है पूछुंगी में कल, सब करके आना याद, देंखूँगी कितना कर सकते हो तुम याद। बच्चों ने घर जाकर खोली उत्तर की किताब। आठ आठ लाइन के थे सारे उतर, डर गए बेचारे बच्चे, टीचर को कल क्या देंगे जवाब। हुआ नही बच्चों से याद, बच्चे पछताये काश सुन लेते टीचर की बात। तब अंत में बच्चे बोले अगर, किसी काम को करना हो तो, सोचो-समझो,देखो-परखो, फिर बढ़ाओ आगे हाथ। कविता जयेश पनोत #जल्दबाजी का नतीजा
Imran Shekhani (Yours Buddy)
Imran Shekhani (Yours Buddy)
DR. LAVKESH GANDHI
जल्दबाजी नहीं मुझे है कोई जल्दबाजी मुझे इत्मीनान से जाना है जाना ही है मुझे जब सफर पर तुम जल्दबाजी किस बात की है ©DR. LAVKESH GANDHI #rush# # नहीं मुझे कोई जल्दबाजी है #
Imran Shekhani (Yours Buddy)
Ek villain
स्कूल शिक्षा विभाग ने भले ही कक्षा 9 से 12 तक के बच्चों के लिए स्कूल खोलने की अनुज्ञा मांगी है लेकिन हरियाणा सरकार अभी इससे सहमत नहीं है होना भी नहीं चाहिए कोविड-19 संक्रमण अभी समाप्त नहीं हुआ है इसलिए सावधानी आवश्यक है प्रदेश की शिक्षा मंत्री कवर पाल गुर्जर ने भी स्पष्ट कर दिया कि प्रदेश में कोविड-19 संक्रमण की स्थिति की समीक्षा के बाद ही निर्णय किया जाए यह ठीक है कि स्कूल बंद होने से बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही है लेकिन उनके स्वास्थ्य पर सुरक्षा भी आवश्यक है विचारणीय है कि स्कूल में एक कक्षा में इतने विद्यार्थी होते हैं कि वह आपस में 6 फीट की दूरी बना कर बैठ ही नहीं सकते स्कूल की कक्षाओं में इतना स्थान ही नहीं होता जब स्कूल के भवनों में और कक्षाओं का निर्माण हुआ था तो किसी ने भविष्य में कोविड-19 जैसी महामारी की कल्पना भी नहीं की रही थी इसलिए कक्षाओं में शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करने के लिए इस पर भी विचार किया गया है कि स्कूल दो या तीन पारियों में चलाया जाए ऐसा हो सकता है लेकिन यह दुश्वार ही है इसके अतिरिक्त बच्चे मार्क्स और सैनिटाइजर के प्रति गंभीर रहेंगे इस पर भी सही याद है जब वक्त लोग कोविड-19 से बचाव के लिए जगह नहीं रहते तो बच्चे से यह आशा कैसे की जा सकती है कि वह मार्क्स लगा ही रहेंगे और हाथ सैनिटाइजर करते रहेंगे यह भी ध्यान देने वाली बात है कि जब स्कूल खुल गए वहां बड़ी संख्या में शिक्षक और बच्चे कोविड-19 होने लगे इसलिए प्रदेश सरकार कोई संकट नहीं मोल लेना चाहती और लेने भी नहीं देगी पहले यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि बच्चों को व्यक्ति लगी है या नहीं ©Ek villain # जल्दबाजी ठीक नहीं कोविड-19 मैं #RepublicDay