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Satish Kumar Meena
मैं अकेला अकेलेपन की सोच अकेले ही अनगिनत लहरें देखकर वापस लौट आया क्योंकि लहरें भी वापस पुनर्निर्माण कर लौट आती हैं तो मैं क्यों नहीं अपनी नई जिंदगी शुरू कर सकता। ©Satish Kumar Meena नई जिंदगी
नई जिंदगी
read moreParasram Arora
White मुस्करा कर रोने क़ी आदत मुझे विरासत मे मिली थीं लेकिन अब मैंने इस आदत से छुटकारा पानेके लिए एक नई आदत का अविष्कार कर लिया है याने अब मै पहले रोलेता हूँ फिर आंसू पोंछते हुए. मुसकाने बिखेरता हूँ ©Parasram Arora नई आदत का अविष्कार
नई आदत का अविष्कार
read moreParasram Arora
White हर रोज़ ये सूरज उग कर इस दुनिया को एक नई सुबह क़ी सोगात दे जाता है और साँझ को दल कर उस दिन का काम तमाम कर जाता है ©Parasram Arora नई सुबह
नई सुबह
read moremahendra babu almora #almora #uttarakhand #pahadi
White हम शराबीयों का कोई सहारा भी नहीं है बिना शराब के अपना गुजारा भी नहीं है एक जाम पीया तों फिर पीते चले गये चढ़ गया जो नशा उसे उतारा भी नहीं है लुटा सकता हूँ सब कुछ मय की खातिर किसी और के आगे दिल हारा भी नहीं है गम हो या खुशी दोनों मे काम आती है इसके सिवा दूसरा कोई चारा भी नहीं है डूब जाते है मैखाने मे सब टूटे दिल वाले ये वो दरिया है जिसका किनारा भी नहीं है कभी कभी पीने वाले हो जाते है बीमार रोज पीने वाले का कोई खसारा भी नहीं है बोतल को सिरहाने रखकर सो लेंगे यारों घर का बिस्तर हमको गवारा भी नहीं है __🖋️🖋️महेन्दर बाबू अल्मोड़ा ©mahendra babu almora #almora #uttarakhand #pahadi मेरे शराबी भाईयों के लिए नई गजल #sharabshayri #sharabkibotal #maikhana #mahendarbabuAlmora #mahendrababualmora
मेरे शराबी भाईयों के लिए नई गजल #sharabshayri #sharabkibotal #maikhana #mahendarbabuAlmora #mahendrababualmora
read moreBanarasi..
शब्द सृजन की सदी अनोखी अनदेखी कुछ अनजानी सी डगर, ढूंढ रहा वो अपनी सी सुनहरी सहर। व्यापक विरूपाक्ष का व्यवसाय सा ओझल, जिंदगी बिन सादगी हो रही बेरंग सी बोझल। नितदिन न्योतित निहायत से निर्मित, मानव मंचित मोह माया में हो मिश्रित। काल की कालिका से हो कलंकित, खग खोजे खोह ख़लिश मुक्त खोखलित। गमन गति गीत से हो गतिमय ग्रसित, घृणा घेर घूर घर घाल घड़ी घालित। चमक चेतन चैतन्य चिन्मय में चीर चिंतन, छटी छठा छोह छः छल छीछल की छनछन। जीवन जटिल जीभ जंबू जाल जल से जलना, झंकृत झांझ झांझर झंझट झपट झेल बना झरना। टूटी टहनी टोहे टकराव की टंकार टंकित टिटहरी, ठूंठ ठहर ठौर ठग ठनकती ठिगनी ठकुराई की ठुमरी। डाकिया डर डपटे डगरी डकैत डंठल डसे डुगडुगाई, ढूंढे ढोंगी ढपली ढोलक ढाबा ढकोसलायुक्त ढिठाई। तिल तिल तीर तोरण तकती तेज त्यागी की तरूणाई, थाम थाली थिरकी थकी थोड़ा थपकी से थम थर्राई। दाम दया दंड दमनकारी दृष्टिगोचर दानव द्राक्ष दूषिताई, धर्म ध्यान धर धीरज ध्येय धन धवन ध्वजा धाय धराई। पाहुन पाए पोल्हाए पिंजरा पवन पोषित प्रेम पाप पनपाय, फिरे फनी फेरत फूले फ़राक फर्क फर्ज फैल फ़नफ़नाय। बनारसी बहुल बहुसंख्यक बहुलता बैर बेचैनी बहाए, भोले भंवर में भयानक भयंकर भजन भोजन भरमाए। यज्ञ यति योनि याज्ञवल् युगान्तर योग योग्य यमनयान, रोग रहित रेवती रंक रंजन रंगोली रंगाई राग रसिकपान। लोभ लाभ ललित लक्ष्य लंका ललाट लाग लपेट लगाए, वजन वारि वाक्य विकास वांछनीय विशेषता की विधाए। संकल्प स्तोत्र से संबंधित स्थित समाधानयुक्त संभावनाएं, शीर्ष शिखर शोषित शिशिर शेखर शनि शेष शुभकामनाएं। षट् षड्यंत्री षट्भुजी षड्यंत्रकारी षचि षट्कर्मित, हिमाचल हिमखंड हेमंत हजार हमलावार हठ हर्षित। क्षय क्षत्रिय क्षीण क्षति क्षणभंगुर क्षितिज क्षतिधारी, त्रिकालदर्शी त्रिरत्न त्रिपाद त्रेता त्रिगुण त्रय त्रिशरारी। श्रमिक श्रृंखला श्रुतिनन्दन श्रवण श्रमिक श्रुतिशास्त्री, ज्ञाचक ज्ञानी ज्ञानमीमांसा ज्ञानप्रकाश ज्ञपित ज्ञानदात्री। अनोखी अनदेखी कुछ अनजानी सी डगर, ढूंढ रहा वो अपनी सी सुनहरी सहर। - लेखक: बनारसी ©Banarasi.. "अभिव्यक्ति की अनूठी कला - शब्दों की सदी में नई डगर की तलाश।" #शब्दसृजन #हिंदीकविता #हिंदी_साहित्य साहित्य #शब्दोंकाजादू #कवितासंग्रह #अभिव
"अभिव्यक्ति की अनूठी कला - शब्दों की सदी में नई डगर की तलाश।" #शब्दसृजन #हिंदीकविता #हिंदी_साहित्य साहित्य #शब्दोंकाजादू #कवितासंग्रह अभिव
read moreusFAUJI
चलो एक नई शुरुआत करते हैं सपनों को साकार करने की बात करते हैं जों बीत गया उसे भूलकर एक नई जिंदगी की शुरुआत करतें हैं ©usFAUJI नई शुरुआत #Life #usfauji
Ankit Yadav
Love अखबार सी हो गई हैं जिंदगी हर रोज नई खबर... ©Ankit Yadav अखबार सी हो गई हैं जिंदगी हर रोज नई खबर.. #ankityadav
अखबार सी हो गई हैं जिंदगी हर रोज नई खबर.. #ankityadav
read moreAnjali Singhal
New Year 2025 "नई खुशी है नई मुस्कुराहट, मुबारक हो नव वर्ष की नई सरसराहट। पलकें आनंद-उत्साह से भरी जा रही हैं, धड़कनें प्रेम ही प्रेम उमड़ा रही हैं। उम्मीद की तरंगे लहरा रही हैं, ख़्वाब कोई नया दिखा रही हैं। दुआएँ सभी की तरफ से आ रही हैं, बुरी बलाएँ सबकी ढली जा रही हैं।।" ©Anjali Singhal #Newyear2025 "नई खुशी है नई मुस्कुराहट, मुबारक हो नव वर्ष की नई सरसराहट। पलकें आनंद-उत्साह से भरी जा रही हैं, धड़कनें प्रेम ही प्रेम उमड़ा
#Newyear2025 "नई खुशी है नई मुस्कुराहट, मुबारक हो नव वर्ष की नई सरसराहट। पलकें आनंद-उत्साह से भरी जा रही हैं, धड़कनें प्रेम ही प्रेम उमड़ा
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