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Divyanshu Pathak
काहू कौ मांखन चाखि गयौ अरु, काहू कौ दूध दही ढरकायौ काहू कौ चीर लै रुख चढ़्यौ अरु, काहू कौ गुंजछरा छहरायौ मानें नहीं बरजै रसखानि, सुजानियै राज़ इन्है घर आयौ आउरी बूझें जसोमति सों, यह छोरा जायौ कि भई उपजायौ !! हाबु तो तुच्छ बहाना है माखन मिश्री मंगाना है कान्हा की चालाकियाँ सारी मैय्या के समझ में आवत है माँ तो माँ होती है, किसी की हो, मना कहाँ कर
Divyanshu Pathak
बसो मेरे नैनन में नन्दलाल मोर मुकुट मकराकृत कुंडल अरुण तिलक लिए भाल ! मोहनी मूरति साँवरि सुरति नैन बने विसाल अधर सुधा-रस मुरली राजत उर बैजंती-माल ! छुद्र घंटिका कटि तट सोभित नूपुर सबद रसाल मीरा प्रभु संतन सुखदाई भक्त बछल गोपाल ! 💞☕#भक्तिकाल☕#हिंदीसाहित्य💕🐇good#भारतीय#संस्कृतिmorning💞☕💕ji🐇☕💞🐇#संस्कार💕☕💞👏🌹 : सगुण भक्ति काव्य धारा- भगवान राम के लोक संग्रही चरित्र ने भार
Divyanshu Pathak
वा लकुटी अरु कामरिया पे राज तिहुँपुर कौ तजिडारुं आठऊ सिद्धि नौऊ निधि कौ सुख नंद की गाय चराय विसारुं ! रसखानि जबहि इन नैननि ते बृज के वन वाग तड़ाग निहारूं कोटिक ये कलधौति के धाम करील की कुंजनि ऊपर वारुं ! 😊🌷#good afternoon 🌷 : मैं बचपन से ही भक्तिकाल के कवि रसखान जी की इन रचनाओं को पसंद करता हूं । इनकी यह रचना ऐसी है जिसमें ब्रजभाषा के साथ अवध
Poetry with Avdhesh Kanojia
राष्ट्र सम्मान हेतु ..................... अपने राष्ट्र सम्मान हेतु हम कुछ भी कर जाएंगे। देनी पड़े प्राणों की बलि हँसते हँसते मर जाएंगे।। राष्ट्र की सेवा करने का संकल्प ले लिया है हमने। हो जिनसे उत्थान राष्ट्र का कार्य हैं हमें वे करने।। देश का अहित चाहने वालों तुम्हारी बिल्कुल खैर नही। राष्ट्रवाद के समर्थकों से हमे है कोई बैर नही।। देशभक्त अपनी सेवा में हमें सदा ही पाएंगे। देनी पड़े प्राणों की बलि हँसते हँसते मर जाएंगे।। देश हमारा परम उदार है देता सबको आश्रय। देश धर्म के भेदभाव से नहीं है कोई आशय।। पर जो करता शन्ति भंग करता नही है उसे क्षमा। उसे उठा कर कालपुरुष को देता है मेरा राष्ट्र थमा।। जो चाहेंगे सबका मंगल वे ही हमको भाएंगे। देनी पड़े प्राणों की बलि हँसते हँसते मर जाएंगे।। जीवन ये किया है देश के नाम इससे ही पहला नाता है। देश के लिए मर मिटना हमको बखूबी आता है।। खोया हुआ स्वर्णकाल हमे फिर से वापिस लाना है। जैसे था पहले वैसे ही सोने की चिड़िया बनाना है।। अपने मजबूत प्रयासों से इसे वैभववान बनाएंगे। देनी पड़े प्राणों की बलि हँसते हँसते मर जाएंगे।। अपने राष्ट्र सम्मान हेतु हम कुछ भी कर जाएंगे। देनी पड़े प्राणों की बलि हँसते हँसते मर जाएंगे।। #राष्ट्र_सम्मान_हेतु ..................... अपने राष्ट्र सम्मान हेतु हम कुछ भी कर जाएंगे। देनी पड़े प्राणों की बलि हँसते हँसते मर जाएंगे।।
Poetry with Avdhesh Kanojia
राष्ट्र सम्मान रक्षा हेतु (रचना अनुशीर्षक में) #nation #भारत #india #indianarmy #hindi #poetry #poem राष्ट्र सम्मान हेतु ..................... अपने राष्ट्र सम्मान हेतु हम कुछ भी कर जाए
Divyanshu Pathak
तू मेरी धड़कन बनी साँसों में जैसे आ घुली खुशबू तेरी छाने लगी झूमे ये दिल गाए मन मेरा इश्क़ है तेरे लिए तेरे लिए है हर क़दम तू जिंदगी मेरी बनी तेरे लिए है हर जनम ! 🌷😃🙏🌸❤🍬😘😆🌷😃😃🍬🙏🌸❤🏵🤓💞💕💓😘😃 मीरा भक्तिकाल की एक ऐसी संत हैं, जिनका सब कुछ कृष्ण के लिए समर्पित था। यहां तक कि कृष्ण को ही वह अपना पति मान बैठी थी
Anamika Nautiyal
चीन की प्रगति और उसका भविष्य........ सोवियत संघ के पतन के बाद पेंटागन के एक उच्चाधिकारी ने कहा था कि अब हमारे स्तर का कोई शत्रु दुनिया मे न