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@Amarjeet Kumar shaksena
White न्याति ,पृथ्वी और प्राकृति तीनो स्त्री है नारी को अपमान कोई करता है न्याति उस जगह पर छोड़ेगा पृथ्वी भार नही थमेगा प्राकृति नष्ट कर देगा 🌍🔥👾💯🧘 ©@Amarjeet Kumar shaksena #Thinking नारी शक्ति
#Thinking नारी शक्ति
read moreMD Iftekhar
एक बहुत ही पॉपुलर कहावत है कौआ कान बाला क्या है ये कहावत हमें बताएं ©MD Iftekhar कहावत कौआ और कान का
कहावत कौआ और कान का
read moreParasram Arora
White जिस फुल को सुबह मैंने उगते देखा था उसी सांझ उसे मैंने मुरझा कर धरती पर बिखरते देखा. और ये भी सच है उसी फूल को मैंने सुबह हँसते और महकरे हुए देखा था लेकिन उसी साँझ उसे मैने धरती पर उसे दहाड़े मार कर रोते हुए भी देखा था ©Parasram Arora फुल का उदय और अंत
फुल का उदय और अंत
read moreParasram Arora
White प्रसफुटन होता हैँ ज़ब चुनिंदा छंदो का जिन्हे बाद मे एक लड मे पिरो दिया जाता हैँ और ज़ब उन श्रंगारित छंदो को भावना और संवेदनाओं की भाफ से थोड़ी गर्मी दीं जाती है तब कही एक अच्छी कविता का जन्म हो पाता हैँ ©Parasram Arora कविता का जन्म
कविता का जन्म
read moreNarendra Vyawhare
लहानपणी शाळेत जायचो तेव्हा विद्धेची देवता म्हणून 'देवी सरस्वती' ची ओळख झाली, पण जेव्हा पुस्तकं वाचली तेव्हा कळालं की हिच पुस्तक वाचता यावी म्हणून स्त्री समाजाला स्वतंत्र जगता यावं आणि गोरगरिबांची लेकर सुशिक्षित व्हावी यासाठी सावित्री ज्योतीनी पुढाकार घेऊन आम्हला स्वतःच्या पायावर उभ केल.ना की कुण्या देवी -देवतांनी. ©Narendra Vyawhare महिला दिन मराठी कविता मराठी कविता प्रेम मराठी कविता प्रेरणादायी कविता मराठी
महिला दिन मराठी कविता मराठी कविता प्रेम मराठी कविता प्रेरणादायी कविता मराठी
read moreAnisha Kiratkarve
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset आज असा कसा खेळ रंगला माझा माझ्याच मनावर्ती, उगाच भांडते उगाच रुसते, नेमक बोलू कोणावरती... खूप काही आहे बोलण्यासारखे ,पण बोलावेसे वाटत नाही, कठीण होत आहे जगणे,जगता मला येतच नाही..... आज पुन्हा वाटते तीच भीती पुन्हा आवडतोय एकांत प्रेम कसे हे वाढत जाते काय कळेना दोघांत.... ©Anisha Kiratkarve #SunSet मराठी कविता संग्रह मराठी कविता कविता मराठी मैत्री मराठी कविता प्रेमाच्या मराठी कविता संग्रह
#SunSet मराठी कविता संग्रह मराठी कविता कविता मराठी मैत्री मराठी कविता प्रेमाच्या मराठी कविता संग्रह
read moreParasram Arora
Unsplash भक्त और भगवान का रिश्ता दिख जाता है कभी कभी मंदिरो मे अच्छा लगता भगवान को अगर उसे तुमने अपने घर बुला कर पूजा होता ©Parasram Arora भक्त और भगवान का रिश्ता
भक्त और भगवान का रिश्ता
read moreParasram Arora
Unsplash सभ्यता क़ी छीद्रित टोकरी को उलट कर अब न जाने उसमे क्या कुछ संग्रहित करने क़ी चेष्टा क़ी जा रहीं है सस्कृति का धुँवा अब विषैला हो चुका और समपूर्ण राष्ट्र के वातायन को कालीख पोत कर स्याह करने क़ी कोशिश क़ी जा रहीं है इसके बावजूद हमारे राजनेताओं द्वारा ऐसी सभ्यता और संस्कृति को बरकरार रखने क़ी कोशिश क़ी जा रहीं है ©Parasram Arora सभ्यता और सस्रकृति का विषैला धुआँ
सभ्यता और सस्रकृति का विषैला धुआँ
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