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Kuldeep KumarAUE
White ज़माना सिर्फ दूसरों की खुशी देखकर जलता है अपननी खुशी देखकर सिर्फ दुखी होता है ©Kuldeep KumarAUE #sad_quotes ज़माना सिर्फ दूसरों की खुशी देखकर जलता है अपननी खुशी देखकर सिर्फ दुखी होता है #kuldeepkumaraue
#sad_quotes ज़माना सिर्फ दूसरों की खुशी देखकर जलता है अपननी खुशी देखकर सिर्फ दुखी होता है #kuldeepkumaraue
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White जिम्मेदारियां इतनी ज्यादा हो गई है जिंदगी मजबूरी सी बन गई है ©Kuldeep KumarAUE #Dhanteras जिम्मेदारियां इतनी ज्यादा हो गई है जिंदगी मजबूरी सी बन गई है #kuldeepkumaraue
#Dhanteras जिम्मेदारियां इतनी ज्यादा हो गई है जिंदगी मजबूरी सी बन गई है #kuldeepkumaraue
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी आहे जमाने की लेकर फलफूल रहा था मुठ्ठी में दुनियाँ को लेकर छल बल से डॉलर हड़प रहा था आग लगाकर देशों में मानवता कलंकित कर रहा था बीमारियो का नाम देकर दवाओं का पेटेंट ले रहा था लाशो पर कारोबार करके इराक ईरान यूक्रेन को बर्बाद कर रहा था आज आका की सारी कूटनीति धरी रह गयी है जब खुद झुलसे आग में, मंजर उसके शहर में ही प्रकृति द्वारा नाकासाकी का दोहराया जा रहा है बर्बादी देखकर धरे है हाथों पर हाथ टेक्नोलॉजी का भूत उतरा जा रहा है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #GoodMorning आहे जमाने की लेकर फल फूल रहा था
#GoodMorning आहे जमाने की लेकर फल फूल रहा था
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी आहे जमाने की लेकर फलफूल रहा था मुठ्ठी में दुनियाँ को लेकर छल बल से डॉलर हड़प रहा था आग लगाकर देशों में मानवता कलंकित कर रहा था बीमारियो का नाम देकर दवाओं का पेटेंट ले रहा था लाशो पर कारोबार करके इराक ईरान यूक्रेन को बर्बाद कर रहा था आज आका की सारी कूटनीति धरी रह गयी है जब खुद झुलसे आग में, मंजर उसके शहर में ही प्रकृति द्वारा नाकासाकी का दोहराया जा रहा है बर्बादी देखकर धरे है हाथों पर हाथ टेक्नोलॉजी का भूत उतरा जा रहा है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #sad_quotes आहे जमाने की लेकर फल फूल रहा था
#sad_quotes आहे जमाने की लेकर फल फूल रहा था
read morearbin mutum
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset kridagi hwrkhibno nungcba ©arbin mutum #lyrics
Revashankar Nathani
White बिकती है ना कहीं खुशी ना कहीं गम बिकता है लोग गलत फेमी में है कि शायद कहीं महरम बिकता है इन्सान उम्मीदों से बंधा हुआ एक जिदी परिंदा है वो उम्मीदों से ही धायल है और उम्मीदों पर ही जिंदा है ©Revashankar Nathani न कहीं की खुशी बिकती है ना कही गम
न कहीं की खुशी बिकती है ना कही गम
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