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Manju Bahuguna

# सबके चश्मे का नंबर #शायरी

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Dharminder Dhiman

एक नंबर का झूठा

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एक नंबर का झूठा,"हाँ" सही सुना।
एक नंबर का झूठा हूं..."मैं"...?
मेरी बातों में मत आना....
हाँ सच..,एक बात और,
कल मैंने कहा था ना,
कि तुम बहुत सुंदर हो....! एक नंबर का झूठा

Dilesh Vaishnav

#मैं बस्ती का हस्ती bro #Life

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Suman Zaniyan

बस्ती-बस्ती फ़िर

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दिलों पर भी जब दिमाग की ज़ोर चले
बस्ती-बस्ती फ़िर बेवफ़ाओं की शोर चले बस्ती-बस्ती फ़िर

Akash Rathore

dauk 1 नंबर का #Virlvideo #फ़िल्म

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Savita Nimesh

होस्टल का रूम नंबर 13 #हॉरर

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मैं कॉलेज हॉस्टल में न्यू आई थी वहां पता लगा मेरा रूम नम्बर 13  है ।
वहा खड़े कुछ स्टूडेंट के चेहरे का रंग उड़ गया था वो आखों ही आखों में ना जाने क्या बात कर रहे थे, खैर मैंने अपना सामान उठाया और अपने रूम की तरफ जाने लगी सभी मुझको बहुत अजीब सी नज़रों से देख रहे थे।
मैं अपने रूम में आई और अपना सामान लगाने लगी।
क्लास शुरू होने ही वाली थी मैने जल्दी से काम खत्म किया और क्लास में पहुंच गई। मैडम ने मेरा परिचय पूरी क्लास से कराया और सबने अपना परिचय मुझसे कराया, मुझे बहुत अच्छा लगा।
लेकिन क्लास खत्म होने के बाद मैंने सबसे अपना पेंडिंग वर्क मांगा तो सबने को न कोई बहाना बना के मना कर दिया।
तब मैं निराश सी होकर एक एकांत कोने में जा बैठी ।
तभी एक लड़की मेरे पास आई और बोली  तुम क्लास में काम मांग रही थी ना, ये लो मेरा वर्क काम होने के बाद वापस कर देना।
मेरे चेहरे पर एक तरफ खुशी थी तो दूसरी तरफ एक सवाल था कि ये लड़की क्लास में तो थी नहीं फिर इसको ये सब कैसे पता, पर खैर मुझे क्या मुझे तो वर्क मिल गया था
मैं जैसे ही उसका नाम पूछने के लिए मुड़ी वो वहां नहीं थी।
मै जब शाम को अपने रूम में पहुंची और पेंडिंग वर्क कंप्लीट करने में लग गई, 12 बज गए मेरा वर्क होने में, अचानक आंधी चलने लगी मेरे रूम की खिड़की बहुत तेज तेज बजने  लगी।
आसमान में बिजली कड़कने और बादल गरजने की आवाज से में सिहर गई , ऊपर से लाइट भी चली गई।
मैंने मोबाइल टॉर्च जला के मोमबत्ती ढूंढ के जलाई , तभी मेरा डोर किसी ने बजाया
ठक्क ठक्क ठक्क ठक्क्क
मैं मोमबत्ती हाथ में लिए दरवाज़ा खोलने लगी दरवाजा अपने आप झटके से खुल गया और हवा के झोंके से मोमबत्ती बुझ गई
मुझे कुछ भी साफ साफ नहीं दिख रहा था बस एक लड़की की परछाई दिखी मैने पूछा कौन हो इतनी रात गए क्या काम है मुझसे, अचानक मेरे पीछे की खिड़की फिर हवा से बजने लगी मैं खिड़की की तरफ बढ़ी तो लाईट भी आ गई, मैने जैसे ही पीछे मुड़कर दरवाज़े की तरफ देखा तो वहा कोई नही था।
अगले दिन सुबह मैंने अपने आस पास के सभी रूम की लड़कियों से पूछा की क्या कल तुम मेरे रूम पर आई थी पर सभी ने मना कर दिया,खैर फिर मैं इस बात को भूल गई और अपने में व्यस्त हो गई।
मैं वो सभी नोट्स वापस करने के लिए उस लड़की का इंतजार किया पर वो शायद आज आई ही नहीं थी।
तभी मैंने कुछ लड़कियों को आपस में बाते करते सुना की कल फिर से रूम नम्बर 13  की सुधा फिर से होस्टल में घूमती हुई कुछ लोगो ने देखी, ये सब सुनते ही मुझे सब समझ आ गया और मैं वही बेहोश हो गई।

©Savita Nimesh होस्टल का रूम नंबर 13

Savita Nimesh

होस्टल का रूम नंबर 13 #हॉरर

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मैं कॉलेज हॉस्टल में न्यू आई थी वहां पता लगा मेरा रूम नम्बर 13  है ।
वहा खड़े कुछ स्टूडेंट के चेहरे का रंग उड़ गया था वो आखों ही आखों में ना जाने क्या बात कर रहे थे, खैर मैंने अपना सामान उठाया और अपने रूम की तरफ जाने लगी सभी मुझको बहुत अजीब सी नज़रों से देख रहे थे।
मैं अपने रूम में आई और अपना सामान लगाने लगी।
क्लास शुरू होने ही वाली थी मैने जल्दी से काम खत्म किया और क्लास में पहुंच गई। मैडम ने मेरा परिचय पूरी क्लास से कराया और सबने अपना परिचय मुझसे कराया, मुझे बहुत अच्छा लगा।
लेकिन क्लास खत्म होने के बाद मैंने सबसे अपना पेंडिंग वर्क मांगा तो सबने को न कोई बहाना बना के मना कर दिया।
तब मैं निराश सी होकर एक एकांत कोने में जा बैठी ।
तभी एक लड़की मेरे पास आई और बोली  तुम क्लास में काम मांग रही थी ना, ये लो मेरा वर्क काम होने के बाद वापस कर देना।
मेरे चेहरे पर एक तरफ खुशी थी तो दूसरी तरफ एक सवाल था कि ये लड़की क्लास में तो थी नहीं फिर इसको ये सब कैसे पता, पर खैर मुझे क्या मुझे तो वर्क मिल गया था
मैं जैसे ही उसका नाम पूछने के लिए मुड़ी वो वहां नहीं थी।
मै जब शाम को अपने रूम में पहुंची और पेंडिंग वर्क कंप्लीट करने में लग गई, 12 बज गए मेरा वर्क होने में, अचानक आंधी चलने लगी मेरे रूम की खिड़की बहुत तेज तेज बजने  लगी।
आसमान में बिजली कड़कने और बादल गरजने की आवाज से में सिहर गई , ऊपर से लाइट भी चली गई।
मैंने मोबाइल टॉर्च जला के मोमबत्ती ढूंढ के जलाई , तभी मेरा डोर किसी ने बजाया
ठक्क ठक्क ठक्क ठक्क्क
मैं मोमबत्ती हाथ में लिए दरवाज़ा खोलने लगी दरवाजा अपने आप झटके से खुल गया और हवा के झोंके से मोमबत्ती बुझ गई
मुझे कुछ भी साफ साफ नहीं दिख रहा था बस एक लड़की की परछाई दिखी मैने पूछा कौन हो इतनी रात गए क्या काम है मुझसे, अचानक मेरे पीछे की खिड़की फिर हवा से बजने लगी मैं खिड़की की तरफ बढ़ी तो लाईट भी आ गई, मैने जैसे ही पीछे मुड़कर दरवाज़े की तरफ देखा तो वहा कोई नही था।
अगले दिन सुबह मैंने अपने आस पास के सभी रूम की लड़कियों से पूछा की क्या कल तुम मेरे रूम पर आई थी पर सभी ने मना कर दिया,खैर फिर मैं इस बात को भूल गई और अपने में व्यस्त हो गई।
मैं वो सभी नोट्स वापस करने के लिए उस लड़की का इंतजार किया पर वो शायद आज आई ही नहीं थी।
तभी मैंने कुछ लड़कियों को आपस में बाते करते सुना की कल फिर से रूम नम्बर 13  की सुधा फिर से होस्टल में घूमती हुई कुछ लोगो ने देखी, ये सब सुनते ही मुझे सब समझ आ गया और मैं वही बेहोश हो गई।

©Savita Nimesh होस्टल का रूम नंबर 13

Bhaskar Pappu

बस्ती का पता अब हमें जंगल बताएगा...

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बस्ती का पता अब हमें जंगल बताएगा,
मेरे जितने चाहने वाले हैं सब मुझे पागल बताएगा,
मैला लिबाज देखकर ये फैसला ना कर,
मैं कौन सा सक्स हूं ये तुम्हें कल बताएगा...

©Bhaskar Pappu बस्ती का पता अब हमें जंगल बताएगा...

Sangeeta Patidar

Rest Zone आज का शब्द 'बस्ती' #rzmph #rzmph198 #बस्ती #sangeetapatidar #ehsaasdilsedilkibaat #yqdidi #rzhindi life

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कितने जज़्बात लुटाकर एक तुझे ही 'कमाया' था हमने,
और तूने पल भर न लगाया, मुझे बेवजह यूँ ही गँवाने में।

चल माना  तेरी रुतबेदारी के क़ाबिल  मेरी ये हस्ती न थी,
चल जाना तेरे मकाँ में शामिल मेरे दिल की बस्ती न थी। 
फिर भी कितने ख़्वाब ताक पर रख तुझे 'पाया' था हमने,
और तूने पल भर न लगाया, मुझे बेवजह यूँ ही गिराने में।

तेरी कामयाबी की दुआओं में अपनी साँसें बाँधी थी मैंने,
तेरी सलामती की हवाओं में  अपनी आसें साधी थी मैंने।
फिर भी कितने दिन-रात खोकर तुझे 'बचाया' था हमने,
और तूने पल भर न लगाया मुझे बेवजह यूँ ही भुलाने में। Rest Zone आज का शब्द 'बस्ती'


#rzmph #rzmph198 #बस्ती #sangeetapatidar #ehsaasdilsedilkibaat #yqdidi #rzhindi #life

Aनुभा

बस्ती... #शायरी

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कैसी ये बस्ती, बस मतलबपरस्ती।खत्म हो गई इंसान की हस्ती।जी रहे हैं जबरदस्ती। बस्ती...
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