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ਸੀਰਿਯਸ jatt
White चलो आओ आज फिर समाज की औरतों की परख करेंगे! "आज की औरत को प्यार दोगे तो धोका दे देगी और औरत के जिस्म से खेलोगे तो प्यार मोहब्बत करेगी" ! कैसी चूतड औरते हैं! लगता हैं वो दौर गया जब औरते हुआ करती थी! ©ਸੀਰਿਯਸ jatt #love_shayari कलयुग है, यहां बस मायावी औरते बची है बस !
#love_shayari कलयुग है, यहां बस मायावी औरते बची है बस ! #Videos
read moreM R Mehata(रानिसीगं )
White जय माता दी 🌺🌺🌺 तुम्हें दिल में बसाया है धड़कन बना कर ओ मेरी जान.... नहीं तो दुनियां वाले तरसते है मुझ से बात करने को, और मे तेरी यादो में गुमसुम डुबा रहता हूं कि कब तू मुझे आवाज दे प्यार से.. 🧛♂💞 ©M R Mehata(रानिसीगं ) #Sad_Status कब तू मुझे आवाज दे
#Sad_Status कब तू मुझे आवाज दे #लव
read moreF M POETRY
White कब मिलेगी मुझे मेरी मंज़िल.. यूँ सफर करके थक चुका हुँ मैं.. यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY #कब मिलेगी मुझे मेरी मंज़िल
#कब मिलेगी मुझे मेरी मंज़िल
read moreʀᴏʏᴀʟ.यादववंशी.
White दिमाग से सोचने वाले जादा, और दिल से सोचने वाले लोग जिंदगी में किस्मत से मिलते हैं...💫 ©ʀᴏʏᴀʟ.यादववंशी. एक दिन जरूर आएगा....⭐💫💚
एक दिन जरूर आएगा....⭐💫💚 #Life
read moreShashi Bhushan Mishra
कब तलक मेला चलेगा, फिर अकेलापन खलेगा, दिवस का अवसान होगा, सूर्य अस्ताचल ढ़लेगा, ख़त्म होंगे बाग से फल, वृक्ष भी कबतक फलेगा, बढ़ेगा उत्ताप जिस दिन, बर्फ पर्वत पर गलेगा, मोह में जिसके पड़े तुम, वही आकर फिर छलेगा, फूँक कर तुम छाछ पीना, तप्त हो यदि मुँह जलेगा, लाख करलो कोशिशें तुम, लिखा विधि का ना टलेगा, चूकना अवसर न 'गुंजन', हाथ फिर कबतक मलेगा, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' समस्तीपुर बिहार ©Shashi Bhushan Mishra #कब तलक मेला चलेगा#
Shalini Nigam
का गणित अब फेल हो रहा है.. कलयुग का फाॅर्मूला उस पर सही नहीं बैठ रहा! ©Shalini Nigam #कलयुग #कर्म #Nojoto #yqdidi #yqbaba #Life #Love
Unnati Upadhyay
White कलयुग है जनाब कोरे कागजों के, बुनियाद को अपना अभिमान बनाकर, कश्तियां चलाने आया है । नाउम्मीदी का प्रत्येक कारण देगा , परंतु आप भी जिद्दी बनकर उसके इस, चक्रवात को अपने मनोबल के बल पर, रोक देने के प्रयत्न दृढ़ता से करते रहिएगा। मैं नाम के इस दानव को हृदय से निकाल करके, अपने विचारों की प्रबलता को, गहनता से जोड़ करके रखिएगा। अंत में सारी लिप्त मनोभावनाएं जब, पंचतत्व के शिलालेख में, एक अज्ञात भाव के रूप में, लिप्त हो जाएंगी , तब आपका आप बने रहना, उस शिलालेख में आपके अस्तित्व की , महत्ता को बयां करता दिखेगा। ------------------------------------------- "ना जीत यहां किसी की है ना हार यहां किसी का है, कर्म भूमि में प्राणी बनकर कर्म अदा करने आए है, कहानी कुछ अधूरी लिखकर हम पूर्ण यहां करने आए हैं"। ©Unnati Upadhyay #कलयुग की परिकल्पना Sethi Ji Nîkîtã Guptā woman club Dr. uvsays Anil Ray
#कलयुग की परिकल्पना Sethi Ji Nîkîtã Guptā woman club Dr. uvsays Anil Ray #Motivational
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