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D.P. Singh

दीपक और तारे,

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Trust me आसमान में तारक जितने, वसुधा पे हैं दीपक उतने,
हर इंसा है जलता दीपक, रौशन कुछ ना कुछ है सबसे ।
वो जो दीपक राह दिखाएं, मशालों से मिसाल हो जाएं,
आसां‌ है जग रौशन करना, हर कोई बस कुछ दीप जलाए ।। दीपक और तारे,

Pragya Saraf

दीपक और सूरज

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D.P. Singh

दीपक और तारे,

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Trust me  आसमान में तारक जितने, वसुधा पे हैं दीपक उतने,
हर इंसा है जलता दीपक, रौशन कुछ ना कुछ है सबसे ।
वो जो दीपक राह दिखाएं, मशालों में मिसाल हो जाएं,
आसां‌ है जग रौशन करना, हर कोई बस कुछ दीप जलाए ।। दीपक और तारे,

Rishi Tiwari Samajsevi

दीपक और आग #ujala #विचार

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दीपक जबतक दूसरे दीपक या आग के सम्पर्क में नहीं आता
तबतक प्रकाश नहीं कर सकता ।

©Rishi Tiwari Samajsevi दीपक और आग

#ujala

Vijay Kumar Sharma

दीपक और बाती @ Satyaprem Nojoto Neha Mittal Aastha Sharma Prerna Sharma

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 दीपक और बाती  @ Satyaprem Nojoto Neha Mittal Aastha Sharma Prerna Sharma

Poetry with Avdhesh Kanojia

कला साहित्य व संगीत का अनोखा मेल। जैसे प्रकाशिक बाती दीपक और तेल। ✍️अवधेश कनौजिया©

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Azad

Happy Diwali 😍😍😍🎇🎆 आओ दीप जलाते है, मिलकर अन्धकार मिटाते है, आओ दीप जलाते है। अज्ञानता को ज्ञान से मिटाते है, आओ दीप जलाते है। है दीप का उ #yqbaba #yqdidi #yqdidihindi

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आओ दीप जलाते है,
मिलकर अन्धकार मिटाते है,
आओ दीप जलाते है।
अज्ञानता को ज्ञान से मिटाते है,
आओ दीप जलाते है।

है दीप का उजाला
खुशियो भरा नजारा
रंगोली से सजा हर द्वार 
माता की भक्ति में डूबा हर परिवार
आओ साथ मनाते है,
चलो दीप जलाते है।

आँखों के सामने छाया अँधेरा,
जब लक्ष्य था थोड़ा डगमगाया
चलो बुझी हुई बाती सुलगाते है,
चलो दीप जलाते है।

जलते है दीपक,
और प्रकाश फैलाते है,
इस जगमगाते पर्व पर 
हमे सिखलाते है,
चलो त्यौहार मनाते है,
आओ दीप जलाते है। Happy  Diwali 😍😍😍🎇🎆

आओ दीप जलाते है,
मिलकर अन्धकार मिटाते है,
आओ दीप जलाते है।
अज्ञानता को ज्ञान से मिटाते है,
आओ दीप जलाते है।
है दीप का उ

Kaushal Bandhna punjabi

भीड़ में हम हंस दिये वो भी आया था उस दिन मेले में अपने दोस्तों के साथ और राधा भी अपनी सहेलियों के साथ आई थी।राधा की नज़रें बार कुछ ढूंढ रही

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भीड़ में हम हंस दिये

वो भी आया था उस दिन मेले में अपने दोस्तों के साथ और राधा भी अपनी सहेलियों के साथ आई थी।राधा की नज़रें बार कुछ ढूंढ रही थीं जैसे कुछ खो गया हो उसका। सहेलियां बातें कर रही थीं हंसी ठिठोली कर रही थी मगर राधा हूं हां ही कर रही थी ।
इतने में अचानक उसको वो दिख गया जिसको उसकी नजरें बेसब्री से तलाश रही थीं।सामने था दीपक साथ में उसके दोस्त,एक राधा का मूंह बोला भाई था तो बात करने में राधा को झिझक नहीं हुई,,,अरे रोहित भाई तू भी आया है।क्यों तुम आ सकती हो तो मैं नहीं आ सकता क्या।
और फिर तुम लोगों की सुरक्षा भी चाहिए, भीड़ बहुत है। अच्छा ऐसी बात क्या।
बातों बातों में आंखों आंखों में सजदा कर दिया था एक दूसरे को राधा और दीपक ने।
अच्छा चलते हैं हम कुछ खरीद भी लें आएं हैं तो।दीपक और दोस्त भी आगे बढ़ गये। दोनों का मन कहां भरा था अभी जैसे फिर नज़रें भटकने लगीं थीं। खैर कुछ खास नहीं खरीदा ,सभी सहेलियां घूमी फिरी इतने में पानी पूरी वाला दिखा तो पानी पूरी खाने लगीं। मैं आसपास रही उनके वो मुझे नहीं जानते थे पर मैं जानती थी उनको,मेरी कहानी के पात्र ज्यों थे वो सभी।
इतने में दीपक रोहित भी वहीं आ गये पानी पूरी खाने, अचानक से राधा बोल उठी,अरे तुम लोग क्या हमारा पीछा कर रहे हो,और उनके साथ मेले की भीड़ में हम हंस दिये।
वो सभी अपनी बातों में व्यस्त हो गये।दीपक और राधा आंखों से मोहब्बत के पैगाम देते रहे,मेले की भीड़ से अंजान अपनी दुनिया में खोए हुए थे वो,और मैं अपने मन उनकी प्रेम कहानी लिए लौट आई मेरे से।

कौशल बंधना पंजाबी। भीड़ में हम हंस दिये

वो भी आया था उस दिन मेले में अपने दोस्तों के साथ और राधा भी अपनी सहेलियों के साथ आई थी।राधा की नज़रें बार कुछ ढूंढ रही

JALAJ KUMAR RATHOUR

#Diwali यार कॉमरेड, आज जब वापस अपने शहर आया तो देखा कि सब बदल चुका है। वो जो तुम मेरे लिए हमेशा इंतजार करतीं थी और मैं ,बस आ रहा हूँ ,आ रहा #जलज

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यार कॉमरेड,
आज जब वापस अपने शहर आया तो  देखा कि सब बदल चुका है। वो जो तुम मेरे लिए हमेशा इंतजार करतीं थी और मैं ,बस आ रहा हूँ ,आ रहा हूँ यार ,कहकर तुम्हें परेशान किया करता था। आज बड़ा याद आया जब बस स्टैंड पर उतरते हुए खुद को अकेला पाया।हर बार लेट होने की वजह से ही तो तुमने मुझे घडी गिफ्ट की थी। मुझे सच में नही पता था यार उस वक्त समय का महत्व। आज ना जाने क्यूँ सब कुछ बदला बदला सा नजर आ रहा है। तुम्हारे संग हर त्यौहार खुशियों से भरा होता था।ना जाने कितनी ही दीवाली हमने दीपक और बाती की तरह साथ रोशन हो मनाई थीं। आज बिन तुम्हारे मैं अंधकार में हूँ।
इस दीवाली कर दो ना मुझे भी रोशन, भूलकर उन सारी पुरानी खताओं को। इन सर्द रातों में जब हम छत की मुंडेर पर बैठ करते थे कुछ वादे खुद से और सोचते थे ऐसे सजायेंगे घर अपना। अब बिन तुम्हारे वो सब सपना लगता है यार। तुम बिन ये शहर भी अपना होकर अपना नही लगता यार. ... सिर्फ तुम्हारा
... #जलज कुमार #Diwali यार कॉमरेड,
आज जब वापस अपने शहर आया तो  देखा कि सब बदल चुका है। वो जो तुम मेरे लिए हमेशा इंतजार करतीं थी और मैं ,बस आ रहा हूँ ,आ रहा

saurabh

कितना पागलपन है देखो हम जिनको हैं पूज रहे उनके मन में अलग देवता वह है उसको पूज रहे उसने बिसराया है लेकिन प्रणय अभी तक जिंदा है और प्रणय व

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...  कितना पागलपन है देखो हम जिनको हैं पूज रहे

उनके मन में अलग देवता वह है उसको पूज रहे

उसने बिसराया है लेकिन प्रणय अभी तक जिंदा है

और प्रणय व
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