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Kiran Chaudhary
Unsplash कई फैसले मुश्किल होते हैं, लेकिन लेने जरूरी होते हैं। ©Kiran Chaudhary कुछ फैसले मुश्किल होते हैं...
कुछ फैसले मुश्किल होते हैं...
read moreSimran yadav 0.1
Commerce कि📚 किताबें Students से कहती है जरा सा ठहर जाओ मेरे प्यारे बच्चों जरा सा पढ़ लो मेरी किताबों को इससे होगा तेरा भला इस दुनिया में तुम राज करोगे । सच कहती हूं जिसने भी मुझे पढ़ा उसने ही इतिहास रचा इस आधुनिक संसार में , मत डरो मुझसे मै हूं तेरी जिंदगी यही समझकर मेरी किताब को पढ़लो मैं यह नहीं कहती बस तुम Commerce कि किताबें पढ़ो तुम्हें जो subjects अच्छा लगे उसे ही पढ़ो बस मेरे कहने का उद्देश्य है कोई भी किताब को तुम अच्छे से पढ़ो मत देखो मुझे नफरत की नजरों से मत करो मुझसे से घृणा , मुझसे करो मोहब्बत मै ही तेरी दुनिया हूं। मैं कभी भी तेरा दिल नहीं दिखाऊंगी। ये बात समझो बच्चों। जरा सा मेरी किताबों को पढ़लो मेरे प्यारे बच्चों। धन्यवाद। Sorry 😔 Agar मुझसे कुछ गलत लिखा गया हो तो i am so sorry 😔 ©Simran yadav 0.1 Commerce कि किताबें कुछ कहना चाहती। है#CommerceBookslover#Commercestudent मोटिवेशनल कोट्स फॉर स्टूडेंट्स
Commerce कि किताबें कुछ कहना चाहती। हैCommerceBooksloverCommercestudent मोटिवेशनल कोट्स फॉर स्टूडेंट्स
read moreneelu
White मैं सोच रही हूं अगर सूरज कुछ कहना चाहता तो क्या कहता है.. ©neelu #GoodMorning मैं सोच रही हूं अगर सूरज कुछ कहना चाहता तो क्या कहता है
#GoodMorning मैं सोच रही हूं अगर सूरज कुछ कहना चाहता तो क्या कहता है
read moreVinod Mishra
RAMLALIT NIRALA
White झूठ बोल कर चुनाव जीत सकते है किसी का दिल नहीं ओ मुर्ख होते है जो दुसरो के कन्धो पर बंदुख रखकर चलाते है कभी दुःख मे अकेले रहना जिंदगी क्या होती है पता चल जायेगी ©RAMLALIT NIRALA कभी भी ईशान को बिना जाने नहीं कुछ कहना चाहीये
कभी भी ईशान को बिना जाने नहीं कुछ कहना चाहीये
read moreAnuradha T Gautam 6280
#कविता कविता के कई मतलब हो सकते हैं पर कविता कभी मतलबी नहीं हो सकती..🖊️ अनु_अंजुरी🤦🏻🙆🏻♀️ १९/११/२४
read moreगणेश शर्मा 'विद्यार्थी'
घुट-घुटकर यूँ तो रोज, हमी जीते हैं। बस बहुत हो चुका, चलो चाय पीते हैं।। जीवन में मुश्किल रोज, नयी आती हैं। नदियाँ भी तट पर मैल, बहा लाती हैं। दिन भर दिमाग में ऊँच-नीच चलती है। दुनिया की तब हर एक बात खलती है। ऐसे ही कितने साल यहाँ बीते हैं। बस बहुत हो चुका, चलो चाय पीते हैं।। अदरक-इलायची संगति कर दी जाती। जब गर्म चाय कुल्लड़ में भर दी जाती। कर देता है मदहोश चाय का प्याला। न्यौछावर इस पर कई-कई मधुशाला। यूँ ही हम छोटे - बड़े घाव सीते हैं। बस बहुत हो चुका, चलो चाय पीते हैं। इससे बढ़कर फल, फूल, नहीं मेवा है। इससे बढ़कर दूसरी नहीं सेवा है। इससे बढ़कर के पुण्य नहीं दूजा है। इससे बढ़कर कुछ अन्य नहीं पूजा है। क्यों अब तक सबके चाय-पात्र रीते हैं? बस बहुत हो चुका, चलो चाय पीते हैं।। ©गणेश शर्मा 'विद्यार्थी' चलो चाय पीते हैं!!! #Tea #HindiPoem #hindipoetry #hindikavita कविताएं कविता हिंदी कविता
चलो चाय पीते हैं!!! #Tea #HindiPoem #hindipoetry #hindikavita कविताएं कविता हिंदी कविता
read moreकवि प्रभात
मग देखेंगे नैन द्वय, तव तब तक प्रियतम | जब तक काल के ग्रास न, बन जायेंगे हम || ©कवि प्रभात हिंदी कविता कविता कोश कविता
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