Find the Latest Status about chintan shah from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, chintan shah.
Rohit Ekka
जब किसीकी 99 अच्छाईयों को , छोड़कर एक भूल पर ताना मारो, , तो अगली दफा तुम उन 99 , अच्छाइयों की उम्मीद मत रखना. , सुप्रभात ©Rohit Ekka #Moon #vichar #chintan #suparbhat #rohit
Rohit Ekka
, प्रत्येक सुबह आपको , ये बताती है कि , आपके जीवन का लक्ष्य , अभी पूरा नही हुआ है , किसी कि सलाह से , रास्ते जरूर साफ हो जाते हैं , लेकिन मन्जिल तक का सफर , खुद की मेहनत से ही , तय करना पड़ता है , ना हारते हैं वक़्त से , ना जीतते हैं वक़्त से , सफल वही होते हैं , जो सीखते हैं वक़्त से , , सुप्रभात,,,, ©Rohit Ekka #alone #manjil #Jivan_Ki_Sikh #chintan #vichar #rohit
Rohit Ekka
मैंने ज़िंदगी से पुछा कि तू इतनी कठिन क्यों है? , ज़िंदगी ने हंसकर कहा, "दुनियां आसान चीज़ों की कद्र नहीं करती"। ©Rohit Ekka #Jindagi #Asan #chintan #rohit
आगाज़
रांझा जोगीड़ा बण आया वाह सांगी सांग रचाइआ एस जोगी दे नैन कटोरे, बाज़ां वांङू लैंदे डोरे मुक्ख डिठ्यां दुक्ख जावन झोरे, इन्हां अक्खियां लाल वंजाइआ रांझा जोगीड़ा बण आया एस जोगी दी की निशानी, कन्न विच मुन्दरां गल विच गानी सूरत इस दी यूसफ़ सानी, एस अलफ़ों आहद बणाइआ रांझा जोगीड़ा बण आया रांझा जोगी ते मैं जोगयानी, इस दी खातर भरसां पाणी एवें पिछली उमर वेहाणी, एस हुन मैनूं भरमाइआ रांझा जोगीड़ा बण आया bulle shah ©आगाज़ #bulle shah aditi the writer Niaz (Harf) आँचल सोनी 'हिया'
aditi the writer
किससे अब तू छिपता है? मंसूर भी तुझ पर आया है, सूली पर उसे चढ़ाया है। क्या साईं से नहीं डरता है? कभी शेख़ रूप में आता है, कभी निर्जन बैठा रोता है, तेरा अन्त किसी ने न पाया है बुल्ले से अच्छी अँगीठी है, जिस पर रोटी भी पकती है, करी सलाह फ़कीरों ने मिल जब बाँटे टुकड़े छोटे-छोटे तब ©aditi the writer #holikadahan #bulle shah Kundan Dubey Niaz (Harf) Kumar Shaurya
Rohit Ekka
ज़िन्दगी तस्वीर भी है और तकदीर भी , फर्क तो सिर्फ रंगो का हैं , , मनचाहे रंगो से बने तो तस्वीर , और अनजाने रंगो से बने तो तकदीर ©Rohit Ekka #holikadahan #Jindagi #takdir #chintan
Anand Dadhich
दृश्य बोध जब जंजीर से, किसी इतर को बांधा गया, तब बेवजह, जंजीर भी स्वयं बंध गई ! किंतु जंजीर का, सृजन, स्वभाव, सत्व, सबकुछ, इतर को बांधना ही हो तो; परिणाम निष्प्रयोजन नहीं है ! ----------- जैसे जंजीर ने, अपने स्वभाव का प्रबंध किया, सृष्टि पालक ने, जंजीर को वही वापस दिया ! इसी दृष्टि और दृश्य बोध के संदर्भ में, हमें अपने, पात्र निर्माण को यदा-कदा, इर्द गिर्द के, दर्पणों में देख लेना चाहिए ! कहीं हम, रफ्ता रफ्ता जंजीर सी; तकदीर तो नहीं गढ़ते जा रहे है ! डॉ आनंद दाधीच ''दधीचि'' भारत ©Anand Dadhich #DrishyaBodh #Chetna #Chintan #kaviananddadhich #poetananddadhich #poetsofindia
Rohit Ekka
आज का विचार. अंतःकरण दीपक की भांति स्वयं को प्रत्यक्ष करता है और अन्य वस्तुओं को भी प्रत्यक्ष करता है वास्तविकता यह है कि अंतःकरण मानव परमात्मा की उपस्थिति है ©Rohit Ekka #wholegrain #vichar #chintan #rohit