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Legalization sir

comedy #legal5663 #IPC Section 354 #law #Study

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Priya Kumari

#354 #Thoughts

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Dr.J.Kavitha

354

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#354 poem
My last birthday
Remembered me the day when
My mother gave me. #354

Legalization sir

#IPC 1860

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@tul maurya(IT)

#Nojoto354

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love is just a word until someone special gives it a meaning  #nojoto#354

Ks Vishal

सारे सपने वापस मँगवा लूँ तुमसे अपने  
सोच रहा हूँ तुमको इक दिन चिठ्ठी लिखकर
पहला सपना नाम तुम्हारा जुड़ा हो मुझसे कहीं किसी कागज़ पर मैं तेरा कहलाऊँ   
अब ये केवल नाम मात्र का स्वप्न है मेरा झूठ से आखिर कब तक ये ह्रदय बहलाऊँ
बंद लिफ़ाफ़े में मैं तुमको भेजूँगा कागज़ पर उस ह्रदय की मिट्टी लिखकर
 
सारे सपने वापस मँगवा लूँ तुमसे अपने  
सोच रहा हूँ तुमको इक दिन चिठ्ठी लिखकर
दूजा सपना एक कमरे की छत के नीचेतू मेरा जीवन बनकर सुख दुःख बाँटे  
लेकिन अब क्या लाभ तुम्हारा इस सपने से तुमने तो महलों में हैं अब वर्षों काटे  
कष्ट तुम्हें अपने वैभव में होगा भी क्या  भेजूँगा तुमको मैं इतनी विनती लिखकर
सारे सपने वापस मँगवा लूँ तुमसे अपने  
सोच रहा हूँ तुमको इक दिन चिठ्ठी लिखकर

और एक सपना कि तुम मुझको अपना बोलो तुमने नहीं कहा सबके आगे इस जीवन में
और अब इसके बारे में क्या बात कहूँ आशा मुझको नहीं अभागे इस जीवन में
जल जाने दी मैंने ऐसी आशा जिसमें भाग्य की वो ही अग्नि वाली भट्टी लिखकर  

सारे सपने वापस मँगवा लूँ तुमसे अपने  
सोच रहा हूँ तुमको इक दिन चिठ्ठी लिखकर     

सारे सपने जब तुम मुझको वापस भेजो अपने ह्रदय की मिट्टी तुम भी लिख देना 
मेरा ह्रदय रखने हेतु कुछ भी लिखना तुम एक छोटी सी चिट्ठी तुम भी लिख देना 
अंत में इतना लिखना प्रेम मिले सबको मिले भले ही बदले में सृष्टि लिखकर  

सारे सपने वापस मँगवा लूँ तुमसे अपने  
सोच रहा हूँ तुमको इक दिन चिठ्ठी लिखकर

©Ks Vishal #boat #354

Rakesh Gupta

ipc 294 #inspirational

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Naresh Reddy Aleti

#వన్నెలయ్య_గజల్ 354 #గజల్

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ఆరుబాయట పడుకున్నది మరువలేక పోయాను.!
మళ్ళీ ఆ నిదుర మజా చూడలేక పోయాను.!

బ్రతుకంతా కష్టపడీ నేనెంతో సంపాదించా
ప్రయత్నించి రాత్రి నిదుర పొందలేక పోయాను.!

ఖండాతర దేశాలను తిరిగాను నే చూశాను
కమ్మనైన నిదుర ఒడి చేరలేక పోయాను.!

సమయం లేదంటూనే పడక మరిచిపోయా
నిదుర గది లో అడుగులు పెట్టలేక పోయాను

కళల బొమ్మ వస్త్రాలను లెన్నో కొని తెచ్చుకున్నా
ఒక వన్నెల స్వప్నంలో నిలువలేక పోయాను.! #వన్నెలయ్య_గజల్ 354 #గజల్

sudhanshu pathak

#IPC section 379

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तेरी समझ की क्या 'मिसाल' दूँ 
अपनी ही 'कसम' देकर तुने हजारो बार लुटा हैं #IPC section 379

Vivek Dixit advocacy

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