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Vikram Prashant "Tutipanktiyan "
#RIPRohitSardana हर सांस भारी मेरे सीने पे सवार है लाखों बोझ बहुत मुश्किल से ले पता हूँ दो सांस हर सांस है भारी हर सांस है बोझिल हर दुख में जिंदा था दिल मेरा लड़ता रहता था हर बोझ लेकर अकेला पर आज हर सांस है भारी हर सांस है बोझिल। बेखुद होकर जिंदा होना जिंदा होकर भी जिंदा न होना हर सांस है मुश्किल हर सांस है गमगीन हर सांस है महंगी हर सांस का हो रहा व्यापार हर सांस है उझड़ी हर सांस नही है बेहिसाब। खुश होना गमगीन होना लगातार का था सफर पर आज सिर्फ गमगीन है सांस हर सांस पे है पहरा हर सांस है सहमा किसी के पास नहीं अब बेहिसाब सांस हर सांस है भारी हर सांस है बोझिल। हर सांस देता है दर्द जैसे मेरे सीने पे हो सवार हजार खूंखार भेड़िये हर सांस है मुश्किल हर सांस है लाचार हर सांस भारी हर सांस है बोझिल। ©Vikram Prashant "Tutipanktiyan " हर सांस है भारी
प्रभाकर अजय शिवा सेन
राम जी हर एक के सांस-सांस में समाए हुए हैं, भारत की आत्मा में छाए हुए हैं, संकटों में खूब आजमाए हुए हैं, रामजी देश को बचाए हुए हैं, सुबह का नही है जो वो साम का नही, राम का नही जो वो किसी काम का नही। ©प्रभाकर अजय शिवा सेन राम जी हर एक के सांस-सांस में।
Manoj Soren Abvp
कविता का शीर्षक है- तेरी चाहत है हर साँस मे चाहत ये है कि कुछ लम्हे तेरे साथ गुज़रे..... तेरी चाहत में मेरी हर साँस गुज़रे! खिजां जो मेरी जिंदगी में आयी.... बहार बनके के वो दिन रात गुज़रे! जो ख्वाब देखे थे साथ हमने कभी.... हसरत है वो मुक्कमल बनके गुज़रे! कभी आ जाए रुसवाई तेरे दिल मे.... खुदा ना करे तेरी नफरत मेरे सीने के आर पार निकले मनोज सोरेन दुमका झारखंड 7667826589 ©Manoj Soren Abvp कविता का शीर्षक है - तेरी चाहत है हर सांस में #luv
words_of_heart_pa
पत्थरों में आइना मौजूद है यानी मुझ में दूसरा मौजूद है ख़्वाब हो कर रह गया अपने लिए जाग उठने की सज़ा मौजूद है आसमानी घंटियों के शोर में उस बदन की हर सदा मौजूद है ©words_of_heart_pa पत्थरों में आइना मौजूद है यानी मुझ में दूसरा मौजूद है ख़्वाब हो कर रह गया अपने लिए जाग उठने की सज़ा मौजूद है आसमानी घंटियों के शोर में उस
Abhay King Ucsu
अब तो हर पल में मेरी सांस निकल रही है अब तो हर पल में मेरी सांस निकल रही है
Ashraf Fani【असर】
कितने रंगों पे सवार है ज़िन्दगी हर सांस में बेक़रार है ज़िन्दगी