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Ritika pathak Pathak
मेरा नाम है सुमन कुमारी . आपको अपने बारे में कुछ बताना चाहती हूं अपनी ख्वाहिशों के बारे में बताना चाहती बचपन से मेरा सपना था कि मैं पढ़ लिखकर कुछ कारो।पर वही समाज और दुनिया रिश्तेदार नहीं चाहते थे कि मैं पढ़ लिख कर आगे बढ़ो में थोड़ी और बड़ी हुई मां ने मुझे रसोई के कामकाज में लगा दिया थोड़ी और बड़ी हुई तो पिताजी को मेरी शादी की चिंता सताने लगी मेरी बेटी बड़ी हो रही है उसकी शादी करने का समय आ रहा है पर किसी ने मेरी ख्वाहिश नहीं सोची किसी ने यह नहीं सोचा कि मैं क्या चाहती हूं मैं शादी करना चाहती है कि नहीं 15 साल की छोटी सी उम्र में पिता जी को मेरी पढ़ाई की जगह मेरी शादी की फिक्र होने लगी क्या बेटियां इतना बड़ा बूझ होती हैं। आप क्या सोचते हैं ©Ritika pathak Pathak #maaPapa एक बेटी की कहानी एक बेटी की जुबानी,
M RAJ
छंद पल की मोहोबत्त में सारा जहां दिखा दिया।। हम दिन भर दिन गिनते रहे ओर आपने एक हसीन लम्हा बना दिया।। M RAJ 💙❤️ 2016
krishanpriya
rose day quotes in Hindi लिए तो गुलाब हमने उसके लिए भी थे मगर उसे दिए नहीं थे वहीं गुलाब हमने, परमात्मा को दिए थे और उसकी खुशी मांग लिए थे #2016
Roshni Soni
मैं गुड़िया तेरे आँगन की एक दिन बेटा बन जाऊँगी बेटी कोई अविशाप नही हैं ये सारा भ्रम मिटाऊँगी जब मैं तेरा नाम करुगी तब बेटा बन जाऊँगी मैं गुड़िया तेरे आँगन की एक दिन बेटा बन जाऊँगी न दुर्गा न काली हूँ मैं अपनी माँ की लाली हूँ इस दुनिया का आधार बनूँगी पापा तेरा लाल बनूँगी मैं गुड़िया तेरे आँगन की एक दिन बेटा बन जाऊँगी जब तक छोटी ,तेरा साथ मिला अब तो ये हाथ छुड़ाओ न दुनिया के कहने के पीछे अब मुझको दूर भगाओ न मैं गुड़िया तेरे ऑंगन की एक दिन बेटा बन जाऊँगी मैंने अपनों के खातिर ख़ुद को ही तो बदला है आज तुम्हारी बारी है ,कुछ मेरी भी तो मानो न एक मौका उपहार में दे दो अपना फिर से साथ भी दे दो मैं तो तेरे खून का कतरा ,काटो में भी खिल जाऊँगी मैं गुड़िया तेरे ऑंगन की एक दिन बेटा बन जाऊँगी बेटी की आशए
Poet Arun Chakrawarti,Mo.9118502777
अब कोई बेटी की मांग, बिना मांग भरती नही मांग लेकर भी तो मंशा जिनकी पूरी होती नही बेटी के संस्कार,आचरण पे संदेह क्यों है उनको बेटी कहकर लाते हैं घर, बहू की कद्र करते नह ©Poet Arun Chakrawarti,Mo.9118502777 बेटी की वेदना