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Mukesh Poonia
भव्य महल हो या हो छोटी सी झोपड़ी... घर उसी को कहते हैं जहां शांति और सुकून मिले... . ©Mukesh Poonia #GingerTea #भव्य #महल हो या हो #छोटी सी #झोपड़ी... घर उसी को कहते हैं जहां #शांति और #सुकून मिले...
Sabhy Bharat News
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
गीत:- आई है घर में गौरैया , दे दूँ उसको अन्न । चूँ चूँ करके कहती हमसे , पेट नही है अन्न ।। आई है घर में गौरैया.... पहले चुग ले तू जी भरके , बाते करना बाद । जान रही हूँ आज तुझे मैं , करें न कोई याद ।। अपने महल दुमहले होवें , करता सब फरियाद । उनकी बातें भूल यहाँ तू , हो जा पहले टन्न । आई है घर में गौरैया...। कुल्लड़ में पानी है रख्खा , आज बुझाओ प्यास । दाना चुगकर नीम पेड़ पर, पुनः बना आवास ।। जब भी भूख लगे तुझको , आना मेरे पास । रख दूँगी सुनो मुंडेर पे , तेरी खातिर अन्न । आई है घर में गौरैया..... देख रही तू पहले जैसा , घर अब मेरा नाहि । बिल्ली कुत्ता दूर बहुत है , डरने को अब नाहि ।। जब भी तेरा जी चाहे अब , करना घर में सैर । किसी बात की फिकर नही अब , तुझे मिलेगा अन्न । आई है घर में गौरैया .... आई है घर में गौरैया , दे दूँ उसको अन्न । चूँ चूँ करके कहती हमसे , पेट नही है अन्न ।। ०५/०४/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR आई है घर में गौरैया , दे दूँ उसको अन्न । चूँ चूँ करके कहती हमसे , पेट नही है अन्न ।। आई है घर में गौरैया.... पहले चुग ले तू जी भरके , बा
Krishna Deo Prasad. ( Advocate ).
Village Life भव्य महल हो या हो छोटी सी झोपड़ी.. घर उसी को कहते है , जहां शांति और सुकून का वास हो.. ©Krishna Deo Prasad. ( Advocate ). #villagelife #villagelifestyle_भव्य महल हो या हो छोटी सी झोपड़ी.. घर उसी को कहते है जहां शांति और सुकून मिले..
Naren K
राहुल को अपनी जान बचाने के लिए अब आगे बढ़ने की कोशिश करते हुए, उसने हवेली के अंदर की खोज की। वह दीवारों के पीछे छिपे हुए गुप्त रास्तों को खोजने लगा, लेकिन कोई उम्मीदवार नहीं मिला। समय बीत रहा था और भूत उसके पास आ रहा था। आखिरकार, राहुल ने अपनी टॉर्च को बाहर निकाला और भूत को प्रकाश में लपेटा। उसकी डरावनी चीख के साथ, भूत ने डगमगाते हुए पीछे हटकर अंधकार में ग़ायब हो गया। हवेली के दरवाज़े खुल गए, और राहुल भागते हुए बाहर निकल गया। वह सुरक्षित था, लेकिन उसके जीवन में वह भूतिया अनुभव सदैव याद रहेगा। उसने सीखा कि कभी-कभी, भूतों की कहानियों की बात सत्य हो सकती है, और कुछ रहस्य बेहतर हैं कि वे अनसुलझे ही रहें। ( End) ©Naren K भूतिया महल... (End)
Naren K
जैसे ही वह महल की मुख्य सीढ़ी तक पहुंचा, राहुल ने अंधकार में एक आत्मा की आवाज़ सुनी। डर के साथ फ्रोज़न होकर, उसने देखा कि आत्मा एक डरावना रूप लिया हुआ था। यह एक महिला का आत्मा था, जिसकी आँखों में नफरत और क्रोध था। राहुल को यह जानकर कि भूत उसे हानि पहुंचाना चाहता है, वह भागने के लिए मुड़ा, लेकिन दरवाज़े पीछे से बंद हो गए, जो उसे हवेली के अंदर बंद कर दिया। भूत उसके पास बढ़ रहा था, और उसके लिए दौड़ने का कोई रास्ता नहीं था...(part-3) ©Naren K भुतीया महल .. ( part-3)