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Parasram Arora
कटटरपंथी उसे कहा जाता है जो एक ऐसा विचित्र प्राणी है जिसकी रीढ़ की हड्डी गायब है जिसकी पीठ पर कछुए की खाल का कवच है जो गूंगा नहीं है क्योंकि वो सुघड़ वक्ता है लेकिन उसके कानो की श्रवण शक्ति घास चरने गई हुई लगती है वो सिर्फ बेमतलब की बातें करता है चीख चीख कर लेकिन वो किसीकी सुनता नहीं है एक अच्छा वक्ता होना और उसका बहरापन उसकी अतिरिक्त गुणवत्ता कही जा सकती है ©Parasram Arora #कटटर पंथी.......
Hasanand Chhatwani
बडा हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजूर, पंथी को छाया नहीं फल लागे अति दूर...!! बडा हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजूर, पंथी को छाया नहीं फल लागे अति दूर...!!
Somya Baranwal
धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय, माली सींचे सौ घड़ा, ॠतु आए फल होय। अर्थ: मन में धीरज रखने से सब कुछ होता है। अगर कोई माली किसी पेड़ को सौ घड़े पानी से सींचने लगे तब भी फल तो ऋतु आने पर ही लगेगा ! ||सत्यनाम कबीर|| हम एक कबीर पंथी परिवार से ताल्लुक रखते हैं पढ़िये हमारे साथ कबीर के दोहे हर रोज अर्थ के साथ #kabir #saint #yqtales #doha
Miss Creation
बड़प्पन किसी को नीचा दिखाने में नहीं उसे गले लगाने में है... बड़ा हुआ तो क्या हुआ, जैसे पेड़ खजूर,, पंथी को छाया नहीं, फल लागे अति दूर... 😌😌😌😌😌😌😌😌😌😌😌 #yqdidi, #yqquotes, #yqtales #restzone, #yqaest
Suchita Pandey
यह महान दृश्य है चल रहा मनुष्य है.. अश्रु स्वेद रक्त से लतपथ एक पत्र छाह कि मांग पर पंथी चलते चलते थककर एक अनजान राहों पर चलकर बैठ किसी पथ के पत्थर पर यही सोच रहा है पल भर पथिक मैं, चलू किस ओर किस ओर है मेरी ठौर.. सुप्रभात। पथिक मैं लेकिन चलूँ किस ओर कहाँ मेरी ठौर। #पथिक #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #suchitapandey #सुचित
kumar shivam hindustani
White स्वप्नों के लिए स्वप्न तोड़ रहे खुद से खुद का मन मोड़ रहे पंक्षी पंथी सब पड़े विराने में डगमग करते देह छोड़ रहे ..पर .. आकाश पवन में उड़ता देखा बाधाओं से भिड़ते देखा चिंगारी लिए जिगर में शमशीरों को लड़ते देखा उम्मीदों के सागर में जज्बातों के गागर में मिट्टी मिट्टी रोता जग आखों से मोती खोता खग घन तिमिर के काले वन में हिम्मत की मशाल जला उठा शस्त्र और उतर रण में मानव स्वप्न साकार करने चला ©kumar shivam hindustani स्वप्नों के लिए स्वप्न तोड़ रहे खुद से खुद का मन मोड़ रहे पंक्षी पंथी सब पड़े विराने में डगमग करते देह छोड़ रहे पर आकाश पवन में उड़ता देखा बाधाओ
Aamir Qais AnZar
बोल न पाए जो, सही को सही और गलत को गलत। कोई फायदा नहीं, चाहे कितने भी पन्ने लिए हो पलट।। Thanks to my wifey for this Quote.. Actual credit to her for giving this idea. #हक़ #सही #गलत #बोल बड़ा हुआ तो क्या हुआ, जैसे पेड़ खजूर। पंथी
KP EDUCATION HD
KP GK SAGAR GK questions in Hindi ©KP STORY CREATOR KP GK SAGAR GK questions in Hindi video ✅राज्य एवं उनके प्रमुख लोक नृत्य✅ 🔘मध्य प्रदेश ➺ पंडवानी, गणगौर नृत्य 🔘असम ➺ बिहू 🔘उत्तरप्