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_sa _anjh
जब आज धुरयोधन-दुशासन का कोई द्रौपदी कोठे में या जलते हुए चैहरे के साथ, किसी द्वार के भीतर अत्याचार सहती, तब उसकी लाज बचाने कयों नहीं आते आप? हे केशव, कहाँ हैं आप? नारायण कृष्णः कहाँ हैं आप
Mohan raj
विश्वास रखें कि भगवान हमेशा आपके साथ हैं, आप हमेशा पूरे आत्मविश्वास के साथ सच्चाई की राह पर चल सकते। ईश्वरः सर्वदा भवता सह अस्ति इति विश्वासं कुरुत, भवन्तः सर्वदा पूर्णविश्वासेन सत्यस्य मार्गे गन्तुं शक्नुवन्ति। Have faith that God is always with you, you can always walk on the path of truth with full confidence. Dhnyvaad Har Har Mahadev ©Mohan raj #Life lessons Shiv Bhakti ईश्वरः सर्वदा भवता सह अस्ति इति विश्वासं कुरुत, भवन्तः सर्वदा पूर्णविश्वासेन सत्यस्य मार्गे गन्तुं शक्नुवन्ति।
Mohan raj
त्याग का अर्थ है सब कुछ भूल कर सिर्फ ईश्वर को अपनाना क्यों कि ईश्वर ही अपना है, बाकी सब मतलबी है, जग में त्यागस्य अर्थः सर्वं विस्मृत्य केवलं ईश्वरं स्वीकृत्य यतः ईश्वरः अस्माकं अस्ति, जगति अन्यत् सर्वं निरर्थकम् अस्ति। Sacrifice means forgetting everything and accepting only God because only God is ours, rest all are selfish in this world Dhnyvaad Har Har Mahadev ©Mohan raj #Life lessonsShiv Bhakti त्यागस्य अर्थः सर्वं विस्मृत्य केवलं ईश्वरं स्वीकृत्य यतः ईश्वरः अस्माकं अस्ति, जगति अन्यत् सर्वं निरर्थकम् अस्ति।
Digg
"विष" का स्वाद "शिव" से पूछो, "मीरा" से पूछोगे तो "अमृत" ही कहेंगी .. 2nd Monday 🤗❤ Shiv... ॐ नमो भवाय शर्वाय रुद्राय वरदाय च..! पशूनां पतये नित्यमुग्राय च कपर्दिने...!! . Kanha.. कृष्णःकर्षति आकर्षति सर्वान जी
N S Yadav GoldMine
{Bolo Ji Radhey Radhey} मन का सांत रहना भाग्य है, मन का वस में रहना सौभाग्य है, मन से भगवान श्री कृष्ण जी को याद करना अहोभागय है, मन से आपको कोई भी याद करे परमः सौभाग्य हैं।। जय श्री नारायण हरि।। ©N S Yadav GoldMine #Barsaat {Bolo Ji Radhey Radhey} मन का सांत रहना भाग्य है, मन का वस में रहना सौभाग्य है, मन से भगवान श्री कृष्ण जी को याद करना अहोभागय है, म
Anchal Tiwari
ईश्वरः पाषाणे लभ्यते किन्तु मानवः मनुष्ये न लभ्यते। वयं ईश्वरं वदामः यत् भवता निर्मिते जगति भवतः किमपि किमर्थं न प्राप्नुमः।परन्तु किं वयं स्वयमेव तेषां सदृशाः भवितुम् अर्हति। पत्थर में ईश्वर मिल सकता है लेकिन मनुष्य में मनुष्य नहीं मिलता । हम ईश्वर से कहते हैं कि आप की बनाई इस दुनिया मे कोई आप सा क्यों नही मिलता, परंतु क्या हम खुद उनके जैसा बन पाते हैं। हर हर महादेव ❤️ ©Anchal Tiwari ईश्वरः पाषाणे लभ्यते किन्तु मानवः मनुष्ये न लभ्यते। वयं ईश्वरं वदामः यत् भवता निर्मिते जगति भवतः किमपि किमर्थं न प्राप्नुमः।परन्तु किं वयं स
Digg
रामेश्वरम् .... भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक "रामेश्वरम्" है..... . . जिसकी स्थापना श्री राम ने रामसेतु बनाने से पहले की थी ! जब हनुमान जी न
Vikas Sharma Shivaaya'
सनातन परंपरा में सप्ताह का प्रत्येक दिन किसी न किसी देवता या ग्रह से जुड़ हुआ है. बुधवार का दिन बुध ग्रह से संबंधित है. बुध बुद्धि के कारक माने जाते हैं. बुध सौरमंडल का सबसे छोटा ग्रह है. सूर्य से निकटता के कारण इनका प्रकाश प्रखर है. ग्रहों की परिषद में बुध को युवराज कहा गया है. बुधवार को विशेष रूप से गणपति का और लक्ष्मी जी का वार भी माना गया है. बुध(Mercury )प्रार्थना मंत्र ? उत्पात रूपी जगतां चंद्रपुत्रो महाद्युतिः। सूर्य प्रिय करो विद्वान पीडां दहतु में बुधः।। गणेश गायत्री मंत्र: - ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात।। एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।। महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।। गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।। विष्णु सहस्रनाम (एक हजार नाम) आज 67 से 77 नाम 67 ज्येष्ठः सबसे अधिक वृद्ध या या बड़ा 68 श्रेष्ठः सबसे प्रशंसनीय 69 प्रजापतिः ईश्वररूप से सब प्रजाओं के पति 70 हिरण्यगर्भः ब्रह्माण्डरूप अंडे के भीतर व्याप्त होने वाले 71 भूगर्भः पृश्वी जिनके गर्भ में स्थित है 72 माधवः माँ अर्थात लक्ष्मी के धव अर्थात पति 73 मधुसूदनः मधु नामक दैत्य को मारने वाले 74 ईश्वरः सर्वशक्तिमान 75 विक्रमः शूरवीर 76 धन्वी धनुष धारण करने वाला 77 मेधावी बहुत से ग्रंथों को धारण करने के सामर्थ्य वाला 🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' सनातन परंपरा में सप्ताह का प्रत्येक दिन किसी न किसी देवता या ग्रह से जुड़ हुआ है. बुधवार का दिन बुध ग्रह से संबंधित है. बुध बुद्धि के कारक म
Vikas Sharma Shivaaya'
सूर्य गायत्री मंत्र: सूर्य देव इस संसार के सभी प्राणियों के जीवन के श्रोत हैं. सूर्य देव के ही कारण इस संसार में जीवन का चक्र संभव हो सका है. -ॐ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्न: सूर्य: प्रचोदयात | -ओम भास्कराय विधमहे दिवा कराया धीमहि तन्नो सूर्य प्रचोदयात | -ओम आस्वादवजया विधमहे पासा हस्ताय धीमहि तन्नो सूर्य प्रचोदयात | समस्त प्रकार के रोगों से मुक्ति प्रदान करने की शक्ति इस मंत्र में हैं. भैरव गायत्री मंत्र: -ऊँ शिवगणाय विद्महे। गौरीसुताय धीमहि तन्नो भैरव प्रचोदयात।। विष्णु सहस्रनाम:(एक हजार नाम) आज 23 से 44 नाम 23 केशवः जिसके केश सुन्दर हों 24 पुरुषोत्तमः पुरुषों में उत्तम 25 सर्वः सर्वदा सब कुछ जानने वाला 26 शर्वः विनाशकारी या पवित्र 27 शिवः सदा शुद्ध 28 स्थाणुः स्थिर सत्य 29 भूतादिः पंच तत्वों के आधार 30 निधिरव्ययः अविनाशी निधि 31 सम्भवः अपनी इच्छा से उत्पन्न होने वाले 32 भावनः समस्त भोक्ताओं के फलों को उत्पन्न करने वाले 33 भर्ता समस्त संसार का पालन करने वाले 34 प्रभवः पंच महाभूतों को उत्पन्न करने वाले 35 प्रभुः सर्वशक्तिमान भगवान् 36 ईश्वरः जो बिना किसी के सहायता के कुछ भी कर पाए 37 स्वयम्भूः जो सबके ऊपर है और स्वयं होते हैं 38 शम्भुः भक्तों के लिए सुख की भावना की उत्पत्ति करने वाले हैं 39 आदित्यः अदिति के पुत्र (वामन) 40 पुष्कराक्षः जिनके नेत्र पुष्कर (कमल) समान हैं 41 महास्वनः अति महान स्वर या घोष वाले 42 अनादि-निधनः जिनका आदि और निधन दोनों ही नहीं हैं 43 धाता शेषनाग के रूप में विश्व को धारण करने वाले 44 विधाता कर्म और उसके फलों की रचना करने वाले 🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' सूर्य गायत्री मंत्र: सूर्य देव इस संसार के सभी प्राणियों के जीवन के श्रोत हैं. सूर्य देव के ही कारण इस संसार में जीवन का चक्र संभव हो सका है
Vikas Sharma Shivaaya'
☀️सूर्य नमस्कार🙏 सूर्य नमस्कार योगासनों में सर्वश्रेष्ठ है। यह अकेला अभ्यास ही साधक को सम्पूर्ण योग व्यायाम का लाभ पहुंचाने में समर्थ है..., इसके अभ्यास से साधक का शरीर निरोग और स्वस्थ होकर तेजस्वी हो जाता है..., 'सूर्य नमस्कार' स्त्री, पुरुष, बाल, युवा तथा वृद्धों के लिए भी उपयोगी बताया गया है..., आदित्यस्य नमस्कारान् ये कुर्वन्ति दिने दिने। आयुः प्रज्ञा बलं वीर्यं तेजस्तेषां च जायते ॥ (जो लोग प्रतिदिन सूर्य नमस्कार करते हैं, उनकी आयु, प्रज्ञा, बल, वीर्य और तेज बढ़ता है...)..., मन्त्र चक्र आसन... बीज नमस्कार 1 ॐ ह्रां ॐ मित्राय नमः अनन्तचक्र- प्रणामासन 2 ॐ ह्रीं ॐ रवये नमः विशुद्धिचक्र- हस्तोत्थानासन 3 ॐ ह्रूं ॐ सूर्याय नमः स्वाधिष्ठानचक्र- हस्तपादासन 4 ॐ ह्रैं ॐ भानवे नमः आज्ञाचक्र- एकपादप्रसारणासन 5 ॐ ह्रौं ॐ खगाय नमः विशुद्धिचक्र- दण्डासन 6 ॐ ह्रः ॐ पूष्णे नमः मणिपुरचक्र- अष्टांगनमस्कारासन 7 ॐ ह्रां ॐ हिरण्यगर्भाय नमः स्वाधिष्ठानचक्र-भुजंगासन 8 ॐ मरीचये नमः विशुद्धिचक्र- अधोमुखश्वानासन 9 ॐ ह्रूं ॐ आदित्याय नमः आज्ञाचक्र- अश्वसंचालनासन 10 ॐ ह्रैं ॐ सवित्रे नमः स्वाधिष्ठानचक्र- उत्थानासन 11 ह्रौं ॐ अर्काय नमः विशुद्धिचक्र- हस्तोत्थानासन 12 ॐ ह्रः ॐ भास्कराय नमः अनन्तचक्र- प्रणामासन 13 ॐ श्रीसवितृसूर्यनारायणाय नमः अनन्तचक्र-प्रणामासन 14 ॐ हे भो हरे नमः विष्णु सहस्रनाम(एक हजार नाम) आज 550 से 561 नाम 550 कृष्णः कृष्णद्वैपायन 551 दृढः जिनके स्वरुप सामर्थ्यादि की कभी च्युति नहीं होती 552 संकर्षणोऽच्युतः जो एक साथ ही आकर्षण करते हैं और पद च्युत नहीं होते 553 वरुणः अपनी किरणों का संवरण करने वाले सूर्य हैं 554 वारुणः वरुण के पुत्र वसिष्ठ या अगस्त्य 555 वृक्षः वृक्ष के समान अचल भाव से स्थित 556 पुष्कराक्षः हृदय कमल में चिंतन किये जाते हैं 557 महामनः सृष्टि,स्थिति और अंत ये तीनों कर्म मन से करने वाले 558 भगवान् सम्पूर्ण ऐश्वर्य, धर्म, यश, श्री, ज्ञान और वैराग्य जिनमें है 559 भगहा संहार के समय ऐश्वर्यादि का हनन करने वाले हैं 560 आनन्दी सुखस्वरूप 561 वनमाली वैजयंती नाम की वनमाला धारण करने वाले हैं 🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' ☀️सूर्य नमस्कार🙏 सूर्य नमस्कार योगासनों में सर्वश्रेष्ठ है। यह अकेला अभ्यास ही साधक को सम्पूर्ण योग व्यायाम का लाभ पहुंचाने में समर्थ है...,