Find the Latest Status about धर्मी राजा की बात from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, धर्मी राजा की बात.
Sachin Khare
एक समय की बात है. एक राज्य में एक प्रतापी राजा राज करता था. एक दिन उसके दरबार में एक विदेशी आगंतुक आया और उसने राजा को एक सुंदर पत्थर उपहार स्वरूप प्रदान किया. राजा वह पत्थर देख बहुत प्रसन्न हुआ. उसने उस पत्थर से भगवान विष्णु की प्रतिमा का निर्माण कर उसे राज्य के मंदिर में स्थापित करने का निर्णय लिया और प्रतिमा निर्माण का कार्य राज्य के महामंत्री को सौंप दिया. महामंत्री गाँव के सर्वश्रेष्ठ मूर्तिकार के पास गया और उसे वह पत्थर देते हुए बोला, “महाराज मंदिर में भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करना चाहते हैं. सात दिवस के भीतर इस पत्थर से भगवान विष्णु की प्रतिमा तैयार कर राजमहल पहुँचा देना. इसके लिए तुम्हें ५० स्वर्ण मुद्रायें दी जायेंगी.” ५० स्वर्ण मुद्राओं की बात सुनकर मूर्तिकार ख़ुश हो गया और महामंत्री के जाने के उपरांत प्रतिमा का निर्माण कार्य प्रारंभ करने के उद्देश्य से अपने औज़ार निकाल लिए. अपने औज़ारों में से उसने एक हथौड़ा लिया और पत्थर तोड़ने के लिए उस पर हथौड़े से वार करने लगा. किंतु पत्थर जस का तस रहा. मूर्तिकार ने हथौड़े के कई वार पत्थर पर किये. किंतु पत्थर नहीं टूटा. पचास बार प्रयास करने के उपरांत मूर्तिकार ने अंतिम बार प्रयास करने के उद्देश्य से हथौड़ा उठाया, किंतु यह सोचकर हथौड़े पर प्रहार करने के पूर्व ही उसने हाथ खींच लिया कि जब पचास बार वार करने से पत्थर नहीं टूटा, तो अब क्या टूटेगा. वह पत्थर लेकर वापस महामंत्री के पास गया और उसे यह कह वापस कर आया कि इस पत्थर को तोड़ना नामुमकिन है. इसलिए इससे भगवान विष्णु की प्रतिमा नहीं बन सकती. महामंत्री को राजा का आदेश हर स्थिति में पूर्ण करना था. इसलिए उसने भगवान विष्णु की प्रतिमा निर्मित करने का कार्य गाँव के एक साधारण से मूर्तिकार को सौंप दिया. पत्थर लेकर मूर्तिकार ने महामंत्री के सामने ही उस पर हथौड़े से प्रहार किया और वह पत्थर एक बार में ही टूट गया. ©Sachin Khare #tumaurmain एक समय की बात है एक राज्य में राजा......
#tumaurmain एक समय की बात है एक राज्य में राजा...... #पौराणिककथा
read moreसनातन धर्मी हिंदू क्रांति दल
आशीष शीश पे रख दे मां, तेरा दूध नहीं लजाऊंगा।। जब तक मेरे घट में प्राण रहे, मैं भगवा ही लहराऊगा।। है कसम मुझे भारत मां की, मैं पीठ नहीं दिख लाऊंगा।। दुश्मन की छाती पर चढ़कर, मैं हिंदू राष्ट्र बनाऊंगा|...3 बलिवेदी पर गर चढ़ जाऊं, मां मुझको आंचल में लेना।। भगवा मय मुझको करके मां, मेरा कफन भी भगवा कर देना।। आंखों से आंसू गिरे नहीं , तू सिंह पुत्र की माता है।। हर जन्म में तू ही मां तू मिले , बस चाह यही विधाता है।। माना दुख दर्द दिए होंगे , अंतिम दुख का यह क्षण होगा।। गर पूरा ना कर सका कार्य, तेरे दूध के कर्ज का क्या होगा।। जब नाम रखा तूने अजीत , हर जगह विजय आशीष दिया।। पग पग पर धर्म पे चलूं मातु, ऐसा तूने तन वीर दिया।। है अंतिम चाह यही मेरी, मैं हिंदू राष्ट्र बना डालू।। इस सत्य सनातन गौरव का , इतिहास पुनः दोहरा डालू।। माना है डगर कठिन माता , पर कीमत कुछ भी चुकाऊंगा।। मां तेरा आशीर्वाद रहा , तो हिंदू राष्ट्र बनाऊंगा।। है चाह नहीं निज जीवन की, बस धर्म का कर्ज चुकाऊंगा।। जब जब भी जीवन मिला मुझे, तेरा बेटा ही बन आऊंगा।। ©Ajit Trivedi # सनातन धर्मी हिंदू क्रांति दल
# सनातन धर्मी हिंदू क्रांति दल #कविता
read more