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BANDHETIYA OFFICIAL
गले की हड्डी, कबाब में हड्डी, गोश्त कहना बेकार, गंगा में हड्डी, जवाब में हड्डी, कंकाल रह जाना है ढांचा, मिट्टी से बनना महज है सांचा। ©BANDHETIYA OFFICIAL अस्थियां विसर्जित होंगीं ! #Joker
I'm Resilient.
जीते जी इंसान की प्यास कभी नहीं बुझती.. शायद इसीलिए अस्थियां नदी में बहाई जाती हैं..!! जीते जी इंसान की प्यास कभी नहीं बुझती.. शायद इसीलिए अस्थियां नदी में बहाई जाती हैं..!!
Maninder Singh Mureed
अस्थियां बहाने से शुरू हुआ था लाशें बहाने पर खत्म हुआ है । #murrednama ©Maninder Mureed अस्थियां बहाने से शुरू हुआ था लाशें बहाने पर खत्म हुआ है । #SAD #covidindia #murrednama #stay_home_stay_safe #lockdowndiary
Geeta Sharma
सबकी नज़रों में गिर चुके हो, बला की तरह टल क्यों नही जाते , हद हो चुकी है अब जुल्मों की, तुम मर क्यों नहीं जाते...? अपने हाथों से मेरी कब्र खोदने वाले , अब तुम्हारा नंबर आया तो उधर क्यों नही जाते, जो ओहदा है तुम्हारा 🙏 बड़ी मुश्किल से मिलता है, हद हो गई है यार संभल क्यों नही जाते... किस न्याय की दलील देते हो कहाँ है न्याय....? 🤫 हाथरस के तीन बलात्कारी रिहा कर दिये जाते हैं , सिर्फ एक पर... गैर इरादतन हत्या का केस चलाते हैं , आप ही न्याय बेचते हो... औरों को फंसाते हो , और लोगों को न्याय की परिभाषा सिखाते हैं । डूब मरो बेशर्मो चुल्लू भर पानी में... कितनी और बेटियाँ भेट चढेंगी तुम्हारी नादानी में - 2 😢😥😥 ©Geeta Sharma ### क्या हाथरस की बेटी की अस्थियां कभी विसर्जित नहीं होगी..? ये सवाल है मेरा प्रशासन और समाज से.. .?
Wazeer
जलाओ गर कभी खत मेरे तो आस्थियां भेज देना... मैं शायर हूं मुझे और भी रस्में निभानी होती है...।। ©Wazeer जलाओ गर फिर खत मेरे तो अस्थियां भेज देना , शायर हूं मैं मुझे रस्में निभानी होती है ।।💔💔 #वज़ीर #wazeer
Dushyant Joshi
तूफान में कश्तिया और अहंकार में हस्तियां डूब जाती है।.. जीते जी इंसान की प्यास कभी नही बुझती इसलिए अस्थियां नदी में बहाई जाती हैं
सुसि ग़ाफ़िल
कविताओं में नहीं समा पाया कोई भी कवि एक शहीद की अस्थियां सुख याद सब गाफिल हुए कविता बंजर हुई नहीं उगा पाई दोबारा एक सैनिक को | कविताओं में नहीं समा पाई कोई भी कवि एक शहीद की अस्थियां सुख याद सब गाफिल हुए कविता बंजर हुई
Shyam Pratap Singh
MANJEET SINGH THAKRAL
#5LinePoetry तुम्हें तो खुशी से गदगद होना चाहिए #अंधभक्त जी! पहले तो अस्थियां विसर्जन होती थीं अब मोदी और योगी के राज में सशरीर आत्माएं स्विमिंग कर रहीं हैं। #अच्छेदिन #आएगा_तो_मोदी_ही #मोदी_है_तो_मुमकिन_है #वाह_मोदी_जी_वाह ©MANJEET SINGH THAKRAL तुम्हें तो खुशी से गदगद होना चाहिए #अंधभक्त जी! पहले तो अस्थियां विसर्जन होती थीं अब मोदी और योगी के राज में सशरीर आत्माएं स्विमिंग कर रहीं