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Richa Mishra
नन्हें प्राणी एकत्रित करते हैं छोटे छोटे तिनके ! श्रृंगारित करते हैं वह सपनों का घर जिसमें सुरक्षित रहते हैं ये प्यारे पक्षी ।। #आशियाना #पक्षी_नभ_में_मिल_कर_रहे_गात #पक्षीप्रेमीमिथिला #सपनोंकीदुनिया #सपनोकाआशियाना
Richa Mishra
नन्हें प्राणी एकत्रित करते हैं छोटे छोटे तिनके ! श्रृंगारित करते हैं वह सपनों का घर जिसमें सुरक्षित रहते हैं ये प्यारे पक्षी ।। #आशियाना #पक्षी_नभ_में_मिल_कर_रहे_गात #पक्षीप्रेमीमिथिला #सपनोंकीदुनिया #सपनोकाआशियाना
Jyotshna 24
अपने आस-पास या छत पे जरा भ्रमण करें । एक पात्र धरें , उसमें कुछ दानें और जल भरें । किसी छांव में रख दें, बिना विलंब करें । ताकी इस कड़ी धूप में, कोई भी पक्षी प्यासे ना मरें । #पक्षीप्यासेनामरेें#
writer_Suraj Pandit
पक्षियों की अवाज खुले पंख से उड़ जाती है। निले नभ को बढाती है। हारिल की डाली को, थाम कर रखती है। झूम-झूम कर डाली पर, मधुर गीत सुनाती हैं। कभी अपनी क्रीडा से, मृतक को प्राण दे जाती हैं। चीं-चीं करती सम्मुख होकर, कुछ कहना चाहती है। कहां जाऊं,किसे बताऊँ? क्यो प्रदूषण फैलाते हो, पल-पल घटती हमारा जीवन, क्यों नही सोचते हो। घर आगन पिंजरे में अंधेर कमरे में रहती हूँ। सारा जीवन पिंजर को, आपनी कहानी बताती हूँ। वह नन्ही पंक्षी हुँ, स्वप्न देखूं रोज। वह मोती की खोज में, नीले नभ करु टटोल। चीं-चीं करती सम्मुख होकर, कुछ कहना चाहती हूँ। तोड़ पिंजरे को, पंख फैला लेने दो आज निले नभ की मोती को, चुभने दो आज। -------सूरज पंङित ©Suraj Pandit पक्षीयों की आवाज #lovebirds
Ek villain
संकर्षण ने भड़काऊ बयानों पर अखतर दौर आया है रवैया शिव से लेकर अपने आलेख में उचित ही कहा है कि भड़काऊ बयानों पर तंत्र की अनदेखी से समुदाय का नमन बढ़ती है जिससे समाज को भारी क्षति उठानी पड़ती है इसमें खास बात यही है कि तंत्र का एक रवैया आजादी के बाद से बढ़ता गया है समय-समय पर देश के खिलाफ आवाजें भी उड़ती रही है लेकिन मजबूती शासन प्रशासन तंत्र एकपक्षीय झुकाव हमेशा राय विश्वविद्यालयों में हिंदू देवी देवताओं पवित्र ग्रंथों रामायण महाभारत और गीत को लेकर अभद्र 80 जनक kalpana-1 बातों को साजिश साहित्य आजादी के नाम पर बढ़ाया गया है भाई ऐसी आजादी जो की तिथि आत्मक रही हो उसका समुदाय विशेष की कट्टरता की करण दबोचा गया यदि लोकतंत्र में किसी भी विषय पर चर्चा नहीं हो सकती तो क्या तानाशाह में होगी जबकि यह न्यायालय श्री राम के स्वरूप को काल्पनिक बताने वाली कांग्रेस के आग्रह को स्वीकार करने का तत्पर दिखाता है इसी कारण लोकतंत्र पर विस्तार खतरा मंडरा रहा है ना कि अभिव्यक्ति की तर्कपूर्ण देनी है लेकिन सही कहा है कि कोई भी अपने धर्म जाति संप्रदाय के लिए अधिकार नहीं ले सकता जो वह दूसरों को ना चाहे ©Ek villain #तंत्र का एक पक्षीय झुकाव #friends
Neophyte
हर डाल से क्यू पक्षी उड़ाये जा रहे है लगता है गांव उजाड़कर शहर बसाये जा रहे है उनसे भी पूछो उन्हें नया घर चाहिए कि नही बेजुबान है तो उनपर क़हर बरपाये जा रहे है उसका सारा वज़ूद मिटा देने वालो आशियानें को कौन बताएगा कि पराये जा रहे है सुना है बेज़ुबानों का बदला ख़ुदा लेता है उसे सब पता है कौन कितने सताये जा रहे है -(क्षत्रियंकेश) पक्षी!