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Durj Korgaonkar
हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है। हमारे हिंदी भाषा कौशल को सीखना और सुधारना भारत के अधिकांश स्थानों में सेवा करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। स्कूली दिनों से ही हम हिंदी भाषा सीखते थे। कुछ स्कूल और कॉलेज हिंदी के अतिरिक्त बोर्ड और निबंध बोर्ड में निबंध लेखन का आयोजन करते हैं, छात्रों को बोर्ड परीक्षा में हिंदी निबंध ©Durj Korgaonkar hindi lekh
hindi lekh #विचार
read moreRavindra Singh
http://yehaiindia.in/diwali-festival-information-in-hindi/ Diwali का त्यौहार Diwali Festival Information in Hindi
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read moreInternet Jockey
जुगनू भी अब सितारे बनने लगे हैं और आजकल चिराग भी हवा बनाने लगे हैं Internet Jockey Chirag quotes in Hindi #chirag #diwali
Digitalkhabar
Happy Diwali wishes in Hindi , shubh diwali in hindi, Happy diwali iMages #diwaliWishesinhindi #Beautifuldiwaliwishesinhindi #Diwaliimages
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read moreSudha Betageri
||जिंदगी|| ना नीम सी, ना नमक सी हम तो चाहते एक शहद सी जिंदगी| ना द्वेष सी, ना क्लेश सी, हम तो चाहते एक विशेष सी जिंदगी | ना काली सी, ना गोरी सी, हम तो चाहते हर रंग सी जिंदगी| ना तक्रार सी, ना तिरस्कार सी, हम तो चाहते एक साक्षात्कार सी जिंदगी ना किसी धर्म सी, ना किसी जात सी, हम तो चाहते एक श्रेष्ठ भारत सी जिंदगी| Sudha Betageri #sudha #lekh#kavita#poetry #hindi#lekhan#suvichar
Ram Singh
*रक्षा बन्धन पर भाई बहिन एक वचन दे* विधा : लेख आज कल हमारे समाज में पश्चिमी सभ्यता का बहुत बड़ा बोला बाला है। जिसके कारण हमारी संस्कृति और संस्कारो का तो एक दम से समपट सुआहा हो रहा है। हर चीज एक तरफ ही चल रही है। आप हमें दो, परन्तु वो ही आप हम से मत मांगो ? बच्चो को उच्च शिक्षा दिलाना बहुत ही अच्छी बात है। जिसके कारण हमारा समाज का कल्याण होगा। परन्तु इस बात को भी नजर अंदाज नहीं किया जाना चाहिए की, आप ज्यादा पढ़ लिखकर आये हो तो ,अपने बड़ो के सामने पूरी मर्यादाओ को भूल जाओ ? माना की आप उनसे ज्यादा पढ़े लिखे हो ? परन्तु अनुभवों में आप एक दम से शून्य हो। भाई बहिनो के लिए एक बहुत बड़ा त्यौहार हमारा आ रहा है। जिसमे बहिन भाई की कलाही पर एक रक्षा सूत्र (राखी) बांधती है और भाई बहिन की रक्षा का वचन देता है, और नए ज़माने के अनुसार कुछ उपहार देते है। जो की आज एक परंपरा बन गई है। जिसके कारण कभी कभी भाई और बहिनो में नाराजगी हो जाती है। यदि किसी के २-३ भाई है तो किसी का कीमती उपहार तो किसी का सस्ता के कारण वो अपनी अपनी हैसियत के अनुसार देते है, जब की भाई के लिए बहिन सदा ही बहिन ही होती है। कहाने का मतलब की उपहार के आधार पर बहिन भाई के प्यार को नहीं देखना चाहिए ? क्योकि आज के ज़माने में हमारे माता पिता सभी को सामान रूप से शिक्षित करने हेतु शिक्षा दिलाते है। ताकि वो अपने पैरो पर सदा खड़े हो सके। आज के इस नए कलयुग में सिर्फ दिखावे के आलावा कुछ नहीं है। इस ज़माने में हम लोग अपने संस्कारो और अपनी संस्कृति को बिल्कुल भूलते जा रहे है। जो की हमारे समाज और परिवारों के लिए बहुत ही बड़ा अभिषाप है। और इसके परिणाम हमें मिल भी रहे है। खुद के मां बाप को उन्हें के बच्चे बृध्दाश्रमो में छोड़ रहे है, ताकि उनकी आज़ादी में दखल न पड़े ? ये बात लड़का और लड़की दोनों पर लागू हो रही है। क्योकि आपकी बेटी दुसरो के घर की बहु बनती है, और दूसरे की बेटी आपके परिवार की बहु ! बहिन भाई से उम्मीद करती है की माता पिता को सम्मान दे और उनका ख्याल अच्छी तरह से रखे। परन्तु स्वंय वो इस पर अमल नहीं करती ? तो इस समस्या के समाधान के लिए क्यों न हम इस बार के रक्षा बंधन पर अपने भाई और बहिन को ऐसा कुछ दे ताकि बृध्दा आश्रमों की समस्याओ का समाधान हमें मिल जाये। आज कल एक दम से मॉडर्न जमाना है तो भाई बहिन से खुलकर पूंछ लेता है की बहिन क्या उपहार चाहिए, इस बार रक्षा बंधन पर ? और कभी खुद ही बहिन बोल देती है की मुझे ये उपहार चाहिए। आज के हिसाब से अच्छा है, क्या रक्षा बंधन का ये पवित्र त्यौहार सिर्फ यहाँ तक ही सीमित है ? जब हम सब सम्पन्न है तो ये सब ? इस बार रक्षा बंधन पर जब भाई का बुलावा आवे और वो पूछे क्या उपहार चाहिए, तो बहिन को अपने भाई से साफ शब्दों में बोलना चाहिए, की मुझे एक वचन चाहिए, क्या आप दोगे ? जब वो बोले तब उससे कहे की आप कभी भी अपने मां बाप को बृध्दाश्रम में नहीं छोड़ोगे, यदि वो इस बात को मान्यता है, तभी बेटी को रक्षा बंधन का त्यौहार मानना चाहिए। क्योकि जिस बेटी के माँ बाप भाई के कारण बृध्दाश्रम में है , तो में अपने माँ को कैसे भूलकर तुम्हे भाई का दर्जा दे सकती हूँ। जब तुम अपने माँ बाप को अपना ही नहीं मानते तो .. । इसी तरह का वचन भाई को भी अपनी बहिन से लेना चाहिए की तुम अपने सास सुसार को कभी भी बृध्दाश्रम में नहीं छोड़ोगी ? यदि इस बात पर दोनों राजी होते है। तो ये रक्षा बंधन का त्यौहार जो की भाई और बहिन का त्यौहार माना जाता है, उसे सही अर्थो में हम मनाने जा रहे है। यदि हमारे बच्चे इस सत्य को समझ ले तो देश के अधिकांश बृध्दाश्रम बंद हो जायेंगे। सिर्फ वो ही बृध्दाश्रम चलेंगे जिनका इस संसार में कोई नहीं है। खुद की औलाद होते हुए यदि माँ बाप बृध्दाश्रम में रहे तो, आपको इस काबिल क्यों बनाया ? आप उनकी संतान कैसे हो सकते हो ? आप सभी महानुभावो से निवेदन है की अपने बेटा और बेटी को बहार की चमक दमक को छोड़कर उन्हें सही संस्कार दे। जो आज आप करोगे आपकी औलाद भी आपके साथ वो ही करेगी। ये इस संसार का नियम है। ©Ram Singh #Lekh#