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Vinod Mishra
"ये अंधविश्वास का जाता(पीसने वाली पत्थर की चक्की)नहीं, आस्था का तांता है." ©Vinod Mishra "ये अन्धविश्वास का जाता(पीसने वाली पत्थर की चक्की) नहीं,आस्था का तांता है."
"ये अन्धविश्वास का जाता(पीसने वाली पत्थर की चक्की) नहीं,आस्था का तांता है."
read moreAnand Kumar Jha
'मृत्यु का तमाशा देखो' पंच दिवस की ज़िंदगी में, पंच रत्न बन जाता हूँ , जब जीवित रहूँ, तो कौन पूछे मृत्यु हो, तो सब पूछे । स्वार्थ यदि समाया हो सब में , तो क्रूर सभी बन जाएंगे । मैंने देखा है उस राजपाट को , जो मैं शीघ्र ही छोड़ जाऊँगा । जो क्षणभंगुर है, वही सत्य है । माया के बंधन तोड़कर ही जीवन का सार मिलेगा , और आत्मा को शांति का द्वार मिलेगा ।। ©आनन्द कुमार झा #achievement मृत्यु का तमसा, सत्य की राह 🙂
#achievement मृत्यु का तमसा, सत्य की राह 🙂
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी आहे जमाने की लेकर फलफूल रहा था मुठ्ठी में दुनियाँ को लेकर छल बल से डॉलर हड़प रहा था आग लगाकर देशों में मानवता कलंकित कर रहा था बीमारियो का नाम देकर दवाओं का पेटेंट ले रहा था लाशो पर कारोबार करके इराक ईरान यूक्रेन को बर्बाद कर रहा था आज आका की सारी कूटनीति धरी रह गयी है जब खुद झुलसे आग में, मंजर उसके शहर में ही प्रकृति द्वारा नाकासाकी का दोहराया जा रहा है बर्बादी देखकर धरे है हाथों पर हाथ टेक्नोलॉजी का भूत उतरा जा रहा है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #GoodMorning आहे जमाने की लेकर फल फूल रहा था
#GoodMorning आहे जमाने की लेकर फल फूल रहा था
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी आहे जमाने की लेकर फलफूल रहा था मुठ्ठी में दुनियाँ को लेकर छल बल से डॉलर हड़प रहा था आग लगाकर देशों में मानवता कलंकित कर रहा था बीमारियो का नाम देकर दवाओं का पेटेंट ले रहा था लाशो पर कारोबार करके इराक ईरान यूक्रेन को बर्बाद कर रहा था आज आका की सारी कूटनीति धरी रह गयी है जब खुद झुलसे आग में, मंजर उसके शहर में ही प्रकृति द्वारा नाकासाकी का दोहराया जा रहा है बर्बादी देखकर धरे है हाथों पर हाथ टेक्नोलॉजी का भूत उतरा जा रहा है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #sad_quotes आहे जमाने की लेकर फल फूल रहा था
#sad_quotes आहे जमाने की लेकर फल फूल रहा था
read moreRJ VAIRAGYA
मेरी चाहत का सिलसिला कुछ ऐसा चलता रहा वो गैर इंसान मुझसे मुझमें घुलता रहा, न उसे ख़बर हुई मेरी बर्बादी की हर्ष न उसे ख़बर हुई मेरी बर्बादी की न उसकी फ़िदरत का मुझे जायज़ा मिला वो किसी और की बाहों की गर्मी,मुझे मेरी तपिश सी लगी वो किसी और के बग़ीचे का फूल गुलशन रहा मै बेगाना बेफिजूली का भंवरा भटकता रहा,वो किसी और के बाग़ का सुंदर फूल रहा rj harsh sharma ©RJ VAIRAGYA मेरी चाहत का सिलसिला कुछ ऐसा चलता रहा वो गैर इंसान मुझसे मुझमें घुलता रहा, न उसे ख़बर हुई मेरी बर्बादी की हर्ष न उसे ख़बर हुई मेरी बर्बादी क
मेरी चाहत का सिलसिला कुछ ऐसा चलता रहा वो गैर इंसान मुझसे मुझमें घुलता रहा, न उसे ख़बर हुई मेरी बर्बादी की हर्ष न उसे ख़बर हुई मेरी बर्बादी क
read moreJeetal Shah
White दिसंबर की सर्दियों का जादू दिसंबर की सर्दियों का जादू, चिलचिलाती ठंड, और हरियाली का नजारा। साग-सब्जियों की बहार, और गरमा-गरम सूप का आनंद, सर्दियों की रातों में भी, दिल को गरम रखने का मौसम। क्रिसमस की धूम, और सांता क्लॉज़ की कहानी, एक्समास ट्री की सजावट, और चर्च में प्रार्थना की धुन। साल के अंत में, नए साल का स्वागत, 365 नए दिन, नए विचार, नए लक्ष्य, और नए सपने। भूल जाने को पुराने दिन, और नए साल की शुरुआत, नए संकल्पों के साथ, और नए जोश के साथ। दिसंबर की सर्दियों का जादू, हमें नए साल की ओर ले जाने का एक मौसम। ©Jeetal Shah #poem दिसंबर की सर्दियों का जादू दिसंबर की सर्दियों का जादू, चिलचिलाती ठंड, और हरियाली का नजारा।
#poem दिसंबर की सर्दियों का जादू दिसंबर की सर्दियों का जादू, चिलचिलाती ठंड, और हरियाली का नजारा।
read moreMohan Sardarshahari
यह दिल और इसमें चाहत के फूल भेजे जो तुमने सुबह करते हुए भूल किया है उन्होंने असर कुछ इस तरह जैसे जख्मों पर लग गई हो दवा माकूल।। ©Mohan Sardarshahari चाहत के फूल
चाहत के फूल
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