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aditi the writer
तेरे इश्क़ नचाया कर के थैया थैया छेती आवीं वे तबीबा, नई तां मैं मर गइयां तेरे इश्क़ ने डेरा मेरे दिल इच कीता भर के ज़हर प्याला मैं तां आपे पीता मेरे कामिल मुर्शिद, हुन मैं पार लगइयां छुप गया वे सूरज, बाहर रह गयी लाली वे मैं सदके होवां, देवे मुर्जे वे खाली पीरा मैं भुल गइयां, तेरे नाल न गइयां ऐस इश्क़ दे झंगी विच मोर बुलेंदा सान्नु क़िबले ते क़ाबे सोहना यार दिसेंदा सान्नु घायल कर के फेर खबर न लईयां बुल्लेशाह नू सद्दो शाह इनायत दे बूहे जिसने सान्नु पुवाये छोले सावे ते सूहे जां मैं मारी है अड्डी, मिल पया वहैया बुल्ले शाह ©aditi the writer #बाबा बुल्ले शाह R Jain Niaz (Harf) shraddha.meera आगाज़
vidushi MISHRA
Holi is a popular and significant Hindu festival celebrated as the Festival of Colours, Love, and Spring. कितने रंग होली पर चढ़े और होली में ही उतर भी गये और एक आपकी यादों और वादो का रंग है जो आज तक उतरा ही नहीं और भी गहरा होता चला गया... ©vidushi MISHRA बाबा
Nik JAT
वो समुद्र की तरह थे, गहरे और शांत, मुस्कान इतनी प्यारी, जैसे-फूलों की सुंदर सी फुलवारी, स्वभाव इतना शीतल, जैसे-कड़ी धूप में इकलौता हरा -भरा पीपल, वो समुद्र की तरह थे, गहरे और शांत, नादान से बच्चे की तरह करते थे बातें, कभी -कभी बातें ऐसी, जैसे - नासमझी से ज़िंदगी की कहानी सुना रहे हों, रूठना तो उन्हें,क्या खूब आता था, कहीं उनकी तबियत खराब ना हो जाएं, ये सोच कर जब पापा, घर से बाहर जाने को मना करते थे, फिर देखो उनका ड्रामा - कैसे गुस्से से मुंह फूला कर नाक सुकड़ते थे। रूठना तो उन्हें, क्या खूब आता था, जब वो कहीं जाते तो घर सुना कर जाते, हर शक्श की नज़रे उन्हीं को तलाश करती, याद उन्हीं को करके, बस उन्हीं की बात करती। वो समुद्र की तरह थे, गहरे और शांत, जब पता चला,उनकी तबीयत खराब हैं, उदासी का मंजर,काले बादलों को तरह छा रहा था। बुरे विचारो का सैलाब, तेजी से आ रहा था, और घर हर शक्श झूठा सा मुस्कुरा रहा था। जब पता चला,उनकी तबीयत खराब हैं वो समुद्र की तरह थे, गहरे और शांत, मेरी कविता के हर किस्से, उन्हीं की जिंदगी के हैं हिस्से। ©Nik JAT #प्यारे बाबा
aditi the writer
Men walking on dark street तेरे सहु रावन दी वेरा, सुती हैं तां जाग, मोढे तेरे दोइ जणे, लिखदे नी आब सवाब ।।रहाउ। इह वेला न लहसें कुड़ीए, थीसें तूं बहुत ख़राब ।। कहै हुसैन शहु लेखा पुच्छसी, देसें तूं कवनु जबाब शाह हुसैन ©aditi the writer #Emotional #शाह हुसैन Kundan Dubey Niaz (Harf) आगाज़ R Jain
Shashi Bhushan Kumar
दुनियां को झूठे लोग ही पसंद आते हैं, थोड़ी से सच्चाई कह देने से आजकल अपने ही रूठ जाते हैं..! आदर्श , , ©Shashi Bhushan Kumar #आदर्श_की_कलम_से बाबा ब्राऊनबियर्ड
aditi the writer
कि मुक्क जाना सी वारिस शाह दा, लिखी रांझे नाम जे हीर हुंदी। वख रूह नालो रूह वी हो सकदी, नई दिल चो वख तस्वीर हुंदी। वारिस शाह ©aditi the writer #वारिस शाह Niaz (Harf) R Jain Kundan Dubey Sagar Parasher आगाज़