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Yudi Shah
यहाँ अब कोइ, फिक्र जैसी बात नहि रहा यहाँ अब कोइ, जिक्र जैसी बात नहि रहा टुट गए सारी मन्जिल, जो देखे थे मिल के खवाब भि कुछ अरमानो कि ताज भि अब वो बस धिरे-धिरे दुरिया दिखाने लगि है मेरि मौत को बस अब जरासा महकाने लगि है कुछ दिनो मे पता चलेगा कितना था अपना कितना पराया... ✍️Yudi Shah ©Yudi Shah यहाँ अब कोइ, फिक्र जैसी बात नहि रहा यहाँ अब कोइ, जिक्र जैसी बात नहि रहा टुट गए सारी मन्जिल, जो देखे थे मिल के खवाब भि कुछ अरमानो कि ताज भि
Vandana
यह कैसी है तेरी सकपकहाट आ कुछ पल जी ले,,झूम ले मस्ती से,,, कुछ कहने सुनने में हम हो गए पुराने खत्म हुए दस्तूर दिलों के,,उबाऊ हो गए जमाने,,,,, गुफ़्तगू जब तक न थी कुछ बात यू थी छिपे थे ख्यालात दबे थे
R R V D dron
जमाने गुजर गए ,तेरे ख्यालातों में । पर क्या पता होगी मेरी मुलाकात,इन भीगी वर्षातो में। अरमानो में ।
Parasram Arora
मेरे अरमानो का ज़नाज़ा आज निकल गया है अब मचलने के लीये नहीं रहा कोई खिलौमा हमारे पास जीते जी धकेल दिया लोगो ने मुझे कब्र मे दम अभी निकला नहीं था पर कुछ साँसे अभी भी थी बाकी मेरे पास वो लोग कोई और रहे होंगे जिनके कोयले चंदन बने. थे तज़ुरबो क़ो पिघलाने के लिए नहीं थी कोई आंच हमारे पास ©Parasram Arora अरमानो का ज़नाज़ा
Arora PR
अरमानो का ज़नाज़ा तों निकलना हीं था. एक दिन अब तों मन बहलाने के किये कोई खिलौना भी नहीं है मेरे पास. गमो के ये विशाल पहाड़ क्या मुझ पर ही टूटने थे अब तों सम्भलने के लिए कोई ताकत भी नहीं है मेरे पास ©Arora PR ज़नाज़ा अरमानो का
priya sharma
अरमानों की गठरी बांधे गांव से शहर आए हैं.. कुछ हसरतो को दिल में लिए माँ-बाप की उम्मीदे भी साथ लाए हैं.. बहन की शादी का सपना भी साथ-साथ चल रहा हैं.. इस छोटे से मन में ना जाने क्या-क्या पल रहा हैं.. ख्वाब, ख्वाहिशों, जिम्मेदारियों का बोझ बढ़ता जा रहा हैं.. और ये वक्त है के हाथ से निकलता जा रहा हैं.. कोशिशें मेरी फिर भी निरंतर जारी है.. मै भी हार नहीं मानूँगा ऐ वक्त.. कुछ कर गुजरने की मन में जो ठानी है. --प्रिया शर्मा ©priya sharma #अरमानो की गठरी...
Adesh K Arjun
मुझे क्या मिला मैं क्या पाया कल दखेंगे, आज अरमानों का जनाजा़ तो देख लेने दो !! ©Adesh K Arjun # अरमानो का जनाजा़
khushboo subraj tiwari
उनको ख़ुश देखने के खातिर, खुद को ग़मो का सैलाब दिया, उनको हर वो चीज मिले जिसकी उनको चाहत है, इसलिए अपनी चाहत को ठुकरा दिया, वो जानते थे सब मेरे मन की पर, बस खुद के के खातिर, मेरी सभी अरमानो को उन्होंने खाक किया....... मेरे अरमानो को खाक......