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Stories related to पोएट्री थे वौइस् ऑफ़ हार्ट

TUFAN

मोटिवेशनल कोट्स ऑफ़ द डे

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I love you too ❤ okay theek hai bad Mein Kahin ja raha hun bad Mein Baat Karta

©TUFAN  मोटिवेशनल कोट्स ऑफ़ द डे

The Insecure Being

व्यस्त sad😔पोएट्री

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White भीख की तरह देते हैं वो समय हमको
इससे अच्छा तो समय न ही दो,
बताते हैं वो "व्यस्त" खुदको,
इतनी सस्ती गोली तो यार न ही दो
हम क्या हैं वो हमें है मालूम,
तुम तो हमें हमारा परिचय न ही दो
और हां,
रहो मशग़ूल अपने ही शामियानों में तुम हमेशा,
अब जो बचा है, उसे दोस्ती का नाम तो न ही दो!





@theinsecurebeing

©The Insecure Being व्यस्त #sad😔पोएट्री

Prakash Vidyarthi

a-person-standing-on-a-beach-at-sunset " सरस्वती वंदना"
::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::


विद्यादायिनी,         ज्ञान विषारद 
हम दिन बालक तुझको उच्चारत।
ऋषि मुनि सभी तुझको उच्चारत।
तेरे पुंजू चरण दर पे।
हे मां सरस्वती,     रख हाथ मेरे सरपे।
हे मां शारदे, मेरा जीवन सफ़ल करदे।।

शास्त्रों और विज्ञानों में, तू हैं वेद पुराणों में।
महाभारत रामायण में भी, बसी हैं सबकी जुबानों में।।
रूप तुम्हीं हो गुरुवर के 
हे मां सरस्वती......२

तू ही जननी श्रृष्टि हैं,            ज्ञान बुद्धि प्रकृति हैं।
पशु पक्षी सभी जीव चराचर, की तू मईया दृष्टि हैं।।
दानव मानव सभी रंक राजा की, तू मईया दृष्टि हैं।।
तेरे दर्शन को तरसे।
हे मां सरस्वती........२

भाव भरी भवभूति मां, श्रद्धा प्रेम की भूखी मां।
सुषमा सुकून मांगे रौशनी, करे बंदगी प्रार्थना।।
विद्यार्थी को ज्ञान भर दें।
मांगू आशीष प्रकाश वरदे 
हे मां सरस्वती...…

स्वरचित:- प्रकाश विद्यार्थी भोजपुर बिहार

©Prakash Vidyarthi #SunSet #पोएट्री #गीत #song #thought_of_the_day

Prakash Vidyarthi

Unsplash "मैने शादी करली"
::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::

बातों ही बातों में मैने आज शादी करली।
सात फेरो के रस्मो को पूरा आजादी करली।।

प्राकृतिक वातावरण में सज धज।
खुला अम्बर सूर्य किरण जग मग।।

मानो विवाह मंडप बना हो पर्वत।
हरे भरे चौकोर पेड़ पौधें हरसत।।

जल जीवन को सह साक्षी मानकर।
सूर्य देव पक्षीयो को ईश्वर जानकर।।

चले कदम से कदम मिलाकर।
आगे पाक्षे पग चले डुलाकर।।

ख़ुद से ही वैदिक मंत्रोच्चारण किए।
रिवाजों के नियम को पालन किए।।

वसन पट सूत का वरमाला बनाएं।
मंगलसूत्र समझ कन्या को पहनाए।।

हर्षित पुलकित दुल्हन बलखाए।
देख विधि मन मंद मंद मुस्काए।।

मिट्टी का लाल भाव सिन्दूर सुहाए।
लाए माथ सुहागन बन ठन इठलाए।।

धाय अन्ततः शुभ आशीष शरण को।
कुर्सी स्नेहिल एक दूजे के छुए चरण को।।

पति पत्नी अब बने सुन्दर जोड़ी।
एक शिवा तो दूजा गौरा गुणी गोरी।।

हुईं रात्रि विश्राम धाय दोनों धामा।
बेला मिलन की आई सुहागरात रामा।।

एकदम अनाड़ी दूल्हा दुल्हन बुद्धि विवेकी।
ऑनलाइन हुआ प्रेम प्रदर्शन मिलन मुंह सेकी।।

स्वरचित -: प्रकाश विद्यार्थी भोजपुर बिहार

©Prakash Vidyarthi #lovelife #पोएट्री

jakhmi shayar

मोटिवेशनल कोट्स ऑफ़ द डे

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true life 🧬🧬🧬🧬

©jakhmi shayar  मोटिवेशनल कोट्स ऑफ़ द डे

jyoti Rana

मोटिवेशनल कोट्स ऑफ़ द डे

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come back 🔙👿

©jyoti Rana  मोटिवेशनल कोट्स ऑफ़ द डे

@nikhil._

मोटिवेशनल कोट्स ऑफ़ द डे

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Prince King

मोटिवेशनल कोट्स ऑफ़ द डे

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Gurudeen Verma

#पोएट्री लव शायरी लव स्टोरी

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White शीर्षक- आदमी मैं नहीं वैसा
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आदमी मैं नहीं वैसा, जैसा कि तुम मानते हो।
हकीकत क्या है मेरी, तुम नहीं जानते हो।।
आदमी मैं नहीं वैसा------------------------।।

मुझको पसंद नहीं है झूठ, ना झूठ मैं बोलता हूँ।
सच को तुम सुनना नहीं चाहते, इसलिए चुप रहता हूँ।।
जब भी बोला मैं सच तो, मुझे सच की सजा मिली।
इसीलिए हूँ मैं अकेला, यह नहीं जानते हो।।
आदमी मैं नहीं वैसा---------------------।।

मुझको भी चाहिए खुशी, देखता हूँ ख्वाब ऐसे।
मांगें मुझसे सभी खुशियां, इतने हो पास मेरे पैसे।।
मतलब मुझको भी चाहिए, शान और शौहरत।
मकसद मेरा यह तुम, शायद बुरा मानते हो।।
आदमी मैं नहीं वैसा----------------------।।

एक तरफा मोहब्बत क्या, जायज नहीं कहलाती है।
प्यार करना गुनाह है क्या, दुनिया किससे चलती है।।
लेकिन उससे मेरा प्यार, सच्चा और पवित्र है।
नहीं हूँ बेवफा मैं, क्यों सच नहीं मानते हो।।
आदमी मैं नहीं वैसा--------------------।।



शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा ऊर्फ़ जी. आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma #पोएट्री  लव शायरी लव स्टोरी

Prakash Vidyarthi

White "प्रथा स्वयंवर होता"
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काश फिर से कोई प्रथा स्वयंवर होता।
नीचे स्वतंत्र धरती ऊपर खुला अम्बर होता।।

मिलता सबको आमंत्रण सब धुरंधर होता।
न कल छपत किसी के अन्दर होता।।

भेदता कोई जन मानव मछली की आँखें सही आंसर होता।
बन जाते सारथी कान्हा जीवन में न भूमि कोई बंजर होता।।

प्रेमी अपनी प्रतिष्ठा में जाता सात समन्दर होता।
प्रेम की परीक्षा में जो जीता वहीं सिकन्दर होता।।

कोई भी राम सीता लखन कोई बजरंगी बन्दर होता।
जाती धर्म के बन्धन से परे मुहब्बत का मंतर होता।।

न कोई बड़ा न कोई छोटा न कोई छुछुंदर होता।
समानता का सामान अवसर प्राप्त पुरंदर होता।।

तोड़ देता कोई भी धनुष शिव भक्ती का तंतर होता।
सह लेता कोई भी कष्ट चाहें पथ में कांटे कंकड़ होता।।

त्याग देती गर सुख नारी लोभ लालच न किसी के अन्दर होता।
स्वर्ग से सुन्दर लगता भारत न श्रृंगार जलन जालंधर होता।।

मिलता सबको बराबर मौका शुभ मुहूर्त का जंतर होता।
करता प्रयास हर विद्यार्थी  गर न कोई भेदभाव अन्तर होता।।

जीत लेता प्रकाश कलयुगी सीता को न कोई आडंबर होता।
गूंजता जय माता दी हर दिशा में खुश ब्रह्मा विष्णु शंकर होता।।

स्वरचित -प्रकाश विद्यार्थी।  भोजपुर आरा बिहार

©Prakash Vidyarthi #Sad_Status #पोएट्री #कविता_शिव_की_कलम_से
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