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Anand Kumar Ashodhiya
मुफ्तखोरी साधन सम्पन्न इज्जतमन्द भी करण लागगे जारी मुफ्तखोरी और लालच की लोगो देश के लगी बिमारी म्हारे कोठी बंगले महल हवेली, गाडी घोड़े खड़े हुए अन्न धन का म्हारे टोटा कोन्या, देहली ताही अड़े हुए सरकारी पेन्शन मिलज्या, जणु पैसे पाग्ये पड़े हुए सरकारी राशन मिलज्या फेर, गेहूँ मिलो चाहे सिड़े हुए मुफ्त का राशन, मुफ्त की पेन्शन, लालच होग्या भारी कर फर्जीवाड़ा कागज़ात में, उम्र पुराणी लिखवाली चालीसवें में साठ लिखाकै, बुजुर्ग पेन्शन बणवाली हर महीने ल्यु नकद पेन्शन, साथ मे ल्यावै घरवाली कर कै दस्तख झूठ मूठ के, बैंक की कापी भरवाली लूट लूट कै घर भर ल्यूँगा, चाहे कोष रीतो सरकारी मिलीभगत और रिश्वत आगे, सब सिस्टम बेकार हुआ सरकारी बाबू तै मिलकै, मैं राशन का हकदार हुआ बी पी एल का कार्ड ले कै, मैं मँगता में शुम्मार हुआ गरीब आदमी का हक था मैं, ले के राशन पार हुआ गरीब मरो चाहे भूखा रहो, के मेरे सिर जिम्मेवारी ऐंठ अकड़ दुगणी राखूं खा, बेईमानी का राशन मैं घिट्टी के म्ह बुडका भरल्यूं, जो खलल करै मेरे शासन में गवर्नमेंट ना किसे काम की, देउँ बेशर्मी तै भाषन मैं पतली गली तै चोरी कर कै, खुड़कण दयूंना बासन मैं आनन्द शाहपुर चोर मोर पे, हुई चोरां की सरदारी गीतकार : आनन्द कुमार आशोधिया ©Anand Kumar Ashodhiya मुफ्तखोरी #हरियाणवी
Jai Singh
सब जानते है सब मानते है कि कुछ भी मुफ्त नही होता । मगर फिर भी अपने आप को अपनी रूह, अपनी सोंच को अपना सर्वस्व दांव पर लगा मुफ्तखोरी हरामखोरी के हर अवसर के पीछे, जानवरों की तरह भागमभाग क्यूँ है ।।। इतना भी स्वाभिमान आत्मसम्मान क्यूँ नही है।।।। इंसान होने का अभिमान क्यों नही है #अभिमान #स्वाभिमान #मुफ्तखोरी #हरामखोरी
Sunita Shanoo
पानी की बरबादी करती, ओवरफ्लो करती टंकियां पूरा घर खराब कर देती हैं, उसी तरह दुनियाभर के शुभचिंतक, रायचंद ज़िन्दगी खराब कर देते हैं। सीलन चाहे मकान में हों सीलन चाहे घर में हों सीलन रिश्तों में हो जिम्मेदार आदमी स्वयं ही होता है। पानी, बरबादी, दिल्ली, मुफ्तखोरी, सीलन, रिश्ते, मकान
Rahul Shastri worldcitizens2121
Safar July 10,2019 सत्संग का अर्थ होता है गुरु की मौजूदगी! गुरु कुछ करता नहीं हैं, मौजूदगी ही पर्याप्त है। ओशो सत्संग का अर्थ
Aman Baranwal
मिट्टी का जिस्म और आग सी ख्वाहिशें, खाक होना लाजमी है, क्योंकि आदमी आखिर आदमी है! जीवन का अर्थ
divya...
इश्क़ आज भी है मगर राधा- कृष्ण जैसा नहीं ... होगे एक - आध भी उनके जैसे अगर... तो उनको चैन का जीवन नहीं... लोगो को प्रेम का हर दस्तूर झुटा लगता है... क्योंकि उन्होंने कभी किसी से .... सच्चा प्रेम किया ही नहीं... प्रेम का अर्थ...
Kumar Gunjan
"सफलता" कभी भी अर्थ शिक्षा, पद या गरिमा द्वारा निर्धारित नहीं की जा सकती सफलता एक संतुष्टि हैं, जिसे आप निर्धारित करते है। सफलता का अर्थ