Find the Latest Status about स्वास्तिक चिन्ह from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, स्वास्तिक चिन्ह.
Guru mantra 444
Shravan Goud
स्वस्तिक शब्द सु+अस+क से बना है। 'सु' का अर्थ अच्छा, 'अस' का अर्थ 'सत्ता' या 'अस्तित्व' और 'क' का अर्थ 'कर्त्ता' या करने वाले से है। इस प्रकार 'स्वस्तिक' शब्द का अर्थ हुआ 'अच्छा' या 'मंगल' करने वाला। 'अमरकोश' में भी 'स्वस्तिक' का अर्थ आशीर्वाद, मंगल या पुण्यकार्य करना लिखा है। स्वास्तिक ----------- एक आकार जिसमें समाया है ओं कार, एक कृति, जिसमें समाई जीवन की प्रवृत्ति।
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat आवारां सी कश म कश सी लगी ज़िन्दगी। तूफ़ान उठता रहा। हल चल दिखाता रहा। रंजो गम में गुम सी थी।तूफ़ान था आंखो में। लाल सुर्ख गुलाबी रंगो में बादल नज़र आते रहे। यादें पुरानी ताज़ा करती रही। तूफानों में कशितिया डुबाती रही। सात समुद्र पार जाते रहे। उमड़ घुमड़ लहरों में उछलते रहे।मचलते रहे। बगैरअनुमति अपनी आंखो में बसाते रहे। बहाते रहे।कुछ पुराने किस्से बंद किताबों से। निकल कर सवाल करने लगे। तू कण कण में मौजूद है। मेरी आंगन की तुलसी की परिक्रमा में भी तुम थे। मेरे तांबे के लोटे के जल में भी परछाई थी तुम्हारी। द्वार पर बने स्वास्तिक चिन्ह के कुमकुम ने तुम थे। कहां थे तुम। कहां थे तुम। मेरे हाथों की लकीरों में थे क्या तुम। बहुत देर तक पढ़ती रही ।मिलाती रही। कभी उल्टा करती।कभी सीधा करती। बस हाथों को निहारती। और सोचती । तुम हो या नहीं। हो तो कहा हो। होती साथ क्यूं नहीं। नाम था तो दिखता क्यूं नही। लकीरों कुछ धुलने लगी थी। बसी लकीरों को मिटाती रही। नई किरदारों को परखती रही। क्या हुआ अगर ज़िंदगी की सच्चाई। नज़र आने लगी। वक़्त रहते आंखे खुल गई। तबांही के ज़लज़ले जोंरे पर थे। कुछ नए कुछ पुराने। बस किस्से कुछ कहानियां । बनती रही। राहीं बन कर चलते रहे। चलते रहे।चलते रहे। #quote #mythoughts #feelings #yqbaba #yqquotes Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat आवारां सी कश म कश सी लगी ज़िन्दगी। तूफ़ान उठता रहा। हल चल
Sunita Shanoo
कौन सा बंधन है जिससे खुद-ब-खुद बंध गई हूँ मै क्यों यह सिंदूरी रेखा दिलाती है एहसास कि मैं तुम्हारी रहूँगी सदा एक नहीं सात जन्मों तक चाहत है तुम्हें सिर्फ़ तुम्हें पाने की किन्तु तुम पर क्यों नहीं नजर आता मेरे बस मेरे होने का एक भी चिह्र्न-?? (मन पखेरू काव्य संग्रह से) चिन्ह
Bhavya prakash
दिल में लगी चोट और नियत में भरी खोट दोनों तड़पा कर छोड़ देते हैं | ©Bhavya prakash शायर स्वास्तिक