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Shivkumar
White { ∆ कड़क कविता किसी को पता नहीं है, लेकिन मैं इसे साझा कर रहा हूं क्योंकि मैं इस विचार को समझता हूं.. कम शब्दों में बहुत कुछ कहा जाता है ।। ∆ } मेँ भारत देश का रहने वाला हू हाथ में हर चीज़ आयताकार होनी चाहिए....!! ये बिजली कभी नहीं बचाएगी बील लेकिन माफ़ करें...!! मै कोई पेड़ नहीं लगाऊंगा बारिश लेकिन अच्छी...!! कभी शिकायत नहीं करूंगा लेकिन कार्रवाई की तत्काल आवश्यकता है....!! इन नेताओ का रिश्वत के बिना काम नहीं होगा लेकिन भ्रष्टाचार को ख़त्म होना ही चाहिए...!! मैं कचरा खिड़की से बाहर फेंक दूँगा लेकिन शहर में स्वच्छता की जरूरत है....!! मैं काम पर समय व्यतीत करूंगा लेकिन हर साल एक नये वेतन आयोग की जरूरत होती है....!! जाति के नाम पर रियायत मै लूंगा लेकिन यह मेरा देश धर्मनिरपेक्ष होना चाहिए...!! मैं वोट देते समय जाऊंगा लेकिन ये जातिवाद बंद होना चाहिए...!! मैं इस टैक्स भरते समय उन कमियां ढूंढूंगा लेकिन ये विकास को पुरी मजबूती से ,होना या करना चाहिए....!! ©Shivkumar #VoteForIndia #Vote #चुनाव #मतदान #Politics { ∆ कड़क कविता किसी को पता नहीं है, लेकिन मैं इसे साझा कर रहा हूं क्योंकि मैं इस #विचार को
चौधरी पंकज सिंह
रामनवमी की शुभकामनाएं :- —————————— आप समस्त देशवासियों को चौधरी लीगल सर्विसेज की तरफ से मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम जन्मोत्सव के पावन पर्व “श्री रामनवमी" की हार्दिक शुभकामनाएँ। भगवान श्री राम ने जीवन में आदर्श, त्याग, सत्य, नैतिकता, न्याय और निष्ठा के प्रतिमान स्थापित किए हैं। मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम का जीवन चरित्र समस्त मानव जाति के लिए एक आदर्श एवं कल्याणकारी है। #advocatepankajsingh ©चौधरी पंकज सिंह #navratri रामनवमी की शुभकामनाएं :- —————————— आप समस्त देशवासियों को चौधरी लीगल सर्विसेज की तरफ से मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम जन्मोत्
N S Yadav GoldMine
{Bolo Ji Radhey Radhey} ना मैं एक बच्चा हूँ, ना एक नवयुवक, ना ही मैं पौराणिक हूँ, ना ही किसी जाति का हूँ, में तो अपने गिरधर गोपाल का हूँ, और सिर्फ उनके लिए ही हूँ। ©N S Yadav GoldMine #navratri {Bolo Ji Radhey Radhey} ना मैं एक बच्चा हूँ, ना एक नवयुवक, ना ही मैं पौराणिक हूँ, ना ही किसी जाति का हूँ, में तो अपने गिरधर गोप
Kuldeep KumarAUE
अक्सर मैंने देखा है लोगों को लोग अपनी जाति और धर्म के अलावा कुछ सोच ही नहीं पाते हैं ऐसे लोग अनपढ़ होते हैं ©Kuldeep KumarAUE #retro अक्सर मैंने देखा है लोगों को लोग अपनी जाति और धर्म के अलावा कुछ सोच ही नहीं पाते हैं ऐसे लोग अनपढ़ होते हैं #kuldeepkumaraue
Sarvesh Kumar Maurya
Kuldeep KumarAUE
जब मैं भूखा था मेरा साथ किसी ने नहीं दिया न ही जाति ने दिया न ही धर्म ने दिया न ही रिश्तों ने दिया न ही अपनों ने दिया क्योंकि मेरे पास कुछ बचा ही नहीं था उस समय मेरा साथ मां-बाप ने दिया ©Kuldeep KumarAUE #wholegrain जब मैं भूखा था मेरा साथ किसी ने नहीं दिया न ही जाति ने दिया न ही धर्म ने दिया न ही रिश्तों ने दिया न ही अपनों ने दिया क्योंकि म
Kuldeep KumarAUE
लोग मुझसे सबसे पहले मेरी जाति पूछते हैं नीचे दिखाने के लिए जब मैं उनको अपनी एजुकेशन बताता हूं तो वह खुद मुंह दिखाने के लायक नहीं रहते हैं ©Kuldeep KumarAUE #mahashivaratri लोग मुझसे सबसे पहले मेरी जाति पूछते हैं नीचे दिखाने के लिए जब मैं उनको अपनी एजुकेशन बताता हूं तो वह खुद मुंह दिखाने के ला
Prabodh Prateek
देखो,हम बहुत पाखंडी लोग हैं। हम अपने को प्राचीनतम महान संस्कृति वाले आदर्शवादी और नैतिक मानते हैं परंतु हमसे ज़्यादा नीच और क्रूर जाति दुनिया में कोई नहीं। अफ्रीका के जंगली कबीलों में भी नारी पर उतने अत्याचार नहीं होते जितने हम करते हैं और कहते हैं नारी पवित्र और पूज्या है। हरिशंकर परसाई ©Prabodh Prateek #SunSet देखो,हम बहुत पाखंडी लोग हैं। हम अपने को प्राचीनतम महान संस्कृति वाले आदर्शवादी और नैतिक मानते हैं परंतु हमसे ज़्यादा नीच और क्रूर जा
Bharat Bhushan pathak
छंद- विजात छंद विधान-यह १४ मात्रिक मानव जाति का छंद है। इसकी १,८ वीं मात्रा का लघु होना अनिवार्य है। इसके अंत में २२२ वाचिक भार होता है।यह चार चरणों वाला छंद है।क्रमागत दो-दो चरण या चारों चरण समतुकान्त होता है। मापनी- लगागागा लगागागा १२२२ १२२२ चमकती जब,यहाँ चपला। करे हे यह,बहुत घपला। सदा यह प्राण लेती है। कभी ना त्राण देती है।।१ रहम भी खूब ये करती। इसी से है, हरी धरती।। चमकना शान्त हो ऐसे। चमकता चाँद हो जैसे।।२ ©Bharat Bhushan pathak #Reindeer छंद- विजात छंद विधान-यह १४ मात्रिक मानव जाति का छंद है। इसकी १,८ वीं मात्रा का लघु होना अनिवार्य है। इसके अंत में २२२ वाचिक भार